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'मोदी-मोदी' की गूंज : 'अटलजी का सबसे बुरा डर सच हो गया', सुनिए महुआ मोइत्रा ने लोकसभा में क्यों कही यह बात?

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Wed, 23 Mar 2022 08:02 AM IST

सार

मोइत्रा ने मंगलवार को सदन में कहा, ‘वाजपेयी का बुरा डर सच हो गया है। मोदी-मोदी के नारों के बीच प्रधानमंत्री सदन में एक योद्धा की तरह प्रवेश करते हैं। सरकार ने संसद को रोम के कोलोसियम में बदल दिया है।’
 

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तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने लोकसभा में ‘मोदी-मोदी’ के नारों पर ऐतराज जताया है। उन्होंने इसके लिए पूर्व पीएम स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की टिप्पणी जिक्र किया। 
मोइत्रा ने मंगलवार को सदन में कहा, ‘वाजपेयी का बुरा डर सच हो गया है। मोदी-मोदी के नारों के बीच प्रधानमंत्री सदन में एक योद्धा की तरह प्रवेश करते हैं। सरकार ने संसद को रोम के कोलोसियम में बदल दिया है।’
मोइत्रा ने अपनी बात को कहने के लिए 1972 में वाजपेयी द्वारा संसद में की गई टिप्पणी को उदधृत किया। मोइत्रा के अनुसार वाजपेयी ने कहा था, ‘नई दिल्ली का माहौल इन दिनों दम घोंटू हो रहा है। स्वतंत्र रूप से सांस लेना आसान नहीं है। ऑल इंडिया रेडियो पर सुबह से रात तक एक प्रधानमंत्री के नाम का जाप, सिनेमा स्क्रीन पर लगातार प्रोपेगेंडा, विपक्ष में बैठे लोग इससे कैसे लड़ सकते हैं।’

नागरिक विमानन मंत्रालय की वर्ष 2022-23 की अनुदान मांगों पर चर्चा में शामिल होते हुए मोइत्रा ने कहा कि यह शायद भारत की सबसे बड़ी त्रासदी है कि वाजपेयीजी ने प्रधान मंत्री के रूप में जिस पार्टी का नेतृत्व किया, वह आज संसद को रोम के कोलोसियम की तरह चला रही है।’

मोइत्रा ने यह टिप्पणी चार राज्यों में भाजपा की जीत के बाद संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत के वक्त लोकसभा पीएम मोदी के जयकारे का परोक्ष जिक्र करते हुए की। पांच राज्यों के चुनावों में भाजपा को यूपी, गोवा, उत्तराखंड व मणिपुर में ऐतिहासिक जीत मिली है। इससे भाजपा गदगद है। 

सुनिए टीएमसी सांसद ने क्या कहा

वाजपेयी ने 1972 में यह कहा था
‘चुनावी नतीजों ने प्रधानमंत्री के हाथों में असाधारण ताकत और अधिकार दे दिए हैं। सारी शक्ति नई दिल्ली में केंद्रित है। केंद्रीय मंत्रियों को दिल्ली दरबार में दरबारियों तक सीमित कर दिया गया है। प्रधानमंत्री सचिवालय एक समानांतर कैबिनेट बन गया है। प्रधानमंत्री शिखर पर खड़े हैं और उनके साथी उनके पैरों पर लेटे हुए हैं। क्या यह स्थिति एक व्यक्ति के तानाशाह के रूप में स्थापित होने की खतरनाक संभावना से भरी नहीं है? इन दिनों नई दिल्ली में माहौल दम घोंटने वाला है। स्वतंत्र रूप से सांस लेना कठिन है। असहमति की आवाज उठाना विद्रोह के रूप में देखा जाता है। सुबह से रात तक ऑल इंडिया रेडियो पर प्रधानमंत्री के नाम का जाप, सिनेमा स्क्रीन पर लगातार प्रचार, विपक्ष में बैठे लोग इस सबसे कैसे लड़ सकते हैं?’

