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हथियारों की सप्लाई: पाकिस्तान की सैन्य क्षमता बढ़ाने में चीन ने झोंक दी है अपनी पूरी ताकत

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, इस्लामाबाद
Published by: Harendra Chaudhary
Updated Sat, 26 Mar 2022 12:20 PM IST

सार

चीन ने इसी महीने पाकिस्तान को जे-10 सीई लड़ाकू जेट दिए हैं। 23 मार्च को पाकिस्तान दिवस के दिन हुए समारोह में वांग की मौजूदगी में इन विमानों ने अपने करतब दिखाए। चीन के सरकार समर्थक अखबार ग्लोबल टाइम्स ने एक रिपोर्ट में बताया है कि जे-10 सीई लड़ाकू विमान चीनी वायु सेना का खास हिस्सा हैं…

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चीन और पाकिस्तान के रक्षा संबंधों के और गहरे होने के संकेत हैं। चीन ने हाल में गुपचुप उड़ान भर सकने वाले लड़ाकू विमानों और पनडुब्बियों की बिक्री पाकिस्तान को की है। विशेषज्ञों की राय है कि चीन जिस तरह के हथियार पाकिस्तान को दे रहा है, उससे दक्षिण एशिया क्षेत्र में रक्षा संतुलन बिगड़ने की आशंका पैदा हुई है।

चीन के विदेश मंत्री वांग यी की इस हफ्ते हुई पाकिस्तान यात्रा से फिर संकेत मिले कि चीन दक्षिण एशिया में अपनी पैठ मजबूत करने की एक निश्चित योजना को लेकर चल रहा है। पाकिस्तान इस योजना का खास हिस्सा है। हथियारों के अलावा चीन पाकिस्तान को बड़े पैमाने पर आर्थिक मदद भी दे रहा है।

इमरान से सीधी वार्ता

वांग की बीते मंगलवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से सीधी वार्ता हुई थी। उस दौरान वांग ने कहा- ‘पाकिस्तान मुश्किलों से उबर सके और अपनी अर्थव्यवस्था को दोबारा संभाल सके, इसके लिए चीन के वश में जो भी मदद होगी, वो उसे उपलब्ध कराएगा।’ खान और वांग के बीच वार्ता के बारे में चीनी विदेश मंत्रालय की तरफ से मुहैया कराई जानकारी के मुताबिक इमरान खान ने उम्मीद जताई कि ‘पाकिस्तान और चीन मिल कर सभी क्षेत्रों में साझा उपलब्धियां हासिल करेंगे।’

चीन ने इसी महीने पाकिस्तान को जे-10 सीई लड़ाकू जेट दिए हैं। 23 मार्च को पाकिस्तान दिवस के दिन हुए समारोह में वांग की मौजूदगी में इन विमानों ने अपने करतब दिखाए। चीन के सरकार समर्थक अखबार ग्लोबल टाइम्स ने एक रिपोर्ट में बताया है कि जे-10 सीई लड़ाकू विमान चीनी वायु सेना का खास हिस्सा हैं। ये विमान अक्सर ताइवान के वायु क्षेत्र में उड़ान भरते हैं।

एफ-15एस और एफ-35 से तुलना

रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक जे-10 सीई विमानों को 4.5वीं (साढ़े चार-वीं) पीढ़ी के लड़ाकू विमान कहा जाता है। इनकी क्षमता अमेरिकी एफ-15एस और एफ-35 के बीच में कहीं बैठती है। इन विमानों के यहां पहुंचने पर पाकिस्तान के रक्षा हलकों और मीडिया में जश्न जैसा माहौल देखा गया। विमानों को स्वीकार करने के लिए पाकिस्तान की वायु सेना ने एक विशेष परेड का आयोजन किया था।

इसी महीने पाकिस्तान ने जेएफ-17 सीरिज के 50 लड़ाकू विमानों को अपनी वायु सेना में शामिल किया है। इन विमानों को चीन और पाकिस्तान ने अपने साझा उद्यम के तहत विकसित किया है। आक्रमण क्षमता के लिहाज से ये विमान जे-10 सीई से बहुत कमजोर हैं। लेकिन रडार को धोखा देने की उनकी क्षमता जे-10 सीई विमानों लगभग बराबर ही मानी जाती है।

पाक को देगा आठ पनडुब्बियां
वेबसाइट निक्कईएशिया.कॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन पाकिस्तान की नौ सेना को भी मजबूत बना रहा है। इस साल जनवरी में चीन में बने टाइप 054 फ्रिगेट को पाकिस्तान की नौ सेना में शामिल किया गया। इसके अलावा वह आठ पनडुब्बियां भी पाकिस्तान को देना वाला है। इनमें चार पनडुब्बियों को उसके सहयोग से पाकिस्तान में ही निर्मित किया जाएगा।

