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यूक्रेन संकटः पश्चिमी देशों को अब चीन से उम्मीद, पर ड्रैगन ने दोहराई नाटो का विस्तार रोकने की मांग

डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला, ब्रसेल्स
Published by: अभिषेक दीक्षित
Updated Sun, 06 Mar 2022 06:11 PM IST

सार

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक पश्चिमी सामरिक विशेषज्ञों में ये राय बनी है कि रूस पर निर्णायक दबाव डालने या फिर मध्यस्थता से हल निकालने- दोनों ही मामलों में चीन की भूमिका अहम हो गई है। चीन ने रूस से आर्थिक संबंध न सिर्फ बनाए रखे हैं, बल्कि वह इसे तेजी से बढ़ा भी रहा है।

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पश्चिमी नेताओं को इस बात का अहसास हो गया है कि यूक्रेन संकट का कूटनीतिक समाधान निकालना उनके वश में नहीं रह गया है। ऐसे में संकेत हैं कि पश्चिमी देशों के नेता चीन से उम्मीद जोड़ रहे हैं, लेकिन चीन ने अभी यही संकेत दिया है कि पश्चिमी देशों के मनमाफिक समाधान निकालने में उसकी कोई रुचि नहीं है। इसके विपरीत उसने पश्चिमी देशों से नाटो का विस्तार रोकने की मांग की फिर दोहराई है।

पश्चिमी देशों की ताजा राय शनिवार को यूरोपियन यूनियन (ईयू) के विदेश नीति प्रमुख जोसेप बॉरेल की टिप्पणी से जारी हुई। बॉरेल ने स्पेन के अखबार एल मुन्दो को दिए एक इंटरव्यू में कहा, ‘अब इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है। हम, यूरोप के लोग, मध्यस्थ नहीं बन सकते, यह स्पष्ट है। अमेरिका भी ऐसी भूमिका निभाने की स्थिति में नहीं है। तो फिर कौन ऐसा कर सकता है? यह चीन ही हो सकता है, ऐसा मेरा यकीन है।’ हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि रूस और यूक्रेन या उनके समर्थकों की तरफ से चीन से मध्यस्थता के लिए अनुरोध करने की अभी कोई योजना नहीं है।

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन शनिवार को पूर्वी यूरोप की यात्रा पर थे। उनकी इस यात्रा का मकसद यूक्रेन के लिए समर्थन जुटाना है। इसी यात्रा के बीच ब्लिंकेन ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी को फोन किया। वांग से बातचीत के दौरान ब्लिंकेन ने कहा कि अमेरिका चाहता है कि यूक्रेन के पर सैनिक कार्रवाई करने के लिए और अधिक देश रूस को दंडित करें, जबकि वांग ने तनाव और भड़काने के खिलाफ उन्हें चेतावनी दी।

बाद में अमेरिकी विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया कि दुनिया देख रही है कि स्वतंत्रता, आत्म-निर्णय, और संप्रभुता जैसे बुनियादी सिद्धांतों की रक्षा के पक्ष में कौन खड़ा होता है। रूसी हमले का मुकाबला करने और हमले के लिए रूस ऊंची कीमत चुकाए इसे सुनिश्चित करने के लिए दुनिया एकजुट कदम उठा रही है, लेकिन विशेषज्ञों के मुताबिक अमेरिका को अब महसूस हो रहा रहा है कि चीन की मदद के बिना रूस के खिलाफ वह अपने मकसद हासिल नहीं कर सकता।

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक पश्चिमी सामरिक विशेषज्ञों में ये राय बनी है कि रूस पर निर्णायक दबाव डालने या फिर मध्यस्थता से हल निकालने- दोनों ही मामलों में चीन की भूमिका अहम हो गई है। चीन ने रूस से आर्थिक संबंध न सिर्फ बनाए रखे हैं, बल्कि वह इसे तेजी से बढ़ा भी रहा है। यह रूस के लिए एक बड़ा सहारा है। विशेषज्ञों के मुताबिक अपनी इस भूमिका से चीन ने रूस पर अपना खास प्रभाव बना लिया है, जिसका उपयोग वह मध्यस्थता करने के लिए भी कर सकता है।

