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वर्क फ्रॉम होम कल्चर: राष्ट्रपति बोले- महिलाओं पर तिहरा बोझ डाला, महामारी ने सभी को सिखाया

एजेंसी, नई दिल्ली
Published by: देव कश्यप
Updated Wed, 19 Jan 2022 05:14 AM IST

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद
– फोटो : अमर उजाला

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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कोरोना महामारी के दौरान वर्क फ्रॉम होम (डब्ल्यूएफएच) पर राय देते हुए कहा कि जहां इस कल्चर से फायदे हैं तो वहीं दूसरी ओर कामकाजी महिलाओं के लिए यह तिहरा बोझ बन गया है।

ईयरबुक में राष्ट्रपति ने युवाओं को लिखा पत्र
राष्ट्रपति ने ईयरबुक में “एराइज, द फ्यूचर बैकॉन्स” शीर्षक से लिखे पत्र में कहा, महिलाएं पहले से ही घरेलू जिम्मेदारियों को संभालने के दौरान भुगतान और बिना भुगतान वाले कार्य करके दोहरा बोझ उठा रही हैं। जब बच्चे स्कूल से घर आते हैं तो उनकी शिक्षा की जिम्मेदारी दोनों पर होती है, लेकिन यहां भी सिखाने का जिम्मा माताओं पर डाल दिया जाता है। ऐसे में पुरुष कर्मचारियों को परिवार में तनाव का स्वागत करते हुए जिम्मेदारी को साझा करना चाहिए।

महामारी ने सभी को सिखाया
राष्ट्रपति ने कहा कि महामारी ने हम सभी को सिखाया है कि आप कैसे जलवायु परिवर्तन से हो रहे बदलाव को नियंत्रित करेंगे। महामारी एक अनिश्चित संकट है लेकिन यह हम सभी के लिए चेतावनी भी है कि कैसे एक बड़े संकट से निपट सकें। जलवायु परिवर्तन अब वैज्ञानिक शोध और नीतिगत चर्चा का विषय नहीं रहा, बल्कि इसका प्रभाव हमेशा वास्तविक रहा है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कोरोना महामारी के दौरान वर्क फ्रॉम होम (डब्ल्यूएफएच) पर राय देते हुए कहा कि जहां इस कल्चर से फायदे हैं तो वहीं दूसरी ओर कामकाजी महिलाओं के लिए यह तिहरा बोझ बन गया है।

ईयरबुक में राष्ट्रपति ने युवाओं को लिखा पत्र

राष्ट्रपति ने ईयरबुक में “एराइज, द फ्यूचर बैकॉन्स” शीर्षक से लिखे पत्र में कहा, महिलाएं पहले से ही घरेलू जिम्मेदारियों को संभालने के दौरान भुगतान और बिना भुगतान वाले कार्य करके दोहरा बोझ उठा रही हैं। जब बच्चे स्कूल से घर आते हैं तो उनकी शिक्षा की जिम्मेदारी दोनों पर होती है, लेकिन यहां भी सिखाने का जिम्मा माताओं पर डाल दिया जाता है। ऐसे में पुरुष कर्मचारियों को परिवार में तनाव का स्वागत करते हुए जिम्मेदारी को साझा करना चाहिए।

महामारी ने सभी को सिखाया

राष्ट्रपति ने कहा कि महामारी ने हम सभी को सिखाया है कि आप कैसे जलवायु परिवर्तन से हो रहे बदलाव को नियंत्रित करेंगे। महामारी एक अनिश्चित संकट है लेकिन यह हम सभी के लिए चेतावनी भी है कि कैसे एक बड़े संकट से निपट सकें। जलवायु परिवर्तन अब वैज्ञानिक शोध और नीतिगत चर्चा का विषय नहीं रहा, बल्कि इसका प्रभाव हमेशा वास्तविक रहा है।

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