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रूस-यूक्रेन संकट: वैश्विक बाजारों गेहूं की कमी, पीयूष गोयल बोले- मिस्त्र ने भारत को गेहूं आपूर्तिकर्ता के रूप में दी मंजूरी

एजेंसी, नई दिल्ली। 
Published by: Jeet Kumar
Updated Sat, 16 Apr 2022 02:52 AM IST

सार

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारतीय किसान दुनिया का पेट भर रहे हैं। दुनिया लगातार खाद्य आपूर्ति के भरोसेमंद वैकल्पिक साधन की खोज में है और ऐसे में मोदी सरकार आगे आई है। हम दुनिया की सेवा करने के लिए तैयार हैं। 

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वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि मिस्त्र ने भारत को गेहूं आपूर्तिकर्ता के रूप में मंजूरी दी है। रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्षों के कारण वैश्विक बाजारों में गेहूं की उपलब्धता में कमी आई है। मिस्त्र ने 2020 में रूस से 1.8 अरब डॉलर का और यूक्रेन से 61.08 करोड़ डॉलर के गेहूं का आयात किया था। मिस्त्र अब भारत से 10 लाख टन का आयात करना चाहता है और अप्रैल में उसे 2.40 लाख टन गेहूं की जरूरत होगी। 

गोयल ने कहा कि भारतीय किसान दुनिया का पेट भर रहे हैं। दुनिया लगातार खाद्य आपूर्ति के भरोसेमंद वैकल्पिक साधन की खोज में है और ऐसे में मोदी सरकार आगे आई है। हम दुनिया की सेवा करने के लिए तैयार हैं। 

निर्यात बढ़कर 1.74 अरब डॉलर
अप्रैल, 2021 से जनवरी, 2022 के बीच भारत का गेहूं निर्यात बढ़कर 1.74 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। एक साल पहले इसी समय में यह केवल 34 करोड़ डॉलर था। भारत वैसे गेहूं का निर्यात मुख्य रूप से पड़ोसी देशों को करता है जिनमें सबसे अधिक 54 फीसदी निर्यात बांग्लादेश को किया जाता है। नए बाजारों में यमन, अफगानिस्तान, कतर और इंडोनेशिया जैसे देशों में भी भारत गेहूं निर्यात के लिए प्रवेश किया है। 

10.75 करोड़ टन गेहूं का उत्पादन
भारत सालाना करीब 10.75 करोड़ टन गेहूं का उत्पादन करता है। 2020-21 में भारत से गेहूं का आयात करनेवाले शीर्ष दस देशों में बांग्लादेश, नेपाल, संयुक्त अरब अमीरात, यमन, अफगानिस्तान, कतर, ओमान और अन्य देश रहे। दुनिया के कुल गेहूं निर्यात में भारत की हिस्सेदारी एक फीसदी से भी कम है। 

हालांकि 2016 में यह केवल 0.14 और 2020 में 0.54 फीसदी थी। भारत गेहूं का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है और दुनिया में 2020 में इसके कुल उत्पादन में इसकी हिस्सेदारी करीब 14.14 फीसदी थी। देश में सबसे ज्यादा गेहूं का उत्पादन करनेवाले राज्यों में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्यप्रदेश, राजस्थान, बिहार और गुजरात हैं।

विस्तार

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि मिस्त्र ने भारत को गेहूं आपूर्तिकर्ता के रूप में मंजूरी दी है। रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्षों के कारण वैश्विक बाजारों में गेहूं की उपलब्धता में कमी आई है। मिस्त्र ने 2020 में रूस से 1.8 अरब डॉलर का और यूक्रेन से 61.08 करोड़ डॉलर के गेहूं का आयात किया था। मिस्त्र अब भारत से 10 लाख टन का आयात करना चाहता है और अप्रैल में उसे 2.40 लाख टन गेहूं की जरूरत होगी। 

गोयल ने कहा कि भारतीय किसान दुनिया का पेट भर रहे हैं। दुनिया लगातार खाद्य आपूर्ति के भरोसेमंद वैकल्पिक साधन की खोज में है और ऐसे में मोदी सरकार आगे आई है। हम दुनिया की सेवा करने के लिए तैयार हैं। 

निर्यात बढ़कर 1.74 अरब डॉलर

अप्रैल, 2021 से जनवरी, 2022 के बीच भारत का गेहूं निर्यात बढ़कर 1.74 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। एक साल पहले इसी समय में यह केवल 34 करोड़ डॉलर था। भारत वैसे गेहूं का निर्यात मुख्य रूप से पड़ोसी देशों को करता है जिनमें सबसे अधिक 54 फीसदी निर्यात बांग्लादेश को किया जाता है। नए बाजारों में यमन, अफगानिस्तान, कतर और इंडोनेशिया जैसे देशों में भी भारत गेहूं निर्यात के लिए प्रवेश किया है। 

10.75 करोड़ टन गेहूं का उत्पादन

भारत सालाना करीब 10.75 करोड़ टन गेहूं का उत्पादन करता है। 2020-21 में भारत से गेहूं का आयात करनेवाले शीर्ष दस देशों में बांग्लादेश, नेपाल, संयुक्त अरब अमीरात, यमन, अफगानिस्तान, कतर, ओमान और अन्य देश रहे। दुनिया के कुल गेहूं निर्यात में भारत की हिस्सेदारी एक फीसदी से भी कम है। 

हालांकि 2016 में यह केवल 0.14 और 2020 में 0.54 फीसदी थी। भारत गेहूं का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है और दुनिया में 2020 में इसके कुल उत्पादन में इसकी हिस्सेदारी करीब 14.14 फीसदी थी। देश में सबसे ज्यादा गेहूं का उत्पादन करनेवाले राज्यों में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्यप्रदेश, राजस्थान, बिहार और गुजरात हैं।

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