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यूक्रेन संकट : कुत्ते-बिल्ली लाने पर दिखाना होगा मालिकाना हक, जानें केंद्र सरकार के क्या हैं दिशा-निर्देश

सार

कुत्ते, बिल्ली का दिखाना होगा मालिकाना हक, क्वारंटीन हो या दवाईयां उठाना होगा खर्च
 केंद्र सरकार ने यूक्रेन से भारत आने वालों के लिए जारी किए दिशा निर्देश
– पोलैंड, हंगरी, रोमानिया से भारत आ रहे छात्रों को पहले अपने कुत्ते, बिल्लियों के टीकाकरण से जुड़े दिखाने होंगे दस्तावेज
– भारत आने के बाद जानवर मिले कोरोना संक्रमित तो रखना होगा क्वारंटीन

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यूक्रेन से भारत आने वाले छात्रों के साथ पालतू कुत्ते और बिल्लियां भी आ रही हैं। भारतीय नागरिकों के साथ-साथ इन विदेशी जानवरों को भी देश में लाने के लिए सरकार ने विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत कुत्ते, बिल्ली को लेकर मालिकाना हक साबित करना होगा। साथ ही इनके सभी तरह के टीकाकरण और स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारियां भी प्रमाणित करने बाद ही दूसरे देश में जाने की इजाजत दी जा सकती है।

केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने इस बारे में दिशा-निर्देश जारी किया है। इसके मुताबिक, जरूरत पड़ने पर जानवरों के क्वारंटीन से लेकर दवाएं इत्यादि का खर्च भी मालिक को स्वयं उठाना होगा। इतना ही नहीं पोलैंड, हंगरी, रोमानिया के बॉर्डर से भारत आने वालों को उड़ान भरने से पहले सभी तरह के दस्तावेज भी पूरे करने होंगे। ताकि पालतू जानवरों के स्वास्थ्य को लेकर चिंता खत्म हो सके। इनके अलावा सरकार ने भारत आने के बाद अगर कोई जानवर कोरोना संक्रमित मिलता है तो उसे तत्काल क्वारंटीन करने सहित मालिक हक भी साबित करना होगा। 

दरअसल यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को बीते कई दिनों से लगातार सुरक्षित वतन वापस लाने का प्रयास किया जा रहा है। अब तक छह हजार से भी अधिक नागरिकों को सुरक्षित अपने देश लाया जा चुका है। भारतीय वायु सेना के अलावा विशेष विमान तक यूक्रेन और भारत के बीच उड़ान भर रहे हैं। ऐसे में भारत पहुंच रहे छात्रों के साथ उनके पालतू जानवर भी नजर आ रहे हैं। 

किसी के पास कुत्ता तो किसी के पास बिल्ली देखने को मिल रही है। विदेशी नस्ल से जुड़े इन जानवरों को देश में लाने के लिए बकायदा अलग नियम-कानून बने हैं। उन्हीं नियमों का पालन करते हुए सरकार इन जानवरों को लेकर भी चिंता मुक्त होना चाहती है ताकि भविष्य में इनकी वजह से किसी भी प्रकार की कोई आपदा देखने को न मिल सके।

पालतू नहीं, बच्चों जैसा है सूडो…
जैसे आप अपने बच्चों को नहीं छोड़ सकते हैं, मैं और मेरा भाई हर्षित भी सूडो को कहीं नहीं छोड़ सकते हैं। इंदिरा गांधी इंटरनेशनल (आईजीआई) एयरपोर्ट पर पहुंचे मेडिकल के छात्र रोहित (रोहतक निवासी) ने बताया कि सात महीने पहले सूंडो को यूक्रेन में खरीदा था। मेरे घर में यहां भी दो कुत्ते हैं और मुझे इनसे बेहद प्यार है। यूक्रेन से हमारे साथ तनुजा भी साथ आईं हैं। 

अलास्कन मालामुट डॉग सूंडो हमारे लिए केवल पालतू नहीं बल्कि ताउम्र इसे साथ रखेंगे। इसके पास यूक्रेन का पासपोर्ट है। यूक्रेन, भारत, दुबई और रोमानिया सहित पांच देशों में इसे मैं अपने साथ लेकर गया हूं। भारत में अलास्कन मालामुट नहीं मिलते हैं, इसकी कीमत करीब सात लाख रुपये है। पहले ही इसका वैक्सीनेशन हो चुका था, इसलिए रास्ते में अधिक दिक्कत नहीं आई। अगर थोड़ी बहुत आई भी तो हमने इसे कभी खुद अलग सोचा ही नहीं। 

अड़चन के तौर पर रोमानिया में विमान में सवार होने से पहले पिंजड़े की आई। वहां मेरे वाकिफ मेयर और साथी परिमल ने महज 10 मिनट में पिंजड़ा उपलब्ध करवाया। इसके बाद सूंडो के साथ सभी भारत के लिए रवाना हुए। यूक्रेन से रोमानिया बॉर्डर में प्रवेश करने में मेरा आई पैड, मोबाइल और नकदी के तौर पर करीब ढाई लाख का नुकसान हुआ, लेकिन सूंडो के साथ सभी सुरक्षित पहुंच गए, इससे बड़ी बात और नहीं हो सकती है। 

विस्तार

यूक्रेन से भारत आने वाले छात्रों के साथ पालतू कुत्ते और बिल्लियां भी आ रही हैं। भारतीय नागरिकों के साथ-साथ इन विदेशी जानवरों को भी देश में लाने के लिए सरकार ने विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत कुत्ते, बिल्ली को लेकर मालिकाना हक साबित करना होगा। साथ ही इनके सभी तरह के टीकाकरण और स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारियां भी प्रमाणित करने बाद ही दूसरे देश में जाने की इजाजत दी जा सकती है।

केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने इस बारे में दिशा-निर्देश जारी किया है। इसके मुताबिक, जरूरत पड़ने पर जानवरों के क्वारंटीन से लेकर दवाएं इत्यादि का खर्च भी मालिक को स्वयं उठाना होगा। इतना ही नहीं पोलैंड, हंगरी, रोमानिया के बॉर्डर से भारत आने वालों को उड़ान भरने से पहले सभी तरह के दस्तावेज भी पूरे करने होंगे। ताकि पालतू जानवरों के स्वास्थ्य को लेकर चिंता खत्म हो सके। इनके अलावा सरकार ने भारत आने के बाद अगर कोई जानवर कोरोना संक्रमित मिलता है तो उसे तत्काल क्वारंटीन करने सहित मालिक हक भी साबित करना होगा। 

दरअसल यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को बीते कई दिनों से लगातार सुरक्षित वतन वापस लाने का प्रयास किया जा रहा है। अब तक छह हजार से भी अधिक नागरिकों को सुरक्षित अपने देश लाया जा चुका है। भारतीय वायु सेना के अलावा विशेष विमान तक यूक्रेन और भारत के बीच उड़ान भर रहे हैं। ऐसे में भारत पहुंच रहे छात्रों के साथ उनके पालतू जानवर भी नजर आ रहे हैं। 

किसी के पास कुत्ता तो किसी के पास बिल्ली देखने को मिल रही है। विदेशी नस्ल से जुड़े इन जानवरों को देश में लाने के लिए बकायदा अलग नियम-कानून बने हैं। उन्हीं नियमों का पालन करते हुए सरकार इन जानवरों को लेकर भी चिंता मुक्त होना चाहती है ताकि भविष्य में इनकी वजह से किसी भी प्रकार की कोई आपदा देखने को न मिल सके।

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