एजेंसी, हैदराबाद।
Published by: देव कश्यप
Updated Sat, 05 Feb 2022 12:49 AM IST
सार
पीएम मोदी के कार्यक्रम का ब्योरा जारी करते हुए पीएमओ ने कहा कि संत श्री रामानुजाचार्य ने आस्था, जाति और वर्ग समेत जीवन के सभी पहलुओं में समानता को महत्व दिया और और इस धारणा को आगे बढ़ाया।
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विस्तार
मोदी के कार्यक्रम का ब्योरा जारी करते हुए पीएमओ ने कहा, संत श्री रामानुजाचार्य ने आस्था, जाति और वर्ग समेत जीवन के सभी पहलुओं में समानता को महत्व दिया और और इस धारणा को आगे बढ़ाया। इस प्रतिमा को पंचलोहा यानी पांच धातु स्वर्ण, चांदी, तांबा, पीतल और जस्ता को मिलाकर बनाया गया है। बैठी हुई मुद्रा में यह दुनिया में धातु की सबसे लंबी प्रतिमा है।
इसे 56 फीट ऊंचे मंच भद्र वेदी पर बिठाया गया है। इसके भीतर की मंजिलों में वैदिक डिजिटल पुस्तकालय, अनुसंधान केंद्र, एक थियेटर और श्री रामानुजाचार्य के कामों का विवरण देने वाली एक शैक्षणिक गैलरी भी बनाई गई है। इसकी परिकल्पना श्री रामानुजाचार्य आश्रम के चिन्ना जीयर स्वामी ने तैयार किया है।
पीएमओ के मुताबिक अनावरण कार्यक्रम के दौरान एक थ्रीडी प्रस्तुति दी जाएगी जिसमें रामानुजाचार्य के पूरे जीवन की झांकी होगी। इसके अलावा पीएम मोदी प्रतिमा के चारो ओर बनाए गए 108 दिव्य देशम के भी दर्शन करेंगे।
रामानुजाचार्य एक महान सुधारक थे जिन्होंने 1,000 साल पहले मौजूद समाज में कई कुरीतियों को खत्म करने का काम किया। बता दें, स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी का अनावरण बुधवार से शुरू हुए 12 दिवसीय रामानुज सहस्राब्दी समारोह के तहत किया जाएगा। वैष्णव संत रामानुजाचार्य की 1000वीं जयंती के उपलक्ष्य में शुरू हुए इस समारोह के दौरान दो से 14 फरवरी तक हर दिन 1,035 कुंडों के साथ 14 दिनों तक एक महायज्ञ किया जाएगा।