इस बीच विश्व बैंक ने चीन को आगाह किया है कि यूक्रेन पर रूस के हमले से विश्व बैंक के शेयरधारी दहशत में हैं। विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड मैलपास ने एक अमेरिकी टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि चीन विश्व बैंक का एक बड़ा शेयरधारक है। वह भी बन रही स्थिति से भयभीत होगा। इस बयान को भी इस विवाद का हल ढूंढ़ने के लिए चीन को प्रेरित करने की कोशिश के रूप में देखा गया है।

विस्तार

पश्चिमी नेताओं को इस बात का अहसास हो गया है कि यूक्रेन संकट का कूटनीतिक समाधान निकालना उनके वश में नहीं रह गया है। ऐसे में संकेत हैं कि पश्चिमी देशों के नेता चीन से उम्मीद जोड़ रहे हैं, लेकिन चीन ने अभी यही संकेत दिया है कि पश्चिमी देशों के मनमाफिक समाधान निकालने में उसकी कोई रुचि नहीं है। इसके विपरीत उसने पश्चिमी देशों से नाटो का विस्तार रोकने की मांग की फिर दोहराई है।

पश्चिमी देशों की ताजा राय शनिवार को यूरोपियन यूनियन (ईयू) के विदेश नीति प्रमुख जोसेप बॉरेल की टिप्पणी से जारी हुई। बॉरेल ने स्पेन के अखबार एल मुन्दो को दिए एक इंटरव्यू में कहा, ‘अब इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है। हम, यूरोप के लोग, मध्यस्थ नहीं बन सकते, यह स्पष्ट है। अमेरिका भी ऐसी भूमिका निभाने की स्थिति में नहीं है। तो फिर कौन ऐसा कर सकता है? यह चीन ही हो सकता है, ऐसा मेरा यकीन है।’ हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि रूस और यूक्रेन या उनके समर्थकों की तरफ से चीन से मध्यस्थता के लिए अनुरोध करने की अभी कोई योजना नहीं है।

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन शनिवार को पूर्वी यूरोप की यात्रा पर थे। उनकी इस यात्रा का मकसद यूक्रेन के लिए समर्थन जुटाना है। इसी यात्रा के बीच ब्लिंकेन ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी को फोन किया। वांग से बातचीत के दौरान ब्लिंकेन ने कहा कि अमेरिका चाहता है कि यूक्रेन के पर सैनिक कार्रवाई करने के लिए और अधिक देश रूस को दंडित करें, जबकि वांग ने तनाव और भड़काने के खिलाफ उन्हें चेतावनी दी।

बाद में अमेरिकी विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया कि दुनिया देख रही है कि स्वतंत्रता, आत्म-निर्णय, और संप्रभुता जैसे बुनियादी सिद्धांतों की रक्षा के पक्ष में कौन खड़ा होता है। रूसी हमले का मुकाबला करने और हमले के लिए रूस ऊंची कीमत चुकाए इसे सुनिश्चित करने के लिए दुनिया एकजुट कदम उठा रही है, लेकिन विशेषज्ञों के मुताबिक अमेरिका को अब महसूस हो रहा रहा है कि चीन की मदद के बिना रूस के खिलाफ वह अपने मकसद हासिल नहीं कर सकता।

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक पश्चिमी सामरिक विशेषज्ञों में ये राय बनी है कि रूस पर निर्णायक दबाव डालने या फिर मध्यस्थता से हल निकालने- दोनों ही मामलों में चीन की भूमिका अहम हो गई है। चीन ने रूस से आर्थिक संबंध न सिर्फ बनाए रखे हैं, बल्कि वह इसे तेजी से बढ़ा भी रहा है। यह रूस के लिए एक बड़ा सहारा है। विशेषज्ञों के मुताबिक अपनी इस भूमिका से चीन ने रूस पर अपना खास प्रभाव बना लिया है, जिसका उपयोग वह मध्यस्थता करने के लिए भी कर सकता है।

इस बीच विश्व बैंक ने चीन को आगाह किया है कि यूक्रेन पर रूस के हमले से विश्व बैंक के शेयरधारी दहशत में हैं। विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड मैलपास ने एक अमेरिकी टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि चीन विश्व बैंक का एक बड़ा शेयरधारक है। वह भी बन रही स्थिति से भयभीत होगा। इस बयान को भी इस विवाद का हल ढूंढ़ने के लिए चीन को प्रेरित करने की कोशिश के रूप में देखा गया है।

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