न्यूज डेस्क, अमर उजाला, अहमदाबाद
Published by: Amit Mandal
Updated Sat, 12 Mar 2022 10:22 PM IST
सार
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंदू समाज में ही विखंडन की प्रवृत्तियों को जन्म देकर समाज को कमजोर करने की साजिश की जा रही है।
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विस्तार
कर्नाटक में हिजाब विवाद का जिक्र
धार्मिक कट्टरता को एक गंभीर चुनौती बताते हुए संघ ने हाल ही में कर्नाटक में हिजाब विवाद के दौरान और केरल में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं की हत्या का जिक्र किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में बढ़ती धार्मिक कट्टरता के विकराल रूप ने कई जगहों पर फिर सिर उठाया है। केरल, कर्नाटक में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं की निर्मम हत्याएं इस खतरे का एक उदाहरण हैं। रिपोर्ट में कहा गया है, संविधान और धार्मिक स्वतंत्रता की आड़ में सांप्रदायिक उन्माद, प्रदर्शन, सामाजिक अनुशासन का उल्लंघन, रीति-रिवाजों और परंपराओं का उल्लंघन, मामूली कारणों से हिंसा भड़काना, अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देना जैसे कायरतापूर्ण कृत्यों का सिलसिला बढ़ रहा है।
समुदाय विशेष द्वारा सरकारी तंत्र में प्रवेश की योजना
ऐसा लगता है कि एक समुदाय विशेष द्वारा सरकारी तंत्र में प्रवेश करने की बड़ी योजनाएं हैं। संख्या के बल पर एक लंबे लक्ष्य के साथ एक गहरी साजिश का आरोप लगाते हुए अपनी बातों को मनवाने के लिए कोई भी रास्ता अपनाने की तैयारी की जा रही है। संघ ने कहा कि समाज की एकता, अखंडता और सद्भाव के सामने इस खतरे को सफलतापूर्वक हराने के लिए संगठित शक्ति, जागृति और सक्रियता के साथ हर संभव प्रयास समय की जरूरत है। हिंदुत्व पर इस रिपोर्ट में कहा गया है कि विभिन्न प्रकार के झूठ फैलाकर इसे बदमान करने की कोशिश हो रही है। हिंदुओं को बांटने की साजिश हो रही है।
बौद्धिकता की आड़ में दुर्भावनापूर्ण एजेंडा
शहर के बाहरी इलाके पिराना में आयोजित बैठक में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि देश और विदेश में बौद्धिकता की आड़ में दुर्भावनापूर्ण एजेंडा काम कर रहा है। इसके मद्देनजर राष्ट्रीयता, हिंदुत्व, इसके इतिहास, सामाजिक दर्शन, सांस्कृतिक मूल्यों और परंपरा आदि के बारे में सच्चाई और तथ्यों पर आधारित प्रभावी और मजबूत वैचारिक माहौल बनाना होगा।