वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, नाएप्यीडॉ
Published by: सुभाष कुमार
Updated Tue, 16 Nov 2021 09:15 PM IST
सार
देश की सेना ने चुनावी धोखाधड़ी का आरोप 1 फरवरी को सत्ता पर कब्जा करने के लिए आंग सान सूकी सरकार को गिराने का मुख्य कारण बताया गया था।
चुनाव आयोग ने 16 लोगों पर अवैध कार्य का आरोप लगाया।
– फोटो : ANI
म्यांमार के राज्य चुनाव आयोग ने घोषणा की है कि वह गतवर्ष नवंबर के आम चुनाव में धोखाधड़ी के लिए देश की अपदस्थ नेता आंग सान सूकी और 15 अन्य वरिष्ठ सियासी हस्तियों पर मुकदमा चला रहा है। धोखाधड़ी के आरोप की घोषणा मंगलवार को म्यांमार के सरकारी ग्लोबल न्यू लाइट अखबार और अन्य आधिकारिक मीडिया में प्रकाशित हुई है।
1 फरवरी को देश की सेना ने सत्ता पर कब्जा कर के आंग सान सूकी सरकार को गिरा दिया था। इसका मुख्य कारण चुनावी धोखाधड़ी को बताया गया था। उनकी नेशनल लीग फार डेमोक्रेसी पार्टी चुनावों में शानदार जीत के बाद अगले पांच साल के कार्यकाल की शुरुआत करने वाली थी। जबकि सेना समर्थित यूनियन सालिडेरिटी एंड डेवलपमेंट पार्टी को अप्रत्याशित रूप से भारी नुकसान हुआ था।
चुनाव आयोग ने 16 लोगों पर अवैध कार्य का आरोप लगाया। उसने बताया कि इसमें स्थानीय चुनाव अफसरों को सैन्य मतदान केंद्रों में बाधा डालने के लिए मजबूर करना, मतदाताओं को धमकाना और अयोग्य मतदाताओं को मतदाता सूची में शामिल करना शामिल है। हालांकि, आयोग के नोटिस में यह निर्दिष्ट नहीं किया गया कि आरोपी पर मुकदमा चलाने के लिए किन कानूनों का इस्तेमाल किया जाएगा।
विस्तार
म्यांमार के राज्य चुनाव आयोग ने घोषणा की है कि वह गतवर्ष नवंबर के आम चुनाव में धोखाधड़ी के लिए देश की अपदस्थ नेता आंग सान सूकी और 15 अन्य वरिष्ठ सियासी हस्तियों पर मुकदमा चला रहा है। धोखाधड़ी के आरोप की घोषणा मंगलवार को म्यांमार के सरकारी ग्लोबल न्यू लाइट अखबार और अन्य आधिकारिक मीडिया में प्रकाशित हुई है।
1 फरवरी को देश की सेना ने सत्ता पर कब्जा कर के आंग सान सूकी सरकार को गिरा दिया था। इसका मुख्य कारण चुनावी धोखाधड़ी को बताया गया था। उनकी नेशनल लीग फार डेमोक्रेसी पार्टी चुनावों में शानदार जीत के बाद अगले पांच साल के कार्यकाल की शुरुआत करने वाली थी। जबकि सेना समर्थित यूनियन सालिडेरिटी एंड डेवलपमेंट पार्टी को अप्रत्याशित रूप से भारी नुकसान हुआ था।
चुनाव आयोग ने 16 लोगों पर अवैध कार्य का आरोप लगाया। उसने बताया कि इसमें स्थानीय चुनाव अफसरों को सैन्य मतदान केंद्रों में बाधा डालने के लिए मजबूर करना, मतदाताओं को धमकाना और अयोग्य मतदाताओं को मतदाता सूची में शामिल करना शामिल है। हालांकि, आयोग के नोटिस में यह निर्दिष्ट नहीं किया गया कि आरोपी पर मुकदमा चलाने के लिए किन कानूनों का इस्तेमाल किया जाएगा।
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