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सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, टेक कंपनियों को जवाबदेह बनाने का मतलब उनकी आवाज को दबाना नहीं है

पीटीआई, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रदीप पाण्डेय
Updated Wed, 16 Feb 2022 04:06 PM IST

सार

चंद्रशेखर ने नैसकॉम के वार्षिक एनटीएलएफ कार्यक्रम में कहा, “अगर हमें किसी तरह की समझदारी और कुछ स्थिरता लानी है तो बड़ी टेक कंपनियों को अपने यूजर्स या कम्युनिटी को लेकर अधिक जवाबदेह होना होगा।” 

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केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बुधवार को फेसबुक और गूगल जैसी बड़ी टेक कंपनियों को जवाबदेह बनाने के लिए वैश्विक समन्वय (ग्लोबल कोऑर्डिनेशन) का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि टेक कंपनियों की जवाबदेही तय करने का मतलब यह नहीं है कि सरकार उनकी आवाज को दबा रही है या उनकी अभिव्यक्ति की आजादी को खत्म कर रही है।

उन्होंने डाटा प्रोटेक्शन बिल को लेकर कहा कि इस विधेयक को लागू करने में थोड़ी देरी होगी। सरकार इस बिल को लेकर इसलिए कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहती, ताकि आगे चलकर इसमें संशोधन करना पड़े। राजीव चंद्रशेखर का यह बयान तब सामने आया है जब पिछली कुछ तिमाहियों में सरकार की ओर से यूट्यूब, ट्विटर और फेसबुक जैसे प्लेटफार्म को कंटेंट और अकाउंट को हटाने के आदेश दिए गए हैं। 

चंद्रशेखर ने नैसकॉम के वार्षिक एनटीएलएफ कार्यक्रम में कहा, “अगर हमें किसी तरह की समझदारी और कुछ स्थिरता लानी है तो बड़ी टेक कंपनियों को अपने यूजर्स या कम्युनिटी को लेकर अधिक जवाबदेह होना होगा।” 

उन्होंने आगे कहा कि साइबर अपराध और साइबर सुरक्षा जैसे पहलुओं पर लगाम लगाने के लिए कंपनियों और सरकार को साथ आना होगा और भारत साइबर अपराध और साइबर सुरक्षा के एक ढांचे को स्थापित करने अग्रणी भूमिका निभाएगा।

चंद्रशेखर ने कहा कि जहां हमारे लोकतंत्र का डिजिटलीकरण करना महत्वपूर्ण है, वहीं हमारे लोकतंत्र को सुरक्षित रखना और प्रौद्योगिकी को विश्वसनीय तरीके से और जवाबदेह तरीके से इस्तेमाल करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। यूजर्स के अधिकारों की रक्षा करना किसी भी सरकार का कर्तव्य है और सरकार इसी के लिए डाटा प्रोटेक्शन बिल लाने की तैयारी कर रही है।
 

विस्तार

केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बुधवार को फेसबुक और गूगल जैसी बड़ी टेक कंपनियों को जवाबदेह बनाने के लिए वैश्विक समन्वय (ग्लोबल कोऑर्डिनेशन) का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि टेक कंपनियों की जवाबदेही तय करने का मतलब यह नहीं है कि सरकार उनकी आवाज को दबा रही है या उनकी अभिव्यक्ति की आजादी को खत्म कर रही है।

उन्होंने डाटा प्रोटेक्शन बिल को लेकर कहा कि इस विधेयक को लागू करने में थोड़ी देरी होगी। सरकार इस बिल को लेकर इसलिए कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहती, ताकि आगे चलकर इसमें संशोधन करना पड़े। राजीव चंद्रशेखर का यह बयान तब सामने आया है जब पिछली कुछ तिमाहियों में सरकार की ओर से यूट्यूब, ट्विटर और फेसबुक जैसे प्लेटफार्म को कंटेंट और अकाउंट को हटाने के आदेश दिए गए हैं। 

चंद्रशेखर ने नैसकॉम के वार्षिक एनटीएलएफ कार्यक्रम में कहा, “अगर हमें किसी तरह की समझदारी और कुछ स्थिरता लानी है तो बड़ी टेक कंपनियों को अपने यूजर्स या कम्युनिटी को लेकर अधिक जवाबदेह होना होगा।” 

उन्होंने आगे कहा कि साइबर अपराध और साइबर सुरक्षा जैसे पहलुओं पर लगाम लगाने के लिए कंपनियों और सरकार को साथ आना होगा और भारत साइबर अपराध और साइबर सुरक्षा के एक ढांचे को स्थापित करने अग्रणी भूमिका निभाएगा।

चंद्रशेखर ने कहा कि जहां हमारे लोकतंत्र का डिजिटलीकरण करना महत्वपूर्ण है, वहीं हमारे लोकतंत्र को सुरक्षित रखना और प्रौद्योगिकी को विश्वसनीय तरीके से और जवाबदेह तरीके से इस्तेमाल करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। यूजर्स के अधिकारों की रक्षा करना किसी भी सरकार का कर्तव्य है और सरकार इसी के लिए डाटा प्रोटेक्शन बिल लाने की तैयारी कर रही है।

 

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