न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: जयदेव सिंह
Updated Sat, 16 Apr 2022 09:28 PM IST
सार
इस बार के बजट में कुल बजट का 4.3 फीसदी हिस्सा महिला कल्याण की योजनाओं को मिला है। वहीं, 2021-22 के बजट में कुल बजट का 4.4 फीसदी हिस्सा महिला कल्याण से जुड़ी योजना के लिए आवंटित किया गया था।
यूनिसेफ इंडिया की रिपोर्ट।
– फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
यूनिसेफ इंडिया ने 2022-23 के बजट पर एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में भारत में बच्चों के लिए बजट प्राथमिकताओं और आवंटन के बारे में बताया गया है। इसके साथ ही महिलाओं, स्वास्थ्य और अन्य सामाजिक सरोकार के क्षेत्रों में बजट प्राथमिकताओं और उसके आवंटन के बारे में भी बताया गया है। दरअसल, इस वक्त महिलाओं और बच्चों पर सरकार का फोकस बढ़ा है। वहीं, महामारी के दौर में कॉरपोरेट्स भी उनकी मदद के लिए आगे आ सकते हैं। इसके अलावा कोरोना वायरस से निपटने के लिए टीकाकरण का काम भी काफी अच्छे तरीके से किया गया और कई कीर्तिमान स्थापित किए गए।
बजट में हुआ इतना इजाफा
रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार के बजट में कुल बजट का 4.3 फीसदी हिस्सा महिला कल्याण की योजनाओं को मिला है। वहीं, 2021-22 के बजट में कुल बजट का 4.4 फीसदी हिस्सा महिला कल्याण से जुड़ी योजना के लिए आवंटित किया गया था। हालांकि, आवंटन राशि को देखें तो पिछले बजट के मुकाबले इस बार के बजट में 48.24 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है। बीते पांच साल की बात करें तो 2017-18 में कुल बजट का 4.3 फीसदी बजट महिला कल्याण से जुड़ी योजना के लिए था। वहीं, 2018-19 में यह बढ़कर पांच फीसदी हो गया। इस वक्त कुल बजट में महिला कल्याण का बजट 4.4 फीसदी है।
साल 2022-23 का बजट भी बढ़ा
अगर आवंटित राशि की बात करें तो 2017-18 में महिला कल्याण के लिए कुल 928.83 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया था। 2018-19 में यह बजट बढ़कर 1,152.06 करोड़ रुपये हो गया। 2019-20 में महिला कल्याण का बजट फिर बढ़कर 1,257.82 करोड़ रुपये हो गया। 2020-21 में जब कोरोनाकाल में अर्थव्यवस्था चरमरा रही थी तब महिला कल्याण का बजट 1,520.98 करोड़ कर दिया गया। इस बार के बजट में और इजाफा हुआ है। इसे बढ़ाकर 1,710.06 करोड़ रुपये कर दिया गया है। शिक्षा, महिला और बाल विकास, स्वास्थ्य, पीने का पानी और स्वच्छता जैसे सामाजिक सरोकार के क्षेत्र पर भी सरकार ध्यान दे रही है। 2021-22 के मुकाबले 2022-23 में पीने के पानी और स्वच्छता का बजट बढ़ा है।
बच्चों के लिए केंद्र सरकार ने किए बड़े एलान
कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों के लिए केंद्र सरकार ने कई बड़े एलान किए। इसके तहत ‘पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन’ योजना के तहत उनकी पढ़ाई का खर्च उठाने की बात कही गई। वहीं, 23 साल की उम्र तक उन्हें 10 लाख रुपये का फंड देने का एलान भी किया गया। इन बच्चों को आयुष्मान भारत के तहत कवर करने की घोषणा भी की गई।
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