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Interview: लक्ष्य के दिल को छू गया गावस्कर का संदेश, इंडिया ओपन का खिताब दादा और प्रकाश पादुकोण को किया समर्पित

हेमंत रस्तोगी, डिजिटल ब्यूरो, नई दिल्ली
Published by: स्वप्निल शशांक
Updated Tue, 18 Jan 2022 12:05 PM IST

सार

बेंगलुरु रवानगी से पहले लक्ष्य ने अमर उजाला से खुलासा किया कि वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य जीतने के बाद उनकी तैयारियां उतनी अच्छी नहीं हुई थीं, लेकिन उनके दिमाग में खिताब जीतने की बात थी।

लक्ष्य सेन
– फोटो : सोशल मीडिया

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विस्तार

इंडिया ओपन सुपर सीरीज का खिताब जीतने के बाद लक्ष्य सेन के पास ऐसे लोगों के फोन आ रहे हैं, जिनकी उन्होंने कभी उम्मीद भी नहीं की थी। बावजूद इसके उनके पांव पूरी तरह जमीन पर हैं। हालांकि, टूर्नामेंट में विपक्षी खिलाड़ियों पर जोरदार स्मैश बरसाने के बाद लक्ष्य ने थकावट के चलते लखनऊ में होने वाले सैयद मोदी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट से नाम वापस ले लिया है। 

हालांकि, बेंगलुरु में थोड़े आराम के बाद वह ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप की तैयारियों में जुट जाएंगे। लक्ष्य ने अपने पहले सुपर सीरीज खिताब को दादा चंद्र लाल सेन और दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण को समर्पित किया है। लक्ष्य को नौ साल की उम्र में उनके दादा ही प्रकाश की अकादमी में लेकर गए थे और उनके साथ एक महीने रहे थे।

लोह ने चीन में की मदद और साथ खेला गोल्फ

बेंगलुरु रवानगी से पहले लक्ष्य ने अमर उजाला से खुलासा किया कि वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य जीतने के बाद उनकी तैयारियां उतनी अच्छी नहीं हुई थीं, लेकिन उनके दिमाग में खिताब जीतने की बात थी। लक्ष्य के मुताबिक वह और वर्ल्ड चैंपियन सिंगापुर के लोह कीन एक दूसरे का खेल अच्छी तरह समझते हैं। वे दोनों अच्छे दोस्त हैं। पहली बार चार साल पहले दोनों चीन में मिले थे। कीन थोड़ी चीनी भाषा भी जानते हैं और उन्होंने चीन में लक्ष्य की काफी मदद की। 

फिर दोनों ने प्रो-बैडमिंटन लीग में एक साथ समय बिताया। दुबई में जब वह विक्टर एक्सेल्सन के साथ खेलने गए थे तो वहां लोह भी थे। दोनों दुबई में एक साथ गोल्फ भी खेलने गए। रविवार को इंडिया ओपन फाइनल में हार के बाद लोह कीन जैसे ही लक्ष्य के पास आए, उन्होंने सबसे पहले उनकी उंगली में लगी चोट का हाल लिया। बाद में उन्हें जीतने की बधाई दी। कीन को लक्ष्य के चोट की ज्यादा चिंता थी।

सुनील गावस्कर ने लक्ष्य को भेजा बधाई संदेश

लक्ष्य के मुताबिक वैसे तो उन्हें काफी बधाई के फोन आए हैं, लेकिन सुनील गावस्कर के संदेश से उन्हें काफी हैरानी हुई। गावस्कर ने प्रकाश पादुकोण को संदेश भेजकर बधाई दी थी। गावस्कर ने कहा था कि उन्हें अभी-अभी पता लगा है कि उनके शिष्य लक्ष्य ने वर्ल्ड चैंपियन को हराकर इंडिया ओपन जीता है। इसके लिए दोनों को बहुत बधाई।

लक्ष्य का हौसला बढ़ाते रहे भाई चिराग

घर में टूर्नामेंट होने के बावजूद कोरोना के चलते दर्शक को अनुमति नहीं थी। मामला फाइनल का था ऐसे में स्टेडियम में कोई न कोई हौसला बढ़ाने के लिए चाहिए था। लक्ष्य के बड़े भाई चिराग सेन भी इस टूर्नामेंट में खेल रहे थे। 

चिराग को रविवार को ही सैयद मोदी टूर्नामेंट में खेलने के लिए लखनऊ निकलना था। चिराग का सैयद मोदी में मंगलवार को मैच था, लेकिन छोटे भाई का स्टेडियम में हौसला बढ़ाने के लिए वह लखनऊ नहीं गए और पिता डीके सेन के साथ दोनों स्टेडियम में लक्ष्य की हौसला अफजाई करते रहे।

एक्सेल्सन हैं लक्ष्य का अगला टारगेट

लक्ष्य मानते हैं कि लोह के साथ उनकी कोर्ट पर प्रतिद्वंद्विता बढ़ रही है, लेकिन सिर्फ वही नहीं बल्कि मलेशिया के ली जी जिया, थाईलैंड के कुनलावत को भी वह आने वाले समय में कड़ी टक्कर मान रहे हैं। हालांकि, लक्ष्य के निशाने पर ओलंपिक चैंपियन विक्टर एक्सेल्सन सबसे ऊपर हैं। 

लक्ष्य को दुख है कि वह सैयद मोदी टूर्नामेंट नहीं खेल पा रहे हैं, लेकिन यूरोपीय दौरे को ध्यान में रख उन्होंने यह फैसला लिया है। लक्ष्य के अलावा इंडिया ओपन का डबल्स खिताब जीतने वाले सात्विकसाईराज रैंकीरेड्डी, चिराग शेट्टी, किदांबी श्रीकांत, अश्वनी पोनप्पा, मनु अत्री भी इस टूर्नामेंट नहीं खेलेंगे।

 

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