एजेंसी, बीजिंग।
Published by: Jeet Kumar
Updated Fri, 24 Dec 2021 01:55 AM IST
सार
विश्व बैंक की मौजूदा रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के आर्थिक दृष्टिकोण के लिए नकारात्मक जोखिम बढ़ गए हैं। इसके पीछे एक कारण कोविड के ओमिक्रॉन वैरिएंट भी है।
चीन में साल 2022 के भीतर अर्थव्यवस्था का विकास घटने का अनुमान है। विश्व बैंक के मुताबिक, 2022 में चीन की आर्थिक वृद्धि तेजी से धीमी होगी। उसे उम्मीद है कि चीन के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में एक साल पहले की तुलना में 2021 में 8 प्रतिशत का विस्तार होगा जो कि उसके पिछले पूर्वानुमानों से कम है।
विश्व बैंक ने अक्तूबर में उम्मीद की थी कि चीन की अर्थव्यवस्था इस साल 8.1 फीसदी बढ़ेगी जबकि जून में 8.5 फीसदी की वृद्धि का अनुमान लगाया गया था।
विश्व बैंक ने अपने 2022 के पूर्वानुमान को भी 5.4 फीसदी से घटाकर 5.1 फीसदी कर दिया, जो 1990 के बाद से चीन के लिए विकास की दूसरी सबसे धीमी गति को दर्शाता है। साल 2020 में चीन की अर्थव्यवस्था 2.2 फीसदी बढ़ी थी।
विश्व बैंक की मौजूदा रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के आर्थिक दृष्टिकोण के लिए नकारात्मक जोखिम बढ़ गए हैं। इसके पीछे एक कारण कोविड के ओमिक्रॉन वैरिएंट भी है। इसके अलावा प्रॉपर्टी सेक्टर में मंदी की स्थिति बनी रह सकती है। जिससे अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचेगा। इस बीच देश में कई कंपनियों ने भारी छंटनी भी शुरू कर दी है।
विस्तार
चीन में साल 2022 के भीतर अर्थव्यवस्था का विकास घटने का अनुमान है। विश्व बैंक के मुताबिक, 2022 में चीन की आर्थिक वृद्धि तेजी से धीमी होगी। उसे उम्मीद है कि चीन के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में एक साल पहले की तुलना में 2021 में 8 प्रतिशत का विस्तार होगा जो कि उसके पिछले पूर्वानुमानों से कम है।
विश्व बैंक ने अक्तूबर में उम्मीद की थी कि चीन की अर्थव्यवस्था इस साल 8.1 फीसदी बढ़ेगी जबकि जून में 8.5 फीसदी की वृद्धि का अनुमान लगाया गया था।
विश्व बैंक ने अपने 2022 के पूर्वानुमान को भी 5.4 फीसदी से घटाकर 5.1 फीसदी कर दिया, जो 1990 के बाद से चीन के लिए विकास की दूसरी सबसे धीमी गति को दर्शाता है। साल 2020 में चीन की अर्थव्यवस्था 2.2 फीसदी बढ़ी थी।
विश्व बैंक की मौजूदा रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के आर्थिक दृष्टिकोण के लिए नकारात्मक जोखिम बढ़ गए हैं। इसके पीछे एक कारण कोविड के ओमिक्रॉन वैरिएंट भी है। इसके अलावा प्रॉपर्टी सेक्टर में मंदी की स्थिति बनी रह सकती है। जिससे अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचेगा। इस बीच देश में कई कंपनियों ने भारी छंटनी भी शुरू कर दी है।
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