न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Sat, 25 Dec 2021 09:57 AM IST
सार
कोरोना के नए स्वरूप ओमिक्रॉन का संक्रमण जैसे-जैसे बढ़ता जा रहा है, इसके बारे में एक से एक डराने वाले अध्ययन सामने आ रहे हैं। अब पता चला है कि कोरोना के लिए दी गई वैक्सीन ओमिक्रॉन को रोकने के लिए पर्याप्त नहीं है। हर दस संक्रमित में से नौ ऐसे हैं, जो कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज ले चुके हैं।
कोरोना वैक्सीनेशन
– फोटो : पीटीआई
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विस्तार
देश में 183 ओमिक्रॉन संक्रमितों पर यह अध्ययन किया गया, जिसमें सामने आया कि 10 में से नौ संक्रमित पूर्ण रूप से टीकाकरण करा चुके हैं। केंद्र का कहना है कि वैक्सीन इस नए खतरे के लिए पर्याप्त नहीं है। हमें मास्क और सैनिटाइजेशन जैसे अन्य विकल्प संक्रमण को रोकने के लिए फिर से अपनाने होंगे।
बूस्टर डोज लगाने वाले भी नहीं बच सके
केंद्र की ओर से जो आंकड़े पेश किए गए हैं वे डराने वाले हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण के मुताबिक, 87 प्रतिशत ओमिक्रॉन संक्रमित पूरी तरह से वैक्सीनेटेड हैं। वहीं तीन लोगों ने तो बूस्टर डोज भी ले रखी है, इसके बावजूद वे ओमिक्रॉन की चपेट में आ गए। जिन 187 लोगों पर यह अध्ययन किया गया, उसमें से सिर्फ चार लोगों ने वैक्सीन की एक भी खुराक नहीं ली थी। 73 लोगों के टीकाकरण के बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं है वहीं 16 लोग वैक्सीनेशन के लिए पात्र नहीं थे। वहीं दो लोगों को आंशिक रूप से टीका लगा था।
27 प्रतिशत संक्रमित तो विदेश गए ही नहीं
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने यह आंकड़े जारी करते हुए बताया कि ओमिक्रॉन के बारे में गंभीर बात यह निकलकर सामने आई है कि 27 प्रतिशत ओमिक्रॉन संक्रमितों की कोई ट्रैवल हिस्ट्री ही नहीं थी। यानि कि वे न तो विदेश गए और न ही विदेश यात्रियों के संपर्क में आए, इसके बावजूद वे ओमिक्रॉन से संक्रमित हो गए।
विशेषज्ञों की क्या है चेतावनी
भारत में कोविड19 टास्क फोर्स के प्रमुख डॉ. वीके पॉल ने ओमिक्रॉन को लेकर चेतावनी जारी की है। उन्होंने कहा कि यह वैरिएंट डेल्टा से कहीं ज्यादा संक्रामक और खतरनाक है। इस वैरिएंट का एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने का खतरा काफी ज्यादा है। अगर कोई व्यक्ति संक्रमण की चपेट में आता है तो उसके घर वालों में संक्रमण होने का खतरा काफी ज्यादा है।