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प्रस्ताव: रणनीतिक परियोजनाओं को वन संरक्षण अधिनियम से मिलेगी छूट

अमर उजाला ब्यूरो/एजेंसी, नई दिल्ली।
Published by: Jeet Kumar
Updated Wed, 06 Oct 2021 05:17 AM IST

सार

विकास कार्य को पूरा करने  के लिए सरकार को हमेशा वन भूमि को अधिग्रहण करने में खासा परेशानी उठानी पड़ती है। अगर प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया जाता है तो खासतौर इसका फायदा रेलवे व सडक मंत्रालय को मिलेगा

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देश के सीमावर्ती इलाकों में वन भूमि पर बुनियादी ढांचे के विकास को गति देने के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने वन संरक्षण अधिनियम में संशोधन के प्रस्ताव का मसौदा पेश किया है। मंत्रालय ने मसौदे पर अगले 15 दिनों के भीतर राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और सभी संबंधित लोगों से सुझाव मांगे हैं।

मंत्रालय का मानना है, देश की अखंडता व संप्रभुता बनाए रखने को अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बुनियादी ढांचे का विकास जरूरी है। मौजूदा हालात में कई बार राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाओं में वन भूमि के गैर-वानिकी उपयोग के लिए मंजूरी लेने की प्रक्रिया में देर होती है, जिससे महत्वपूर्ण स्थानों पर बुनियादी ढांचे के विकास को झटका लगता है।

लिहाजा, इस तरह की परियोजनाओं को वन संरक्षण अधिनियम के तहत पूर्व मंजूरी हासिल की शर्त से छूट देने का प्रस्ताव रखा है। 

रेलवे व सड़क मंत्रालय को मिलेगा लाभ
मंत्रालय ने 1980 से पहले अधिग्रहित जमीन के भू-उपयोग में बदलाव की छूट देने का प्रस्ताव भी रखा है। इसका लाभ खासतौर पर रेलवे व सडक मंत्रालय को मिलेगा।

उल्लंघन पर कठोर सजा 
अधिनियम के उल्लंघन पर सजा के प्रावधानों को अधिक कठोर बनाते हुए इन्हें गैर-जमानती व संज्ञेय अपराधों की श्रेणी में लाकर एक वर्ष तक कैद की सजा का प्रस्ताव रखा है। साथ ही जू, सफारी व वन प्रशिक्षण क्षेत्रों को गैर वन्य क्षेत्र की श्रेणी से बाहर करने का प्रस्ताव रखा गया है।

विस्तार

देश के सीमावर्ती इलाकों में वन भूमि पर बुनियादी ढांचे के विकास को गति देने के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने वन संरक्षण अधिनियम में संशोधन के प्रस्ताव का मसौदा पेश किया है। मंत्रालय ने मसौदे पर अगले 15 दिनों के भीतर राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और सभी संबंधित लोगों से सुझाव मांगे हैं।

मंत्रालय का मानना है, देश की अखंडता व संप्रभुता बनाए रखने को अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बुनियादी ढांचे का विकास जरूरी है। मौजूदा हालात में कई बार राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाओं में वन भूमि के गैर-वानिकी उपयोग के लिए मंजूरी लेने की प्रक्रिया में देर होती है, जिससे महत्वपूर्ण स्थानों पर बुनियादी ढांचे के विकास को झटका लगता है।

लिहाजा, इस तरह की परियोजनाओं को वन संरक्षण अधिनियम के तहत पूर्व मंजूरी हासिल की शर्त से छूट देने का प्रस्ताव रखा है। 

रेलवे व सड़क मंत्रालय को मिलेगा लाभ

मंत्रालय ने 1980 से पहले अधिग्रहित जमीन के भू-उपयोग में बदलाव की छूट देने का प्रस्ताव भी रखा है। इसका लाभ खासतौर पर रेलवे व सडक मंत्रालय को मिलेगा।


उल्लंघन पर कठोर सजा 

अधिनियम के उल्लंघन पर सजा के प्रावधानों को अधिक कठोर बनाते हुए इन्हें गैर-जमानती व संज्ञेय अपराधों की श्रेणी में लाकर एक वर्ष तक कैद की सजा का प्रस्ताव रखा है। साथ ही जू, सफारी व वन प्रशिक्षण क्षेत्रों को गैर वन्य क्षेत्र की श्रेणी से बाहर करने का प्रस्ताव रखा गया है।

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