विश्लेषकों का कहना है कि चीन और पाकिस्तान के बीच मजबूत हो रहे रक्षा संबंध पर भारत को कड़ी निगाह रखनी चाहिए। चीन उन क्षेत्रों में पाकिस्तान को मजबूत बनाने की कोशिश कर रहा है, जिनमें अब तक भारत की निर्विवाद बढ़त रही है।

विस्तार

चीन और पाकिस्तान के रक्षा संबंधों के और गहरे होने के संकेत हैं। चीन ने हाल में गुपचुप उड़ान भर सकने वाले लड़ाकू विमानों और पनडुब्बियों की बिक्री पाकिस्तान को की है। विशेषज्ञों की राय है कि चीन जिस तरह के हथियार पाकिस्तान को दे रहा है, उससे दक्षिण एशिया क्षेत्र में रक्षा संतुलन बिगड़ने की आशंका पैदा हुई है।

चीन के विदेश मंत्री वांग यी की इस हफ्ते हुई पाकिस्तान यात्रा से फिर संकेत मिले कि चीन दक्षिण एशिया में अपनी पैठ मजबूत करने की एक निश्चित योजना को लेकर चल रहा है। पाकिस्तान इस योजना का खास हिस्सा है। हथियारों के अलावा चीन पाकिस्तान को बड़े पैमाने पर आर्थिक मदद भी दे रहा है।

इमरान से सीधी वार्ता

वांग की बीते मंगलवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से सीधी वार्ता हुई थी। उस दौरान वांग ने कहा- ‘पाकिस्तान मुश्किलों से उबर सके और अपनी अर्थव्यवस्था को दोबारा संभाल सके, इसके लिए चीन के वश में जो भी मदद होगी, वो उसे उपलब्ध कराएगा।’ खान और वांग के बीच वार्ता के बारे में चीनी विदेश मंत्रालय की तरफ से मुहैया कराई जानकारी के मुताबिक इमरान खान ने उम्मीद जताई कि ‘पाकिस्तान और चीन मिल कर सभी क्षेत्रों में साझा उपलब्धियां हासिल करेंगे।’

चीन ने इसी महीने पाकिस्तान को जे-10 सीई लड़ाकू जेट दिए हैं। 23 मार्च को पाकिस्तान दिवस के दिन हुए समारोह में वांग की मौजूदगी में इन विमानों ने अपने करतब दिखाए। चीन के सरकार समर्थक अखबार ग्लोबल टाइम्स ने एक रिपोर्ट में बताया है कि जे-10 सीई लड़ाकू विमान चीनी वायु सेना का खास हिस्सा हैं। ये विमान अक्सर ताइवान के वायु क्षेत्र में उड़ान भरते हैं।

एफ-15एस और एफ-35 से तुलना

रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक जे-10 सीई विमानों को 4.5वीं (साढ़े चार-वीं) पीढ़ी के लड़ाकू विमान कहा जाता है। इनकी क्षमता अमेरिकी एफ-15एस और एफ-35 के बीच में कहीं बैठती है। इन विमानों के यहां पहुंचने पर पाकिस्तान के रक्षा हलकों और मीडिया में जश्न जैसा माहौल देखा गया। विमानों को स्वीकार करने के लिए पाकिस्तान की वायु सेना ने एक विशेष परेड का आयोजन किया था।

इसी महीने पाकिस्तान ने जेएफ-17 सीरिज के 50 लड़ाकू विमानों को अपनी वायु सेना में शामिल किया है। इन विमानों को चीन और पाकिस्तान ने अपने साझा उद्यम के तहत विकसित किया है। आक्रमण क्षमता के लिहाज से ये विमान जे-10 सीई से बहुत कमजोर हैं। लेकिन रडार को धोखा देने की उनकी क्षमता जे-10 सीई विमानों लगभग बराबर ही मानी जाती है।

पाक को देगा आठ पनडुब्बियां

वेबसाइट निक्कईएशिया.कॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन पाकिस्तान की नौ सेना को भी मजबूत बना रहा है। इस साल जनवरी में चीन में बने टाइप 054 फ्रिगेट को पाकिस्तान की नौ सेना में शामिल किया गया। इसके अलावा वह आठ पनडुब्बियां भी पाकिस्तान को देना वाला है। इनमें चार पनडुब्बियों को उसके सहयोग से पाकिस्तान में ही निर्मित किया जाएगा।

विश्लेषकों का कहना है कि चीन और पाकिस्तान के बीच मजबूत हो रहे रक्षा संबंध पर भारत को कड़ी निगाह रखनी चाहिए। चीन उन क्षेत्रों में पाकिस्तान को मजबूत बनाने की कोशिश कर रहा है, जिनमें अब तक भारत की निर्विवाद बढ़त रही है।

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