अभिनेता संजय दत्त की तीसरी पारी अब तक काफी डगमग डगमग रही है। जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने फिल्म ‘भूमि’ से बड़े परदे पर वापसी की। लेकिन, यहां ये बात नोट करने लायक है कि इस फिल्म के लिए कभी उनके करीबी दोस्त रहे निर्देशक महेश मांजरेकर ने उन्हें जो सलाह दी थी, वह संजय दत्त ने नहीं मानी। नतीजा? न सिर्फ संजय दत्त की ये फिल्म फ्लॉप रही बल्कि इसके बाद आईं उनकी अब तक की सारी फिल्में दर्शकों ने नकार दीं। गिनती करें तो उनकी तीसरी पारी की लगातार फ्लॉप फिल्मों की संख्या आठ हो चुकी है। चार फिल्में उनकी रिलीज की कतार में हैं। लेकिन, क्या आपको पता है कि संजय दत्त इसके पहले भी बतौर सोलो हीरो लगातार फ्लॉफ फिल्में देने का इससे भी बड़ा रिकॉर्ड बना चुके हैं। संजय दत्त को हिंदी सिनेमा ने करीब करीब हाशिये पर ढकेल ही दिया था, अगर मराठी सिनेमा के उन दिनों के प्रतिभावान निर्देशक महेश मांजरेकर उनके जीवन में ना आते। महेश मांजरेकर ने अपनी पहली हिंदी फिल्म ‘वास्तव’ संजय दत्त को उस रोल में लेकर बनाई जिसके बारे में कहा जाता है कि ये अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन की कहानी है। इस फिल्म ने ही बतौर सोलो हीरो संजय दत्त की उनके करियर की दूसरी पारी में नया जीवनदान दिया। आज के ‘बाइस्कोप’ में कहानी फिल्म ‘वास्तव’ की…
Bioscope S2: 20 मिनट में लिखी फिल्म को संजू ने 15 मिनट में कहा हां, ‘वास्तव’ की रिलीज को 22 साल पूरे
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