videsh

यूक्रेन संकट : मानवता की मिसाल बनीं दो भारतीय नन, मुसीबतें झेलकर बेघरों की सेवा में जुटीं, पीछे नहीं हटीं

एजेंसी, आइजोल।
Published by: योगेश साहू
Updated Thu, 24 Mar 2022 06:25 AM IST

सार

आइजोल से करीब 15 किमी उत्तर में स्थित सिहफिर गांव की सिस्टर रोसेला नुथांगी (65) और आइजोल के इलेक्ट्रिक वेंग इलाके की सिस्टर एन फ्रिडा (48) दूसरे देशों की तीन अन्य ननों के साथ मिलकर कीव के एक गोदाम में 37 बेघर यूक्रेनियों और केरल की एक छात्रा की देखभाल कर रही हैं। हालांकि, उनके पास अब भोजन समेत अन्य आवश्यक वस्तुओं की कमी होने लगी है लेकिन उनका मदद का इरादा अडिग है। 

ख़बर सुनें

यूक्रेन में भीषण जंग छिड़ी है और लोग जैसे-तैसे जान बचाकर भाग रहे हैं। लेकिन कुछ लोग जान की परवाह किए बगैर पीड़ितों की देखभाल में जुटे हैं। भारत की दो ननों ने तमाम मुसीबतों के बावजूद बेघर-बेसहारा लोगों की सेवा के लिए मानवता की अद्भुत मिसाल पेश की है। इनके पास भी सुरक्षित निकलने का मौका था, पर मिशनरीज ऑफ चैरिटी से जुड़ी मिजोरम निवासी दोनों ननों ने यूक्रेन छोड़ने से इनकार कर दिया है और संकट की घड़ी में लोगों की मदद का फैसला किया।

बताया जा रहा है कि आइजोल से करीब 15 किमी उत्तर में स्थित सिहफिर गांव की सिस्टर रोसेला नुथांगी (65) और आइजोल के इलेक्ट्रिक वेंग इलाके की सिस्टर एन फ्रिडा (48) दूसरे देशों की तीन अन्य ननों के साथ मिलकर कीव के एक गोदाम में 37 बेघर यूक्रेनियों और केरल की एक छात्रा की देखभाल कर रही हैं। हालांकि, उनके पास अब भोजन समेत अन्य आवश्यक वस्तुओं की कमी होने लगी है लेकिन उनका मदद का इरादा अडिग है।

रोसेला की रिश्तेदार सिल्वीन जोथांसियामी ने बताया है कि उनके समक्ष वस्तुओं का संकट होने लगा है। रोसेला ने सोमवार को सिल्वीन से फोन पर हुई बातचीत में बताया कि हम ठीक हैं और अभी हमारे पास पहले से एकत्र की गई भोजन सामग्री से काम चल रहा है। हालांकि, बाहर गोलीबारी हो रही है और हम कहीं भी नहीं जा सकते हैं और अब एक गोदाम में छिप गए हैं। सिस्टर फ्रिडा के भाई रॉबर्ट लालरुएथलुआंग ने आपसी बातचीत के आधार पर बताया कि उनकी बहन ने चिंता न करने को कहा है और मुश्किलों के बावजूद वह खुश हैं।

यूक्रेन में मदद के लिए भारतीय पायलट भेजने की मांग
अमेरिकी सांसदों के एक समूह ने राष्ट्रपति जो बाइडन से यूक्रेन में मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए भारत, ब्राजील, मिस्र और यूएई जैसे देशों से संपर्क करने और इन देशों से पायलट मांगने का आग्रह किया है। ऐसा इसलिए क्योंकि रूस इन्हें गैर-शत्रु देश मानता है। 20 सांसदों के समूह ने बाइडन को पत्र लिखा है कि यक्रेन में जहां भी संभव है जिंदगियां बचाना अमेरिका की नैतिक जिम्मेदारी है। एजेंसी

