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LIC IPO: अप्रैल के अंत तक आ सकता है देश का सबसे बड़ा आईपीओ, लॉन्च पर फैसला जल्द होने की उम्मीद

LIC IPO: अप्रैल के अंत तक आ सकता है देश का सबसे बड़ा आईपीओ, लॉन्च पर फैसला जल्द होने की उम्मीद

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Mon, 11 Apr 2022 04:44 PM IST

सार

रूस और यूक्रेन के बीच बीते 46 दिनों से जंग जारी है। इस युद्ध का असर दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं पर पड़ा और भारत भी इससे अछूता नहीं है। इस युद्ध से बाजारों में मची उथल-पुथल के कारण ही सरकार को एलआईसी आईपीओ का लॉन्च करने की योजना टालनी पड़ी थी। अब एक बार फिर से इसे पेश करने की प्रक्रिया तेज हो गई है। 

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रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के चलते देश का सबसे बड़ा आईपीओ लाने की तैयारियों पर विराम लग गया था। लेकिन अब एलआईसी के इस आईपीओ के लॉन्च को लेकर चर्चाओं का दौर फिर से शुरू हो गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी के आईपीओ के लिए अधिकारियों ने मंत्रियों के एक शीर्ष समूह को अप्रैल के मध्य या अंत की तारीखों का सुझाव दिया है। 

मंत्रियों के समूह को दिया सुझाव
अधिकारियों की ओर से जिस मंत्रियों के समूह को यह सुझाव दिया गया है, उसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, सड़क व परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल शामिल हैं। रिपोर्ट में इस बात की संभावना जताई गई है कि जल्द ही मंत्रियों का यह समूह एलआईसी आईपीओ को लेकर फैसला ले सकता है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (दीपम) और सरकार की तरफ से नियुक्त अधिकारियों ने शेयर बाजार पर पैनी निगाह रखते हुए स्थिति का आकलन किया है और इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि एलआईसी का आईपीओ लॉन्च करने के लिए यह उपयुक्त समय है। 

12 मई से पहले लॉन्च की इच्छा
रिपोर्ट के मुताबिक, एलआईसी का आईपीओ देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ है और सरकार इसे 12 मई से पहले लॉन्च करने की इच्छा रखती है। अगर सरकार इससे अधिक देर करती है, तो उसे फिर नए सिरे से मार्केट रेगुलेटर सेबी के पास दस्तावेजों को जमा कराना होगा। गौरतलब है कि एलआईसी का आईपीओ पहले 31 मार्च तक पेश करने की तैयारी की जा रही थी। लेकिन रूस और यूक्रेन के बीच जंग शुरू होने के बाद भारत समेत दुनियाभर के शेयर बाजारों में मची उथल-पुथल को संज्ञान में लेते हुए सरकार ने इसे टालना ही सही समझा था। इस बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि सरकार बाजार की परिस्थियों पर नजर रख रही है और सही वक्त आने पर इसे लॉन्च किया जाएगा। 

10 फीसदी हिस्सा पॉलिसीधारकों के लिए
गौरतलब है कि सरकार देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी में अपनी पांच फीसदी हिस्सेदारी बेचना चाहती है। एलआईसी दस्तावेजों के अनुसार, एलआई के आईपीओ का एक हिस्सा एंकर निवेशकों के लिए आरक्षित होगा। इसके अलावा एलआईसी आईपीओ इश्यू साइज का 10 फीसदी तक पॉलिसीधारकों के लिए और पांच फीसदी कर्मचारियों के लिए आरक्षित हो सकता है। एलआईसी में सरकार के पास 100 फीसदी हिस्सेदारी यानी 632.49 करोड़ शेयर हैं। कंपनी के शेयरों की फेस वैल्यू 10 रुपये है। बता दें कि एलआईसी का ये आईपीओ देश के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होगा। 

पूरी तरह ऑफर फॉर सेल आईपीओ
एलआईसी का ये आईपीओ अब तक सबसे बड़ा आईपीओ होगा। सेबी में सौंपे गए डीआरएपी के अनुसार, एलआईसी का इश्यू पूरी तरह ऑफर फॉर सेल होगा। इसमें सरकार अपनी 5 फीसदी हिस्सेदारी के अंतर्गत 31.6 करोड़ शेयर जारी करेगी। रिपोर्ट के मुताबिक, इस हिसाब से कंपनी की एम्बेडेड वैल्यू 5.4 लाख करोड़ रुपये होगी। अमूमन किसी बीमा कंपनी का मार्केट कैप इस वैल्यू का चार गुना होता है। इस हिसाब से देखें तो एलआईसी की मार्केट वैल्यू 288 अरब डॉलर यानी करीब 22 लाख करोड़ रुपये होगी और एलआईसी देश की सबसे बड़ी मूल्यवान कंपनी बन जाएगी। 

