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कोविड-19: भारत बायोटेक ने बच्चों में कोवैक्सीन का दूसरे चरण का परीक्षण किया पूरा, सीडीएससीओ को सौंपे आंकड़े

पीटीआई, दिल्ली
Published by: Jeet Kumar
Updated Thu, 07 Oct 2021 12:11 AM IST

सार

अगर इसे मंजूरी मिल गई तो कोवैक्सीन पहली ऐसी कोरोना वैक्सीन होगी जिसे भारत में बच्चों को दिया जा जाएगा।

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भारत बायोटेक ने 18 साल से कम उम्र के बच्चों के इस्तेमाल के लिए कोविड-19 वैक्सीन कोवैक्सिन के दूसरे चरण का परीक्षण पूरा कर लिया है और कंपनी ने इसके सत्यापन और आपातकालीन उपयोग की मंजूरी के लिए केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन को आंकड़े सौंपे हैं। 

सूत्रों ने जानकारी दी कि 2-18 वर्ष आयु वर्ग के कोवैक्सिन नैदानिक परीक्षण डेटा सीडीएससीओ को जमा कर दिए गए हैं। वैक्सीन निर्माता ने कहा कि कोवैक्सिन बच्चों के इस आयु वर्ग में परीक्षण किया जाने वाला पहला कोविड-19 वैक्सीन है। 

भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक कृष्णा एला ने 21 सितंबर को कहा था कि बाल चिकित्सा कोवैक्सीन ने लगभग 1,000 विषयों के साथ चरण 2/3 परीक्षण पूरा कर लिया है और आंकड़ों का विश्लेषण जारी है। उन्होंने कहा कि हम अगले हफ्ते तक आंकड़े (नियामक को) सौंप देंगे।

उन्होंने कहा कि कोरोना को रोकने के लिए नाक से खुराक देने वाली वैक्सीन पर परीक्षण चल रहा था और इसकी अक्टूबर में खत्म होने की उम्मीद है और यदि ये स्वीकृत हो जाता है तो कोवैक्सीन पहली ऐसी कोरोना वैक्सीन होगी जिसे भारत में बच्चों को दिया जा जाएगा।

विस्तार

भारत बायोटेक ने 18 साल से कम उम्र के बच्चों के इस्तेमाल के लिए कोविड-19 वैक्सीन कोवैक्सिन के दूसरे चरण का परीक्षण पूरा कर लिया है और कंपनी ने इसके सत्यापन और आपातकालीन उपयोग की मंजूरी के लिए केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन को आंकड़े सौंपे हैं। 

सूत्रों ने जानकारी दी कि 2-18 वर्ष आयु वर्ग के कोवैक्सिन नैदानिक परीक्षण डेटा सीडीएससीओ को जमा कर दिए गए हैं। वैक्सीन निर्माता ने कहा कि कोवैक्सिन बच्चों के इस आयु वर्ग में परीक्षण किया जाने वाला पहला कोविड-19 वैक्सीन है। 

भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक कृष्णा एला ने 21 सितंबर को कहा था कि बाल चिकित्सा कोवैक्सीन ने लगभग 1,000 विषयों के साथ चरण 2/3 परीक्षण पूरा कर लिया है और आंकड़ों का विश्लेषण जारी है। उन्होंने कहा कि हम अगले हफ्ते तक आंकड़े (नियामक को) सौंप देंगे।

उन्होंने कहा कि कोरोना को रोकने के लिए नाक से खुराक देने वाली वैक्सीन पर परीक्षण चल रहा था और इसकी अक्टूबर में खत्म होने की उम्मीद है और यदि ये स्वीकृत हो जाता है तो कोवैक्सीन पहली ऐसी कोरोना वैक्सीन होगी जिसे भारत में बच्चों को दिया जा जाएगा।

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