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Makar Sankranti 2022: मकर संक्रांति के दिन क्यों खाते हैं काले तिल से बने लड्डू, जानें तिल दान का महत्व

Makar Sankranti 2022

ज्योतिष डेस्क, अमरउजाला, नई दिल्ली
Published by: श्वेता सिंह
Updated Sat, 08 Jan 2022 10:25 PM IST

सार

Makar Sankranti 2022: मकर संक्रांति का त्योहार देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग नाम से मनाया जाता है। मकर संक्रान्ति के दिन सूर्य देव की पूजा काले तिल से की जाती है।  साथ ही काली दाल, चावल, घी, नमक, गुड़ और काले तिल दान किए जाते हैं।  काले तिल और गुड़ के लड्डू बनाकर खाए जाते हैं और दान भी किए जाते हैं।  शास्त्रों के अनुसार तिल का दान करने से सूर्यदेव और शनिदेव दोनों की कृपा प्राप्त होती है।

Makar Sankranti 2022
– फोटो : istock

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विस्तार

Makar Sankranti 2022: सूर्य ग्रह लगभग एक माह के अंतराल में राशि परिवर्तन करते हैं। जब सूर्य धनु से निकलकर मकर राशि की अपनी यात्रा आरंभ करते हैं तो मकर संक्रांति का पर्व आता है। मकर संक्रांति का पर्व हर वर्ष 14 या 15 जनवरी को मनाया जाता है। मकर संक्रांति पर सूर्यदेव दक्षिणायन से उत्तरायण आ जाते हैं जिसका विशेष महत्व होता है।  मकर संक्रांति पर सभी पवित्र नदियों में स्नान, दान, जाप करने का विशेष महत्व होता है। इस दिन काला तिल, तिल से बने लड्डू, हरी सब्जियां, फल और खिचड़ी का दान किया जाता है। मकर संक्रांति का त्योहार देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग नाम से मनाया जाता है। मकर संक्रान्ति के दिन सूर्य देव की पूजा काले तिल से की जाती है।  साथ ही काली दाल, चावल, घी, नमक, गुड़ और काले तिल दान किए जाते हैं।  काले तिल और गुड़ के लड्डू बनाकर खाए जाते हैं और दान भी किए जाते हैं।  शास्त्रों के अनुसार तिल का दान करने से सूर्यदेव और शनिदेव दोनों की कृपा प्राप्त होती है। आइए जानते हैं काले तिल और गुड़ के महत्व के बारे में।

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