एजेंसी, वियनतियाने
Published by: Kuldeep Singh
Updated Wed, 17 Nov 2021 05:19 AM IST
सार
राजधानी वियनतियाने में विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) मेकांग नदी के तट पर बन रही इस प्रतिमा का निर्माण शंघाई स्थित कंपनी वांग फेंग शंघाई रियल एस्टेट कंपनी कर रही है। द हांगकांग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय लोगों ने चीनी कंपनी पर लाओस में बौद्ध धर्म की थेरवाद रूढ़ि के विपरीत महायान फैशन परंपरा में इसे डिजाइन करके ‘लाओटियन बौद्ध’ भावनाओं को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।
भगवान बुद्ध की प्रतिमा (प्रतीकात्मक तस्वीर)
– फोटो : Pixabay
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विस्तार
महायान परंपरा में बन रही 100 मीटर ऊंची मूर्ति पर भड़क रहीं चीन विरोधी भावनाएं
द हांगकांग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय लोगों ने चीनी कंपनी पर लाओस में बौद्ध धर्म की थेरवाद रूढ़ि के विपरीत महायान फैशन परंपरा में इसे डिजाइन करके ‘लाओटियन बौद्ध’ भावनाओं को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। बता दें कि बौद्ध धर्म में महायान और थेरवाद परंपराओं में कई छोटे अंतर है जबकि दोनों एक ही मूल से निकलते हैं।
जबकि इस क्षेत्र में थेरवाद को मानने वाले लोग रहते हैं। यह मूर्ति कम वृद्धि वाले भवन क्षेत्र में सबसे ऊंची संरचना होगी। स्थानीय लोग चीनियों पर लाओटियन बौद्ध धर्म पर को बढ़ावा देने का आरोप लगा रहे हैं। जबकि मंदिरों में स्थापित की जाने वाली मूर्तियों के निर्माण के लिए लाओ शैली की आवश्यकता होती है, जिसे लैन जांग शैली के रूप में भी जाना जाता है।