न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Tue, 21 Dec 2021 12:20 PM IST
सार
डॉ एंजेलीक कोएट्जी के अलावा कई विशेषज्ञ भी यह कह चुके हैं कि टीका लगवाने के बाद स्वयं संक्रमित होने और इसके कारण दूसरे लोगों के संक्रमित करने की आशंका कम हो जाती है।
एंबुलेंस में वैक्सीन लगवाती युवती।
– फोटो : संवाद
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विस्तार
अमेरिकी स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, मरने वाले व्यक्ति की उम्र 50 से 60 साल के बीच थी। विशेषज्ञों के अनुसार, 50 से 60 साल के व्यक्ति जिन्होंने वैक्सीन की एक भी खुराक नहीं ली है, वे ‘अति गंभीर’ श्रेणी में आते हैं। हैरिस काउंटी की जज लीना हिद्ल्गो ने बताया कि ओमिक्रॉन वैरिएंट से यह देश में पहली मौत है। उन्होंने लागों से अपील की कि वे वैक्सीन लें और जो वैक्सीन ले चुके हैं, वे बूस्टर डोज जरूर लगवाएं।
टीका न लगवाने वाले 10 में से 9 आईसीयू में
कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की पहली बार पहचान करने वाली दक्षिण अफ्रीका की डॉक्टर एंजेलीक कोएट्जी ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने सोमवार को बताया कि दक्षिण अफ्रीका में अस्पताल के आईसीयू में भर्ती 10 में से 9 ओमिक्रॉन मरीजों ने टीका नहीं लगवाया था। इनके संपर्क में टीका लगवाए लोगों में संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। उन्होंने आगे बताया कि टीकाकरण गंभीर संक्रमण से मजबूत सुरक्षा प्रदान कर सकता है।
विशेषज्ञों की चेतावनी
डॉ एंजेलीक कोएट्जी के अलावा कई विशेषज्ञ भी यह कह चुके हैं कि टीका लगवाने के बाद स्वयं संक्रमित होने और इसके कारण दूसरे लोगों के संक्रमित करने की आशंका कम हो जाती है। डॉक्टर कोएट्जी ने चेतावनी दी है कि भले ही नया स्ट्रेन टीकाकरण करा चुके लोगों को गंभीर रूप से बीमार न करे, लेकिन यह वैक्सीन नहीं लेने वालों को बुरी तरह संक्रमित कर सकता है।
कई राज्यों में फैल चुका है संक्रमण
अमेरिका में 73 फीसदी कोरोना के मरीज ओमिक्रॉन से भी संक्रमित पाए जा रहे हैं। खतरे वाली बात यह है कि यह आंकड़ा महज एक सप्ताह के अंदर ही इतनी तेजी से बढ़ा है। सप्ताह भर पहले यहां तीन फीसदी कोरोना के मरीज ओमिक्रॉन से संक्रमित हो रहे थे। सीडीसी ने बताया कि अमेरिका में एक सप्ताह में ही ओमिक्रॉन के मामले में छह गुना बढ़ोतरी हुई है। सीडीसी का कहना है कि कई राज्यों में संक्रमण और भी ज्यादा हो सकता है। न्यूयॉर्क में तो 90 फीसदी नए मामलों के पीछे ओमिक्रॉन वैरिएंट ही एक मात्र कारण है। बीते एक सप्ताह पहले तक अमेरिका में डेल्टा वैरिएंट के ही मामले सबसे ज्यादा थे, लेकिन अब यहां इनकी संख्या सिर्फ 27 प्रतिशत ही रह गई है।