क्या है रोम का कोलोसियम 
इटली के रोम शहर में बना कोलोसियम रोमन साम्राज्य का सबसे विशाल थिएटर है। यह रोमन स्थापत्य और अभियांत्रिकी का सर्वोत्कृष्ट नमूना माना जाता है। इसका निर्माण तत्कालीन शासक वेस्पियन ने ७०वीं – ७२वीं ईस्वी के मध्य प्रारंभ किया और ८०वीं ईस्वी में इसको सम्राट टाइटस ने पूरा किया था। इस भवन का नाम एम्फीथियेटरम् फ्लेवियम, वेस्पियन और टाइटस के पारिवारिक नाम फ्लेवियस के कारण है।

विस्तार

तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने लोकसभा में ‘मोदी-मोदी’ के नारों पर ऐतराज जताया है। उन्होंने इसके लिए पूर्व पीएम स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की टिप्पणी जिक्र किया। 

मोइत्रा ने मंगलवार को सदन में कहा, ‘वाजपेयी का बुरा डर सच हो गया है। मोदी-मोदी के नारों के बीच प्रधानमंत्री सदन में एक योद्धा की तरह प्रवेश करते हैं। सरकार ने संसद को रोम के कोलोसियम में बदल दिया है।’

मोइत्रा ने अपनी बात को कहने के लिए 1972 में वाजपेयी द्वारा संसद में की गई टिप्पणी को उदधृत किया। मोइत्रा के अनुसार वाजपेयी ने कहा था, ‘नई दिल्ली का माहौल इन दिनों दम घोंटू हो रहा है। स्वतंत्र रूप से सांस लेना आसान नहीं है। ऑल इंडिया रेडियो पर सुबह से रात तक एक प्रधानमंत्री के नाम का जाप, सिनेमा स्क्रीन पर लगातार प्रोपेगेंडा, विपक्ष में बैठे लोग इससे कैसे लड़ सकते हैं।’

नागरिक विमानन मंत्रालय की वर्ष 2022-23 की अनुदान मांगों पर चर्चा में शामिल होते हुए मोइत्रा ने कहा कि यह शायद भारत की सबसे बड़ी त्रासदी है कि वाजपेयीजी ने प्रधान मंत्री के रूप में जिस पार्टी का नेतृत्व किया, वह आज संसद को रोम के कोलोसियम की तरह चला रही है।’

मोइत्रा ने यह टिप्पणी चार राज्यों में भाजपा की जीत के बाद संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत के वक्त लोकसभा पीएम मोदी के जयकारे का परोक्ष जिक्र करते हुए की। पांच राज्यों के चुनावों में भाजपा को यूपी, गोवा, उत्तराखंड व मणिपुर में ऐतिहासिक जीत मिली है। इससे भाजपा गदगद है। 


सुनिए टीएमसी सांसद ने क्या कहा

वाजपेयी ने 1972 में यह कहा था

‘चुनावी नतीजों ने प्रधानमंत्री के हाथों में असाधारण ताकत और अधिकार दे दिए हैं। सारी शक्ति नई दिल्ली में केंद्रित है। केंद्रीय मंत्रियों को दिल्ली दरबार में दरबारियों तक सीमित कर दिया गया है। प्रधानमंत्री सचिवालय एक समानांतर कैबिनेट बन गया है। प्रधानमंत्री शिखर पर खड़े हैं और उनके साथी उनके पैरों पर लेटे हुए हैं। क्या यह स्थिति एक व्यक्ति के तानाशाह के रूप में स्थापित होने की खतरनाक संभावना से भरी नहीं है? इन दिनों नई दिल्ली में माहौल दम घोंटने वाला है। स्वतंत्र रूप से सांस लेना कठिन है। असहमति की आवाज उठाना विद्रोह के रूप में देखा जाता है। सुबह से रात तक ऑल इंडिया रेडियो पर प्रधानमंत्री के नाम का जाप, सिनेमा स्क्रीन पर लगातार प्रचार, विपक्ष में बैठे लोग इस सबसे कैसे लड़ सकते हैं?’

क्या है रोम का कोलोसियम 

इटली के रोम शहर में बना कोलोसियम रोमन साम्राज्य का सबसे विशाल थिएटर है। यह रोमन स्थापत्य और अभियांत्रिकी का सर्वोत्कृष्ट नमूना माना जाता है। इसका निर्माण तत्कालीन शासक वेस्पियन ने ७०वीं – ७२वीं ईस्वी के मध्य प्रारंभ किया और ८०वीं ईस्वी में इसको सम्राट टाइटस ने पूरा किया था। इस भवन का नाम एम्फीथियेटरम् फ्लेवियम, वेस्पियन और टाइटस के पारिवारिक नाम फ्लेवियस के कारण है।

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