बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Wed, 23 Feb 2022 10:17 AM IST
सार
Importent Things While Changing Health Policy:आप अपनी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी प्रदान करने वाली कंपनी की सेवाओं से खुश नहीं है और पॉलिसी को किसी दूसरी कंपनी में पोर्ट कराना चाहते हैं। तो इस प्रक्रिया को पूरा करने से पहले कुछ जरूरी बातों को ध्यान रखना बेहद जरूरी है। इसमें दूसरी कंपनी के कवरेज और लिमिट से लेकर कुछ जरूरी जानकारियां आपे लिए फायदेमंद साबित होंगी।
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विस्तार
दूसरे प्लान की पूरी जानकारी जुटाएं
अपनी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी को पोर्ट कराते हैं, तो नई कंपनी आपकी प्रीमियम की दरों को तय करने के लिए स्वतंत्र होती है। पोर्ट के दौरान अगर आप उच्च जोखिम वाली श्रेणी में हैं, तो हो सकता है नई कंपनी पुरानी कंपनी की तुलना में आपसे अधिक प्रीमियम वसूल करे। ऐसे में पोर्ट कराने से पहले आपको इसके बारे में जानकारी ले लेनी चाहिए और आपको एक नहीं बल्कि तीन-चार बीमा कंपनियों के प्लान की पूरी जानकारी जुटानी चाहिए। इसके बाद जिस प्लान से आप संतुष्ट हों उसमें अपनी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी को पोर्ट करा लीजिए।
नई कंपनी के कवरेज को समझें
कई लोग इंश्योरेंस पॉलिसी इसलिए पोर्ट कराते हैं कि दूसरी कंपनी कम प्रीमियम ऑफर कर रही है। नई कंपनी के कवरेज, उसकी लिमिट और सब-लिमिट को समझें। यह दावा करते समय परेशानी से बचाएगा। इसके साथ ही यहां पॉलिसी बदलते समय एक और बात का ध्यान रखा जाना बेहद जरूरी है कि आप अपनी पॉलिसी जिस नई कंपनी के ऑफर को देखकर बदल रहे हैं तो इससे पहले दूसरी और भी कंपनियों के ऑफर्स की तुलना उससे करें।
पूरी प्रक्रिया में लगते हैं 45 दिन
अगर आप अपनी स्वास्थ्य बीमा योजना को पोर्ट करना चाहते हैं, तो आपको स्वास्थ्य बीमा योजना के नवीनीकरण से कम से कम 45 दिन पहले प्रक्रिया शुरू करनी होगी। आपको अपनी वर्तमान बीमा कंपनी को पॉलिसी पोर्ट कराने के संबंध में सूचना देनी होगी। आपको नई बीमा कंपनी के बारे में भी जानकारी मुहैया करानी होगी। आपको अपनी अवधि को ब्रेक किए बिना ही पॉलिसी का नवीनीकरण करना होता है, इसलिए पोर्टिंग प्रक्रिया शुरु होने पर 30 दिन की अनुग्रह अवधि मिलती है।
ये समस्या आने पर ही बदलें कंपनी
- कंपनी की खराब सेवा
- पॉलिसी में कम लाभ
- अपर्याप्त कवर
- डिजिटल फ्रेंडली नहीं
- रूम किराया सीमा कम होना
- जटिल दावा निपटान प्रक्रिया
- दावा कवर देने में देरी
- पारदर्शिता की कमी