जासूसी में पोलैंड ने 45 रूसी निकाले
पोलैंड ने जासूसी के शक में 45 रूसी अधिकारियों को देश से निकलने का आदेश दिया है। पोलैंड ने इन्हें सुरक्षा के लिए खतरा बताया है। साथ ही उसने रूस के लिए जासूसी करने के संदेह में पोलैंड के एक नागरिक को हिरासत में लिया है। रूसी राजदूत सेर्गेय एंद्रीव को भी तलब किया है।

विस्तार

यूक्रेन में भीषण जंग छिड़ी है और लोग जैसे-तैसे जान बचाकर भाग रहे हैं। लेकिन कुछ लोग जान की परवाह किए बगैर पीड़ितों की देखभाल में जुटे हैं। भारत की दो ननों ने तमाम मुसीबतों के बावजूद बेघर-बेसहारा लोगों की सेवा के लिए मानवता की अद्भुत मिसाल पेश की है। इनके पास भी सुरक्षित निकलने का मौका था, पर मिशनरीज ऑफ चैरिटी से जुड़ी मिजोरम निवासी दोनों ननों ने यूक्रेन छोड़ने से इनकार कर दिया है और संकट की घड़ी में लोगों की मदद का फैसला किया।

बताया जा रहा है कि आइजोल से करीब 15 किमी उत्तर में स्थित सिहफिर गांव की सिस्टर रोसेला नुथांगी (65) और आइजोल के इलेक्ट्रिक वेंग इलाके की सिस्टर एन फ्रिडा (48) दूसरे देशों की तीन अन्य ननों के साथ मिलकर कीव के एक गोदाम में 37 बेघर यूक्रेनियों और केरल की एक छात्रा की देखभाल कर रही हैं। हालांकि, उनके पास अब भोजन समेत अन्य आवश्यक वस्तुओं की कमी होने लगी है लेकिन उनका मदद का इरादा अडिग है।

रोसेला की रिश्तेदार सिल्वीन जोथांसियामी ने बताया है कि उनके समक्ष वस्तुओं का संकट होने लगा है। रोसेला ने सोमवार को सिल्वीन से फोन पर हुई बातचीत में बताया कि हम ठीक हैं और अभी हमारे पास पहले से एकत्र की गई भोजन सामग्री से काम चल रहा है। हालांकि, बाहर गोलीबारी हो रही है और हम कहीं भी नहीं जा सकते हैं और अब एक गोदाम में छिप गए हैं। सिस्टर फ्रिडा के भाई रॉबर्ट लालरुएथलुआंग ने आपसी बातचीत के आधार पर बताया कि उनकी बहन ने चिंता न करने को कहा है और मुश्किलों के बावजूद वह खुश हैं।

यूक्रेन में मदद के लिए भारतीय पायलट भेजने की मांग

अमेरिकी सांसदों के एक समूह ने राष्ट्रपति जो बाइडन से यूक्रेन में मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए भारत, ब्राजील, मिस्र और यूएई जैसे देशों से संपर्क करने और इन देशों से पायलट मांगने का आग्रह किया है। ऐसा इसलिए क्योंकि रूस इन्हें गैर-शत्रु देश मानता है। 20 सांसदों के समूह ने बाइडन को पत्र लिखा है कि यक्रेन में जहां भी संभव है जिंदगियां बचाना अमेरिका की नैतिक जिम्मेदारी है। एजेंसी

जासूसी में पोलैंड ने 45 रूसी निकाले

पोलैंड ने जासूसी के शक में 45 रूसी अधिकारियों को देश से निकलने का आदेश दिया है। पोलैंड ने इन्हें सुरक्षा के लिए खतरा बताया है। साथ ही उसने रूस के लिए जासूसी करने के संदेह में पोलैंड के एक नागरिक को हिरासत में लिया है। रूसी राजदूत सेर्गेय एंद्रीव को भी तलब किया है।

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top
%d bloggers like this: