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अहमदाबाद विस्फोट मामला: कोर्ट के फैसले के बाद गुजरात भाजपा ने किया विवादित ट्वीट, हंगामा होने पर ट्विटर ने हटाया

पीटीआई, अहमदाबाद
Published by: Jeet Kumar
Updated Mon, 21 Feb 2022 01:19 AM IST

सार

ट्वीट को गुजरात भाजपा के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर शनिवार को पोस्ट किया गया था। राज्य भाजपा इकाई के इंस्टाग्राम या फेसबुक सोशल मीडिया पेजों पर कोई इस तरह का कार्टून उपलब्ध नहीं है।

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2008 में अहमदाबाद में हुए बम धमाकों के दोषियों को 13 साल बाद आखिरकार सजा मिल गई। गुजरात की विशेष अदालत ने इस सीरियल बम ब्लास्ट के 38 दोषियों को सजा-ए-मौत दी है। वहीं इस मामले पर भाजपा की गुजरात ईकाई ने अदालत के फैसले की तारीफ की और अपने ट्विटर हैंडल से विवादित ट्वीट कर डाला फिर हंगामा होता देख ट्वीट को ट्विटर ने डिलीट कर दिया।

गुजरात भाजपा के प्रवक्ता याग्नेश दवे ने रविवार को कहा कि 2008 के सिलसिलेवार बम विस्फोटों के फैसले पर पोस्ट को किसी के द्वारा इसके खिलाफ रिपोर्ट किए जाने के बाद ट्विटर द्वारा हटा दिया गया है। ट्वीट में अदालत के फैसले की तरीफ की गई थी।

ट्वीट में कुछ लोगों को टोपी पहने दिखाया गया था
ट्वीट में एक कार्टून को प्रदर्शित किया गया था। इस कार्टून में कुछ पुरुषों को एक समुदाय से जुड़ी टोपी पहने हुए दिखाया गया था जो फंदे से लटके हुए हैं। मतलब साथ था कि इसकी पृष्ठभूमि में एक बम विस्फोट के दृश्य को दर्शाने वाला एक तिरंगा और एक चित्र था, जिसके ऊपरी दाएं कोने पर सत्यमेव जयते लिखा हुआ था।

इस ट्वीट को गुजरात भाजपा के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर शनिवार को पोस्ट किया गया था। राज्य भाजपा इकाई के इंस्टाग्राम या फेसबुक सोशल मीडिया पेजों पर कोई इस तरह का कार्टून उपलब्ध नहीं है।

सिलसिलेवार तरीके से हुए थे विस्फोट
26 जुलाई 2008 को 70 मिनट की अवधि में हुए 20 से ज्यादा बम धमाकों ने अहमदाबाद को हिला कर रख दिया था। इन हमलों में 56 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक घायल हुए थे। पुलिस ने दावा किया था कि आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े लोगों ने साल 2002 में गुजरात दंगों (गोधरा कांड) का बदला लेने के लिए इन हमलों को अंजाम दिया था, जिसमें अल्पसंख्यक समुदाय के कई लोग मारे गए थे।

विस्तार

2008 में अहमदाबाद में हुए बम धमाकों के दोषियों को 13 साल बाद आखिरकार सजा मिल गई। गुजरात की विशेष अदालत ने इस सीरियल बम ब्लास्ट के 38 दोषियों को सजा-ए-मौत दी है। वहीं इस मामले पर भाजपा की गुजरात ईकाई ने अदालत के फैसले की तारीफ की और अपने ट्विटर हैंडल से विवादित ट्वीट कर डाला फिर हंगामा होता देख ट्वीट को ट्विटर ने डिलीट कर दिया।

गुजरात भाजपा के प्रवक्ता याग्नेश दवे ने रविवार को कहा कि 2008 के सिलसिलेवार बम विस्फोटों के फैसले पर पोस्ट को किसी के द्वारा इसके खिलाफ रिपोर्ट किए जाने के बाद ट्विटर द्वारा हटा दिया गया है। ट्वीट में अदालत के फैसले की तरीफ की गई थी।

ट्वीट में कुछ लोगों को टोपी पहने दिखाया गया था

ट्वीट में एक कार्टून को प्रदर्शित किया गया था। इस कार्टून में कुछ पुरुषों को एक समुदाय से जुड़ी टोपी पहने हुए दिखाया गया था जो फंदे से लटके हुए हैं। मतलब साथ था कि इसकी पृष्ठभूमि में एक बम विस्फोट के दृश्य को दर्शाने वाला एक तिरंगा और एक चित्र था, जिसके ऊपरी दाएं कोने पर सत्यमेव जयते लिखा हुआ था।

इस ट्वीट को गुजरात भाजपा के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर शनिवार को पोस्ट किया गया था। राज्य भाजपा इकाई के इंस्टाग्राम या फेसबुक सोशल मीडिया पेजों पर कोई इस तरह का कार्टून उपलब्ध नहीं है।

सिलसिलेवार तरीके से हुए थे विस्फोट

26 जुलाई 2008 को 70 मिनट की अवधि में हुए 20 से ज्यादा बम धमाकों ने अहमदाबाद को हिला कर रख दिया था। इन हमलों में 56 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक घायल हुए थे। पुलिस ने दावा किया था कि आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े लोगों ने साल 2002 में गुजरात दंगों (गोधरा कांड) का बदला लेने के लिए इन हमलों को अंजाम दिया था, जिसमें अल्पसंख्यक समुदाय के कई लोग मारे गए थे।

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