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LIC IPO: एलआईसी के पास लावारिस पड़े हैं 21,539 करोड़, बिना दावे वाली रकम में ब्याज भी शामिल

LIC IPO: एलआईसी आईपीओ 10 मार्च को हो सकता है लॉन्च, इश्यू साइज से प्राइस बैंड तक ये हैं ताजा अपडेट

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अभिषेक दीक्षित
Updated Wed, 16 Feb 2022 10:39 PM IST

सार

एलआईसी की ओर से भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास जमा कराए गए आईपीओ दस्तावेज के मुताबिक, मार्च, 2021 तक बिना दावे वाली कुल राशि 18,495 करोड़ रुपये थी। मार्च, 2020 के अंत तक एलआईसी के पास 16,052.65 करोड़ रुपये लावारिस पड़े थे, जबकि मार्च, 2019 के अंत तक यह राशि 13,843.70 करोड़ रुपये थी। 

ख़बर सुनें

भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के पास सितंबर, 2021 तक 21,539 करोड़ रुपये लावारिस पड़े हैं। इस रकम का कोई दावेदार नहीं है। इसमें ब्याज भी शामिल है। एलआईसी की ओर से भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास जमा कराए गए आईपीओ दस्तावेज के मुताबिक, मार्च, 2021 तक बिना दावे वाली कुल राशि 18,495 करोड़ रुपये थी। मार्च, 2020 के अंत तक एलआईसी के पास 16,052.65 करोड़ रुपये लावारिस पड़े थे, जबकि मार्च, 2019 के अंत तक यह राशि 13,843.70 करोड़ रुपये थी। 

प्रत्येक बीमा कंपनी को 1,000 रुपये या उससे अधिक की बिना दावे वाली राशि का ब्योरा अपनी वेबसाइट पर डालना होता है। वेबसाइट पर पॉलिसीधारकों या लाभार्थियों को बिना दावे वाली राशि के सत्यापन की सुविधा भी देने की जरूरत होती है। दस्तावेज में कहा गया है कि भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) के बिना दावे वाली राशि पर सर्कुलर में इसके बारे प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है। इनमें बिना दावे वाली राशि का भुगतान, पॉलिसीधारकों को सूचना, लेखा और निवेश आय का इस्तेमाल आदि शामिल है।

बकाये की ऐसे लगा सकते हैं पता

  • अगर आप भी कभी एलआईसी पॉलिसीधारक थे या हैं तो उसका आसानी से घर बैठे पता कर सकते हैं कि आपका भी कोई बकाया तो नहीं। 
  • इसके लिए सबसे पहले https://licindia.in/Bottom-Links/Unclaimed-Policy-Dues पर क्लिक करें।
  • यहां अपना एलआईसी पॉलिसी नंबर, पॉलिसीधारक का नाम, जन्मतिथि और पॉलिसीधारक का पैन नंबर डालें।
  • इसके बाद सबमिट बटन पर क्लिक करें। 
  • ऐसा करने के बाद लावारिस रकम की जानकारी मिल जाएगी। 
एससीडब्ल्यूएफ में चली जाती है रकम
वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष (एससीडब्ल्यूएफ) नियम-2016 के तहत 10 साल की अवधि से ज्यादा समय के लिए रखे गए पॉलिसीधारकों की दावा न की गई राशि एससीडब्ल्यूएफ में चली जाती है। 

पांच सूचीबद्ध कंपनियों की संयुक्त बाजार पूंजी से ज्यादा राशि
एलआईसी के पास लावारिस पड़ी राशि बीएसई पर सूचीबद्ध टाटा समूह की पांच कंपनियों के कुल बाजार पूंजीकरण से ज्यादा है। टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन का बाजार पू्ंजीकरण 7,163.79 करोड़ रुपये है। टाटा कॉफी लिमिटेड की बाजार पूंजी 3,726.07 करोड़, टाटा मेटालिक्स की 2,461.31 करोड़, टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स की 3,168.28 करोड़ और नेल्को की 1,589.24 करोड़ रुपये है। इन सबको मिलाकर यह रकम 18,108.87 करोड़ रुपये है। 

विस्तार

भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के पास सितंबर, 2021 तक 21,539 करोड़ रुपये लावारिस पड़े हैं। इस रकम का कोई दावेदार नहीं है। इसमें ब्याज भी शामिल है। एलआईसी की ओर से भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास जमा कराए गए आईपीओ दस्तावेज के मुताबिक, मार्च, 2021 तक बिना दावे वाली कुल राशि 18,495 करोड़ रुपये थी। मार्च, 2020 के अंत तक एलआईसी के पास 16,052.65 करोड़ रुपये लावारिस पड़े थे, जबकि मार्च, 2019 के अंत तक यह राशि 13,843.70 करोड़ रुपये थी। 

प्रत्येक बीमा कंपनी को 1,000 रुपये या उससे अधिक की बिना दावे वाली राशि का ब्योरा अपनी वेबसाइट पर डालना होता है। वेबसाइट पर पॉलिसीधारकों या लाभार्थियों को बिना दावे वाली राशि के सत्यापन की सुविधा भी देने की जरूरत होती है। दस्तावेज में कहा गया है कि भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) के बिना दावे वाली राशि पर सर्कुलर में इसके बारे प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है। इनमें बिना दावे वाली राशि का भुगतान, पॉलिसीधारकों को सूचना, लेखा और निवेश आय का इस्तेमाल आदि शामिल है।

बकाये की ऐसे लगा सकते हैं पता

  • अगर आप भी कभी एलआईसी पॉलिसीधारक थे या हैं तो उसका आसानी से घर बैठे पता कर सकते हैं कि आपका भी कोई बकाया तो नहीं। 
  • इसके लिए सबसे पहले https://licindia.in/Bottom-Links/Unclaimed-Policy-Dues पर क्लिक करें।
  • यहां अपना एलआईसी पॉलिसी नंबर, पॉलिसीधारक का नाम, जन्मतिथि और पॉलिसीधारक का पैन नंबर डालें।
  • इसके बाद सबमिट बटन पर क्लिक करें। 
  • ऐसा करने के बाद लावारिस रकम की जानकारी मिल जाएगी। 

एससीडब्ल्यूएफ में चली जाती है रकम

वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष (एससीडब्ल्यूएफ) नियम-2016 के तहत 10 साल की अवधि से ज्यादा समय के लिए रखे गए पॉलिसीधारकों की दावा न की गई राशि एससीडब्ल्यूएफ में चली जाती है। 

पांच सूचीबद्ध कंपनियों की संयुक्त बाजार पूंजी से ज्यादा राशि

एलआईसी के पास लावारिस पड़ी राशि बीएसई पर सूचीबद्ध टाटा समूह की पांच कंपनियों के कुल बाजार पूंजीकरण से ज्यादा है। टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन का बाजार पू्ंजीकरण 7,163.79 करोड़ रुपये है। टाटा कॉफी लिमिटेड की बाजार पूंजी 3,726.07 करोड़, टाटा मेटालिक्स की 2,461.31 करोड़, टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स की 3,168.28 करोड़ और नेल्को की 1,589.24 करोड़ रुपये है। इन सबको मिलाकर यह रकम 18,108.87 करोड़ रुपये है। 

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