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श्रीलंका में संकट : सर्वदलीय अंतरिम सरकार के गठन की वार्ता अनिर्णित, राष्ट्रपति राजपक्षे ने बुलाई थी बैठक

सार

रविवार को राष्ट्रपति राजपक्षे ने 11 दलों के गठबंधन दलों व 42 स्वतंत्र सांसदों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया था। गंभीर आर्थिक संकट के बीच राजपक्षे ने यह बैठक बुलाई थी। 

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श्रीलंका में जारी अभूतपूर्व आर्थिक संकट के बीच सर्वदलीय अंतरिम सरकार को लेकर वार्ता अनिर्णित रही। राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे व उनके अपने सत्तारूढ़ एसएलपीपी गठबंधन की निर्दलीय सांसदों के साथ बातचीत में प्रगति नहीं हुई। 

रविवार को राष्ट्रपति राजपक्षे ने 11 दलों के गठबंधन दलों व 42 स्वतंत्र सांसदों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया था। गंभीर आर्थिक संकट के बीच राजपक्षे ने यह बैठक बुलाई थी। स्वतंत्र सांसदों के समूह के सदस्य वासुदेव नानायकारा ने सोमवार को मीडिया को बताया कि हमने अपने पत्र पर चर्चा की जिसमें हमारे प्रस्ताव के संबंध में 11 बिंदु थे। राजपक्षे के साथ बातचीत जारी रहेगी। उन्होंने और 41 अन्य सांसदों ने पिछले सप्ताह सत्तारूढ़ गठबंधन से स्वतंत्रता की घोषणा की थी, लेकिन विपक्ष में शामिल होने से इनकार कर दिया था।

एक अन्य स्वतंत्र समूह की नेता अनुरा यापा ने कहा कि राजपक्षे से मिलने से पहले उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना की मौजूदगी में मुख्य विपक्षी नेता साजिथ प्रेमदासा से मुलाकात की थी। यापा ने कहा कि दोनों पक्षों ने बिना कोई फैसला किए स्थिति पर चर्चा की।

26 मंत्रियों की नियुक्ति में देरी
सरकारी सूत्रों ने बताया कि यह वार्ता असफल होने से मंत्रिमंडल के शेष 26 सदस्यों की नियुक्ति में और देरी होगी। राजपक्षे ने पिछले सप्ताह सभी मंत्रियों के इस्तीफे के बाद सिर्फ चार कैबिनेट सदस्यों की नियुक्ति की थी। प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे मंत्रिमंडल ने ऐसे समय में इस्तीफा दे दिया जब देश 1948 में ब्रिटेन से आजादी के बाद के सबसे गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है।

राष्ट्रपति के खिलाफ प्रदर्शन जारी
उधर, राष्ट्रपति राजपक्षे के खिलाफ शनिवार से आरंभ हुए प्रदर्शन लगातार तीसरे दिन सोमवार को भी जारी हैं। प्रदर्शन रात भर जारी रहा। ये लोग समूचे राजपक्षे परिवार का इस्तीफा मांग रहे हैं। राजपक्षे परिवार के कई सदस्य श्रीलंका सरकार व प्रशासन में अहम पदों पर काबिज हैं। 

नेशनल न्यू ईयर के मौके पर छुट्टी घोषित
एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि यह नई पीढ़ी है, जो आजादी के बाद पिछले 74 सालों में हुई तमाम राजनीतिक गड़बड़ियों का जवाब मांग रही है। यह आंदोलन एक सोशल मीडिया अभियान के जरिए चलाया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों को कार्यकर्ता खाने-पीने का सामान मुहैया करा रहे हैं। श्रीलंका सरकार ने 13-14 अप्रैल को मनाए जाने वाले राष्ट्रीय न्यू ईयर के मौके पर दो दिन की छुट्टी घोषित कर दी है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सोमवार व मंगलवार को इसलिए छुट्टी की गई है, ताकि प्रदर्शनकारी कोलंबो में एकत्रित न हों। 
 

विस्तार

श्रीलंका में जारी अभूतपूर्व आर्थिक संकट के बीच सर्वदलीय अंतरिम सरकार को लेकर वार्ता अनिर्णित रही। राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे व उनके अपने सत्तारूढ़ एसएलपीपी गठबंधन की निर्दलीय सांसदों के साथ बातचीत में प्रगति नहीं हुई। 

रविवार को राष्ट्रपति राजपक्षे ने 11 दलों के गठबंधन दलों व 42 स्वतंत्र सांसदों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया था। गंभीर आर्थिक संकट के बीच राजपक्षे ने यह बैठक बुलाई थी। स्वतंत्र सांसदों के समूह के सदस्य वासुदेव नानायकारा ने सोमवार को मीडिया को बताया कि हमने अपने पत्र पर चर्चा की जिसमें हमारे प्रस्ताव के संबंध में 11 बिंदु थे। राजपक्षे के साथ बातचीत जारी रहेगी। उन्होंने और 41 अन्य सांसदों ने पिछले सप्ताह सत्तारूढ़ गठबंधन से स्वतंत्रता की घोषणा की थी, लेकिन विपक्ष में शामिल होने से इनकार कर दिया था।

एक अन्य स्वतंत्र समूह की नेता अनुरा यापा ने कहा कि राजपक्षे से मिलने से पहले उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना की मौजूदगी में मुख्य विपक्षी नेता साजिथ प्रेमदासा से मुलाकात की थी। यापा ने कहा कि दोनों पक्षों ने बिना कोई फैसला किए स्थिति पर चर्चा की।

26 मंत्रियों की नियुक्ति में देरी

सरकारी सूत्रों ने बताया कि यह वार्ता असफल होने से मंत्रिमंडल के शेष 26 सदस्यों की नियुक्ति में और देरी होगी। राजपक्षे ने पिछले सप्ताह सभी मंत्रियों के इस्तीफे के बाद सिर्फ चार कैबिनेट सदस्यों की नियुक्ति की थी। प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे मंत्रिमंडल ने ऐसे समय में इस्तीफा दे दिया जब देश 1948 में ब्रिटेन से आजादी के बाद के सबसे गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है।

राष्ट्रपति के खिलाफ प्रदर्शन जारी

उधर, राष्ट्रपति राजपक्षे के खिलाफ शनिवार से आरंभ हुए प्रदर्शन लगातार तीसरे दिन सोमवार को भी जारी हैं। प्रदर्शन रात भर जारी रहा। ये लोग समूचे राजपक्षे परिवार का इस्तीफा मांग रहे हैं। राजपक्षे परिवार के कई सदस्य श्रीलंका सरकार व प्रशासन में अहम पदों पर काबिज हैं। 

नेशनल न्यू ईयर के मौके पर छुट्टी घोषित

एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि यह नई पीढ़ी है, जो आजादी के बाद पिछले 74 सालों में हुई तमाम राजनीतिक गड़बड़ियों का जवाब मांग रही है। यह आंदोलन एक सोशल मीडिया अभियान के जरिए चलाया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों को कार्यकर्ता खाने-पीने का सामान मुहैया करा रहे हैं। श्रीलंका सरकार ने 13-14 अप्रैल को मनाए जाने वाले राष्ट्रीय न्यू ईयर के मौके पर दो दिन की छुट्टी घोषित कर दी है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सोमवार व मंगलवार को इसलिए छुट्टी की गई है, ताकि प्रदर्शनकारी कोलंबो में एकत्रित न हों। 

 

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