Movie Review
रंजिश ही सही
कलाकार
ताहिर राज भसीन
,
अमला पॉल
,
अमृता पुरी
,
जरीना वहाब
,
पारस प्रियदर्शन
,
नैना सरीन
,
मदन देवधर
और
सौरभ सचदेवा
लेखक
पुष्पराज भारद्वाज
निर्देशक
पुष्पराज भारद्वाज
निर्माता
जियो स्टूडियोज
ओटीटी
वूट सेलेक्ट
कभी आपने सोचा कि ये विदेशी ओटीटी पर दिखने वाले ‘मनी हाइस्ट’, ‘ब्लैकलिस्ट’, ‘स्क्विड गेम्स’, ‘गेम्स ऑफ थ्रोन्स’ या फिर ‘हॉकआई’ जैसे शोज हिंदी में क्यों नहीं बनते? वजह आपको वूट सेलेक्ट पर रिलीज हुई नई वेब सीरीज ‘रंजिश ही सही’ देखकर समझ आ सकती है। अहमद फराज की लिखी गजल ‘रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ, आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ…!’ जैसी भावनाएं इस सीरीज के रचयिता महेश भट्ट में बीते तमाम दशकों से उछाल मारती रही हैं। जिंदगी को उन्होंने करीब से देखा भी है, जिया भी है। भोगा भी है, भुगता भी है। जब तक वह अपने इन हालात से निकली कहानियों को लेकर ईमानदार रहे। उनकी खूब इज्जत हुई। फिर वह नए निर्देशकों को सामने फर्श पर बिठाकर दरबार लगाने लगे। फर्श पर बैठने वाले ये निर्देशक अर्श पर पहुंच गए। महेश भट्ट वहीं सोफे पर पालथी लगाए रह गए। हां, उनके सामने फर्श पर बैठने वाले नए नवेलों की तादाद अब भी कम नहीं है। वेब सीरीज ‘रंजिश ही सही’ महेश भट्ट के गुरबत के दिनों से निकली वह कहानी है जिसे पिछली पीढ़ी थिएटर में फिल्म ‘अर्थ’ के नाम से पहले ही देख चुकी है और मार्वेल सिनेमैटिक यूनीवर्स से दिल लगा चुकी पीढ़ी को ऐसे किसी निर्देशक की निजी कहानी में दिलचस्पी नहीं है।