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पाकिस्तान: ऑनलाइन कारोबार में करोड़ों के घोटाले के बाद दो लोग गिरफ्तार, आतंकी वित्तपोषण व धनशोधन के लिए पैसों का इस्तेमाल

एजेंसी, इस्लामाबाद
Published by: देव कश्यप
Updated Tue, 11 Jan 2022 12:58 AM IST

सार

संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने कराची में छापेमारी की और ऑनलाइन कारोबार के नाम पर 20 करोड़ रुपये (11.4 करोड़ डॉलर) के घोटाले में शामिल दो लोगों को पकड़ा। एक अधिकारी ने कहा कि उन्होंने ऑनलाइन कंपनियों के एक निदेशक और एक सीईओ को गिरफ्तार किया है।

ऑनलाइन व्यापार घोटाले में दो लोग गिरफ्तार। (सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : istock

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पाकिस्तानी अधिकारियों ने 11.4 करोड़ डॉलर के ऑनलाइन व्यापार घोटाले में दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। ये गिरफ्तारी देश में 10 करोड़ डॉलर से ज्यादा की क्रिप्टोकरेंसी निवेश धोखाधड़ी का खुलासा होने के बाद शुरू हुई जांच के ठीक एक दिन बाद की गई हैं। जानकारी के मुताबिक इस रकम का इस्तेमाल आतंकी वित्तपोषण और धनशोधन के लिए किया जा रहा है।

द नेशन अखबार ने बताया कि संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने कराची में छापेमारी की और ऑनलाइन कारोबार के नाम पर 20 करोड़ रुपये (11.4 करोड़ डॉलर) के घोटाले में शामिल दो लोगों को पकड़ा। एक अधिकारी ने कहा कि उन्होंने ऑनलाइन कंपनियों के एक निदेशक और एक सीईओ को गिरफ्तार किया है।

एफआईए साइबर अपराध विंग के अतिरिक्त निदेशक इमरान रियाज ने बताया कि क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फाइनेंसिंग में किया जा रहा है। इस मामले में क्रिप्टोकरेंसी कारोबार से जुड़ी एक चर्चित कंपनी बिनांस को नोटिस भी जारी किया गया है। कई मोबाइल एप के जरिये ऑनलाइन निवेश के दौरान यह घोटाला हुआ। इस बारे में बिनांस कंपनी की भूमिका बताई जा रही है। यह कंपनी केमैन द्वीपसमूह में पंजीकृत है और केमैन आइलैंड्स को टैक्स चोरी का ठिकाना माना जाता है।

इस तरह हुई धोखाधड़ी
एफबीआई ने अपनी जांच में पाया कि ऑनलाइन निवेश में पॉन्जी योजनाओं की तरह के घोटाले हुए हैं। इन निवेश योजनाओं में निवेशकों को लालच दिया गया कि वे अधिक लोगों को निवेश के लिए राजी करें और ऊंची दर से फायदा उठाएं। एफबीआई के मुताबिक, ऐसी योजनाओं में नए निवेशकों की कीमत पर पुराने निवेशकों को कुछ समय तक फायदा पहुंचाने के कुछ समय बाद स्कीम के संचालक गायब हो जाते हैं।

हर निवेशक ने 2,000 डॉलर लगाए
हर एप के जरिये कम से कम पांच हजार आवेदन बिनांस कंपनी को मिले। एचएफसी नाम के एक एप के जरिये 30 हजार से अधिक लोगों ने बिनांस पर खुद को पंजीकृत कराया। लोगों ने सौ से 80 हजार डॉलर तक का निवेश इन एप्स के जरिये क्रिप्टोकरेंसी में किया। औसतन हर निवेशक ने 2,000 डॉलर लगाए। इस तरह कुल लगभग दस करोड़ डॉलर का निवेश किया गया। यानी इतनी बड़ी रकम की धोखाधड़ी हुई है।

विस्तार

पाकिस्तानी अधिकारियों ने 11.4 करोड़ डॉलर के ऑनलाइन व्यापार घोटाले में दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। ये गिरफ्तारी देश में 10 करोड़ डॉलर से ज्यादा की क्रिप्टोकरेंसी निवेश धोखाधड़ी का खुलासा होने के बाद शुरू हुई जांच के ठीक एक दिन बाद की गई हैं। जानकारी के मुताबिक इस रकम का इस्तेमाल आतंकी वित्तपोषण और धनशोधन के लिए किया जा रहा है।

द नेशन अखबार ने बताया कि संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने कराची में छापेमारी की और ऑनलाइन कारोबार के नाम पर 20 करोड़ रुपये (11.4 करोड़ डॉलर) के घोटाले में शामिल दो लोगों को पकड़ा। एक अधिकारी ने कहा कि उन्होंने ऑनलाइन कंपनियों के एक निदेशक और एक सीईओ को गिरफ्तार किया है।

एफआईए साइबर अपराध विंग के अतिरिक्त निदेशक इमरान रियाज ने बताया कि क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फाइनेंसिंग में किया जा रहा है। इस मामले में क्रिप्टोकरेंसी कारोबार से जुड़ी एक चर्चित कंपनी बिनांस को नोटिस भी जारी किया गया है। कई मोबाइल एप के जरिये ऑनलाइन निवेश के दौरान यह घोटाला हुआ। इस बारे में बिनांस कंपनी की भूमिका बताई जा रही है। यह कंपनी केमैन द्वीपसमूह में पंजीकृत है और केमैन आइलैंड्स को टैक्स चोरी का ठिकाना माना जाता है।

इस तरह हुई धोखाधड़ी

एफबीआई ने अपनी जांच में पाया कि ऑनलाइन निवेश में पॉन्जी योजनाओं की तरह के घोटाले हुए हैं। इन निवेश योजनाओं में निवेशकों को लालच दिया गया कि वे अधिक लोगों को निवेश के लिए राजी करें और ऊंची दर से फायदा उठाएं। एफबीआई के मुताबिक, ऐसी योजनाओं में नए निवेशकों की कीमत पर पुराने निवेशकों को कुछ समय तक फायदा पहुंचाने के कुछ समय बाद स्कीम के संचालक गायब हो जाते हैं।

हर निवेशक ने 2,000 डॉलर लगाए

हर एप के जरिये कम से कम पांच हजार आवेदन बिनांस कंपनी को मिले। एचएफसी नाम के एक एप के जरिये 30 हजार से अधिक लोगों ने बिनांस पर खुद को पंजीकृत कराया। लोगों ने सौ से 80 हजार डॉलर तक का निवेश इन एप्स के जरिये क्रिप्टोकरेंसी में किया। औसतन हर निवेशक ने 2,000 डॉलर लगाए। इस तरह कुल लगभग दस करोड़ डॉलर का निवेश किया गया। यानी इतनी बड़ी रकम की धोखाधड़ी हुई है।

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