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Sulli Deals App: जहां सबसे पहले रची गई थी मुस्लिम महिलाओं को ट्रोल कराने की साजिश, एप बनाने वाला ओंकारेश्वर चार दिन की पुलिस कस्टडी में

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Mon, 10 Jan 2022 01:26 AM IST

सार

जुलाई, 2021 को ट्विटर पर सुल्ली डील्स के नाम से कई स्क्रीनशॉट साझा किए गए थे। इस एप में एक टैग लाइन लगी थी, ‘सुल्ली डील ऑफ द डे’ और इसे मुस्लिम महिलाओं की फोटो के साथ शेयर किया जा रहा था।

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Bulli Bai एप पर शिकंजा कसने के बाद दिल्ली पुलिस ने Sulli Deals के मास्टरमाइंड ओंकारेश्वर ठाकुर को भी गिरफ्तार कर लिया है। अब एप बनाने वाले ओंकारेश्वर ठाकुर को एक अदालत ने चार दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया है। यह गिरफ्तारी तब हुई है जब बुल्ली बाई को लेकर देश में एक बहस छिड़ गई और कई बड़े नेता से लेकर सेलिब्रिटी भी इस एप पर कार्रवाई की मांग करने लगे। पुलिस ने बुल्ली बाई मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है, लेकिन सुल्ली डील्स मामले में यह पहली गिरफ्तारी है। 

आखिर क्या है Sulli deals?
सुल्ली मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ इस्तेमाल किया जाने वाला अपमानजनक शब्द है। चार जुलाई, 2021 को ट्विटर पर सुल्ली डील्स के नाम से कई स्क्रीनशॉट साझा किए गए थे। इस एप में एक टैग लाइन लगी थी, ‘सुल्ली डील ऑफ द डे’ और इसे मुस्लिम महिलाओं की फोटो के साथ शेयर किया जा रहा था। खास बात यह निकलकर आई कि इसे गिटहब पर एक अज्ञात समूह द्वारा बनाया गया था। इस मामले में शिकायत भी दर्ज कराई गई थी, लेकिन कई महीनों तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। 

कैसे रची जाती थी साजिश?
एप बनाने वाले लोग विभिन्न सोशल मीडिया अकाउंट से अवैध रूप से मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों को इकट्ठा करते हैं और उस पर आपत्तिजनक कंटेट लिखकर उनकी तस्वीरों को ट्रोल करते हैं। तस्वीरों का गलत तरीके से इस्तेमाल होता है। एप पर कई महिलाओं की तस्वीरें होती हैं, जिस पर किसी महिला की तस्वीर के साथ लिखा जाता है, ‘योर बुल्ली बाई ऑफ द डे’….इन तस्वीरों को शेयर कर इनकी नीलामी भी की जा रही है। 

हंगामे के बाद डिलीट किए गए थे सबूत 
दिल्ली में स्पेशल सेल के डीसीपी केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि सुल्ली डील्स के ऐप क्रिएटर ओंकारेश्वर ठाकुर को गिरफ्तार किया है। ठाकुर ने कबूल किया कि उसने जुलाई 2021 में गिटहब पर सुल्ली डील्स ऐप बनाया। ऐप से कई मुस्लिम महिलाओं की सहमति के बिना नीलामी के लिए उनकी तस्वीरें अपलोड की गई थीं। ठाकुर ने जनवरी 2020 में ट्विटर हैंडल @gangescion का इस्तेमाल कर ट्विटर पर ट्रेडमहासभा के नाम से ग्रुप में शामिल हुआ था। सदस्यों ने मुस्लिम महिलाओं को ट्रोल करने की साजिश रची थी। हंगामे के बाद सभी लोगों ने सोशल मीडिया फुटप्रिंट्स को डिलीट कर दिया था। 

विस्तार

Bulli Bai एप पर शिकंजा कसने के बाद दिल्ली पुलिस ने Sulli Deals के मास्टरमाइंड ओंकारेश्वर ठाकुर को भी गिरफ्तार कर लिया है। अब एप बनाने वाले ओंकारेश्वर ठाकुर को एक अदालत ने चार दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया है। यह गिरफ्तारी तब हुई है जब बुल्ली बाई को लेकर देश में एक बहस छिड़ गई और कई बड़े नेता से लेकर सेलिब्रिटी भी इस एप पर कार्रवाई की मांग करने लगे। पुलिस ने बुल्ली बाई मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है, लेकिन सुल्ली डील्स मामले में यह पहली गिरफ्तारी है। 

आखिर क्या है Sulli deals?

सुल्ली मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ इस्तेमाल किया जाने वाला अपमानजनक शब्द है। चार जुलाई, 2021 को ट्विटर पर सुल्ली डील्स के नाम से कई स्क्रीनशॉट साझा किए गए थे। इस एप में एक टैग लाइन लगी थी, ‘सुल्ली डील ऑफ द डे’ और इसे मुस्लिम महिलाओं की फोटो के साथ शेयर किया जा रहा था। खास बात यह निकलकर आई कि इसे गिटहब पर एक अज्ञात समूह द्वारा बनाया गया था। इस मामले में शिकायत भी दर्ज कराई गई थी, लेकिन कई महीनों तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। 

कैसे रची जाती थी साजिश?

एप बनाने वाले लोग विभिन्न सोशल मीडिया अकाउंट से अवैध रूप से मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों को इकट्ठा करते हैं और उस पर आपत्तिजनक कंटेट लिखकर उनकी तस्वीरों को ट्रोल करते हैं। तस्वीरों का गलत तरीके से इस्तेमाल होता है। एप पर कई महिलाओं की तस्वीरें होती हैं, जिस पर किसी महिला की तस्वीर के साथ लिखा जाता है, ‘योर बुल्ली बाई ऑफ द डे’….इन तस्वीरों को शेयर कर इनकी नीलामी भी की जा रही है। 

हंगामे के बाद डिलीट किए गए थे सबूत 

दिल्ली में स्पेशल सेल के डीसीपी केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि सुल्ली डील्स के ऐप क्रिएटर ओंकारेश्वर ठाकुर को गिरफ्तार किया है। ठाकुर ने कबूल किया कि उसने जुलाई 2021 में गिटहब पर सुल्ली डील्स ऐप बनाया। ऐप से कई मुस्लिम महिलाओं की सहमति के बिना नीलामी के लिए उनकी तस्वीरें अपलोड की गई थीं। ठाकुर ने जनवरी 2020 में ट्विटर हैंडल @gangescion का इस्तेमाल कर ट्विटर पर ट्रेडमहासभा के नाम से ग्रुप में शामिल हुआ था। सदस्यों ने मुस्लिम महिलाओं को ट्रोल करने की साजिश रची थी। हंगामे के बाद सभी लोगों ने सोशल मीडिया फुटप्रिंट्स को डिलीट कर दिया था। 

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