20 फीसदी एफडीआई को मंजूरी
गौरतलब है कि बीते दिनों हुई कैबिनेट की बैठक में एलआईसी आईपीओ को लेकर एक बड़ा फैसला लिया गया था। दरअसल, आईपीओ-बाउंड एलआईसी में एफडीआई की अनुमति दे दी गई थी। बैठक में एलआईसी में ऑटोमेटिक रूट से 20 प्रतिशत तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की मंजूरी पर मुहर लगाई गई थी। इस फैसले के बाद एलआई के प्रस्तावित आईपीओ में विदेशी निवेश का रास्ता खुल गया है। 

विस्तार

रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के चलते देश का सबसे बड़ा आईपीओ लाने की तैयारियों पर विराम लग गया था। लेकिन अब एलआईसी के इस आईपीओ के लॉन्च को लेकर चर्चाओं का दौर फिर से शुरू हो गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी के आईपीओ के लिए अधिकारियों ने मंत्रियों के एक शीर्ष समूह को अप्रैल के मध्य या अंत की तारीखों का सुझाव दिया है। 

मंत्रियों के समूह को दिया सुझाव

अधिकारियों की ओर से जिस मंत्रियों के समूह को यह सुझाव दिया गया है, उसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, सड़क व परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल शामिल हैं। रिपोर्ट में इस बात की संभावना जताई गई है कि जल्द ही मंत्रियों का यह समूह एलआईसी आईपीओ को लेकर फैसला ले सकता है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (दीपम) और सरकार की तरफ से नियुक्त अधिकारियों ने शेयर बाजार पर पैनी निगाह रखते हुए स्थिति का आकलन किया है और इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि एलआईसी का आईपीओ लॉन्च करने के लिए यह उपयुक्त समय है। 

12 मई से पहले लॉन्च की इच्छा

रिपोर्ट के मुताबिक, एलआईसी का आईपीओ देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ है और सरकार इसे 12 मई से पहले लॉन्च करने की इच्छा रखती है। अगर सरकार इससे अधिक देर करती है, तो उसे फिर नए सिरे से मार्केट रेगुलेटर सेबी के पास दस्तावेजों को जमा कराना होगा। गौरतलब है कि एलआईसी का आईपीओ पहले 31 मार्च तक पेश करने की तैयारी की जा रही थी। लेकिन रूस और यूक्रेन के बीच जंग शुरू होने के बाद भारत समेत दुनियाभर के शेयर बाजारों में मची उथल-पुथल को संज्ञान में लेते हुए सरकार ने इसे टालना ही सही समझा था। इस बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि सरकार बाजार की परिस्थियों पर नजर रख रही है और सही वक्त आने पर इसे लॉन्च किया जाएगा। 

10 फीसदी हिस्सा पॉलिसीधारकों के लिए

गौरतलब है कि सरकार देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी में अपनी पांच फीसदी हिस्सेदारी बेचना चाहती है। एलआईसी दस्तावेजों के अनुसार, एलआई के आईपीओ का एक हिस्सा एंकर निवेशकों के लिए आरक्षित होगा। इसके अलावा एलआईसी आईपीओ इश्यू साइज का 10 फीसदी तक पॉलिसीधारकों के लिए और पांच फीसदी कर्मचारियों के लिए आरक्षित हो सकता है। एलआईसी में सरकार के पास 100 फीसदी हिस्सेदारी यानी 632.49 करोड़ शेयर हैं। कंपनी के शेयरों की फेस वैल्यू 10 रुपये है। बता दें कि एलआईसी का ये आईपीओ देश के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होगा। 

पूरी तरह ऑफर फॉर सेल आईपीओ

एलआईसी का ये आईपीओ अब तक सबसे बड़ा आईपीओ होगा। सेबी में सौंपे गए डीआरएपी के अनुसार, एलआईसी का इश्यू पूरी तरह ऑफर फॉर सेल होगा। इसमें सरकार अपनी 5 फीसदी हिस्सेदारी के अंतर्गत 31.6 करोड़ शेयर जारी करेगी। रिपोर्ट के मुताबिक, इस हिसाब से कंपनी की एम्बेडेड वैल्यू 5.4 लाख करोड़ रुपये होगी। अमूमन किसी बीमा कंपनी का मार्केट कैप इस वैल्यू का चार गुना होता है। इस हिसाब से देखें तो एलआईसी की मार्केट वैल्यू 288 अरब डॉलर यानी करीब 22 लाख करोड़ रुपये होगी और एलआईसी देश की सबसे बड़ी मूल्यवान कंपनी बन जाएगी। 

20 फीसदी एफडीआई को मंजूरी

गौरतलब है कि बीते दिनों हुई कैबिनेट की बैठक में एलआईसी आईपीओ को लेकर एक बड़ा फैसला लिया गया था। दरअसल, आईपीओ-बाउंड एलआईसी में एफडीआई की अनुमति दे दी गई थी। बैठक में एलआईसी में ऑटोमेटिक रूट से 20 प्रतिशत तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की मंजूरी पर मुहर लगाई गई थी। इस फैसले के बाद एलआई के प्रस्तावित आईपीओ में विदेशी निवेश का रास्ता खुल गया है। 

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