न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Sun, 06 Mar 2022 10:26 AM IST
सार
टीएमसी ने बंगाल के 108 नगर निकायों के चुनावों में 102 नगरपालिकाओं पर जीत हासिल की है। विधानसभा चुनावों में पहली बार 77 सीटें जीतने वाली भाजपा एक भी सीट जीतने में नाकाम रही।
हाल के निकाय चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन पर चर्चा करने के लिए भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई ने शनिवार को कोलकाता में एक बैठक की। इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, उनके पूर्ववर्ती दिलीप घोष, लॉकेट चटर्जी, अमित मालवीय और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के पूर्व नेता दिनेश त्रिवेदी सहित कई वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने भाग लिया। लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी और केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने बैठक में शामिल नहीं हुए। सुवेंदु अधिकारी की अनुपस्थिति से अटकलें लगाई जाने लगीं कि कहीं हार की जिम्मेदारी से बचने का बहाना तो नहीं। बता दें कि विधानसभा चुनावों में पहली बार 77 सीटें जीतने वाली भाजपा को निकाय चुनाव में एक भी सीट नहीं मिली। जबकि ममता बनर्जी की टीएमसी ने जलवा बरकरार रखते हुए 108 में से 102 सीटों पर विजय प्राप्त की।
सुवेंदु ने दिया निजी काम का बहाना
बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांता मजूमदार ने कहा कि सुवेंदु अधिकारी ने हमें सूचित किया था कि वह किसी निजी काम के कारण बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगे। उन्होंने कल ही इसकी सूचना दी थी। हालांकि उनकी अनुपस्थिति से साफ लग रहा है कि वे हार की जिम्मेदारी से बचना चाह रहे थे।
बैठक के दौरान इन मुद्दों पर हुई चर्चा
बैठक के दौरान जिन प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हुई उनमें हालिया निकाय चुनावों में भाजपा के वोट शेयर में कमी भी शामिल थी। नगर निकाय चुनावों में भाजपा के वोट शेयर में कोलकाता सहित, 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में अपने असाधारण प्रदर्शन की तुलना में तेज गिरावट देखी जा रही है। बता दें कि बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा को 77 सीटें मिली थीं। वहीं बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने दावा किया कि वोट शेयर में कमी टीएमसी और वामपंथियों के बीच छिपे गठबंधन का परिणाम है। इसे 2014 की एक घटना के संदर्भ के रूप में देखा जा रहा है जब ममता बनर्जी ने वरिष्ठ वाम नेताओं का फिश फ्राई से अभिवादन किया था।
विस्तार
हाल के निकाय चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन पर चर्चा करने के लिए भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई ने शनिवार को कोलकाता में एक बैठक की। इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, उनके पूर्ववर्ती दिलीप घोष, लॉकेट चटर्जी, अमित मालवीय और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के पूर्व नेता दिनेश त्रिवेदी सहित कई वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने भाग लिया। लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी और केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने बैठक में शामिल नहीं हुए। सुवेंदु अधिकारी की अनुपस्थिति से अटकलें लगाई जाने लगीं कि कहीं हार की जिम्मेदारी से बचने का बहाना तो नहीं। बता दें कि विधानसभा चुनावों में पहली बार 77 सीटें जीतने वाली भाजपा को निकाय चुनाव में एक भी सीट नहीं मिली। जबकि ममता बनर्जी की टीएमसी ने जलवा बरकरार रखते हुए 108 में से 102 सीटों पर विजय प्राप्त की।
सुवेंदु ने दिया निजी काम का बहाना
बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांता मजूमदार ने कहा कि सुवेंदु अधिकारी ने हमें सूचित किया था कि वह किसी निजी काम के कारण बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगे। उन्होंने कल ही इसकी सूचना दी थी। हालांकि उनकी अनुपस्थिति से साफ लग रहा है कि वे हार की जिम्मेदारी से बचना चाह रहे थे।
बैठक के दौरान इन मुद्दों पर हुई चर्चा
बैठक के दौरान जिन प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हुई उनमें हालिया निकाय चुनावों में भाजपा के वोट शेयर में कमी भी शामिल थी। नगर निकाय चुनावों में भाजपा के वोट शेयर में कोलकाता सहित, 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में अपने असाधारण प्रदर्शन की तुलना में तेज गिरावट देखी जा रही है। बता दें कि बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा को 77 सीटें मिली थीं। वहीं बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने दावा किया कि वोट शेयर में कमी टीएमसी और वामपंथियों के बीच छिपे गठबंधन का परिणाम है। इसे 2014 की एक घटना के संदर्भ के रूप में देखा जा रहा है जब ममता बनर्जी ने वरिष्ठ वाम नेताओं का फिश फ्राई से अभिवादन किया था।
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