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Weather Prediction: इस साल मानसून के सामान्य रहने का अनुमान, औसतन 880.6 मिमी हो सकती है बारिश

एजेंसी, नई दिल्ली
Published by: देव कश्यप
Updated Tue, 22 Feb 2022 03:28 AM IST

सार

एजेंसी ने कहा कि आंकड़ों की प्रामाणिकता का पता लगाना बेहद जरूरी और एक लंबी प्रक्रिया है। एक बयान में कहा गया है कि एकत्रित आंकड़े को साझा करना थोड़ी जल्दबाजी होगी, लेकिन शुरुआती अनुमान बताने के लिए ये पर्याप्त हैं।

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इस साल मानसून के सामान्य रहने का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है। निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट ने कहा है कि 2022 में मानसून की शुरुआत जबर्दस्त होगी और सीजन का अंत सामान्य के आसपास 96 से 104 फीसदी के साथ होगा। औसतन 880.6 मिमी बारिश हो सकती है। एजेंसी ने कहा है कि मानसून के व्यापक पूर्वानुमान के लिए वह जरूरी आंकड़े जुटा रही है। उसके बाद अप्रैल में वह विस्तृत रिपोर्ट जारी करेगी।

एजेंसी ने कहा कि आंकड़ों की प्रामाणिकता का पता लगाना बेहद जरूरी और एक लंबी प्रक्रिया है। एक बयान में कहा गया है कि एकत्रित आंकड़े को साझा करना थोड़ी जल्दबाजी होगी, लेकिन शुरुआती अनुमान बताने के लिए ये पर्याप्त हैं।

दरअसल मानसून के आगमन, उसकी तीव्रता, अवधि और विदाई में बड़ा अंतर-वार्षिक उतार-चढ़ाव होता है। इसलिए अभी इसके बारे में पक्के तौर पर कुछ भी बताना जल्दबाजी होगी। बयान में कहा गया है कि पिछले दो मानसूनी मौसम ला नीना की घटनाओं से प्रभावित रहे हैं, जो अब सिकुड़ने लगे हैं।

विस्तार

इस साल मानसून के सामान्य रहने का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है। निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट ने कहा है कि 2022 में मानसून की शुरुआत जबर्दस्त होगी और सीजन का अंत सामान्य के आसपास 96 से 104 फीसदी के साथ होगा। औसतन 880.6 मिमी बारिश हो सकती है। एजेंसी ने कहा है कि मानसून के व्यापक पूर्वानुमान के लिए वह जरूरी आंकड़े जुटा रही है। उसके बाद अप्रैल में वह विस्तृत रिपोर्ट जारी करेगी।

एजेंसी ने कहा कि आंकड़ों की प्रामाणिकता का पता लगाना बेहद जरूरी और एक लंबी प्रक्रिया है। एक बयान में कहा गया है कि एकत्रित आंकड़े को साझा करना थोड़ी जल्दबाजी होगी, लेकिन शुरुआती अनुमान बताने के लिए ये पर्याप्त हैं।

दरअसल मानसून के आगमन, उसकी तीव्रता, अवधि और विदाई में बड़ा अंतर-वार्षिक उतार-चढ़ाव होता है। इसलिए अभी इसके बारे में पक्के तौर पर कुछ भी बताना जल्दबाजी होगी। बयान में कहा गया है कि पिछले दो मानसूनी मौसम ला नीना की घटनाओं से प्रभावित रहे हैं, जो अब सिकुड़ने लगे हैं।

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