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मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज: चेयरमैन डीके मेहरोत्रा ने दिया इस्तीफा, एमडी लतिका कुंडू पर कुप्रबंधन का आरोप

मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज: चेयरमैन डीके मेहरोत्रा ने दिया इस्तीफा, एमडी लतिका कुंडू पर कुप्रबंधन का आरोप

अजीत सिंह, मुंबई।
Published by: देव कश्यप
Updated Tue, 29 Mar 2022 06:29 AM IST

सार

मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज में कुप्रबंधन का मामला सामने आने के बाद एक्सचेंज के चेयरमैन डीके मेहरोत्रा ने इस्तीफा दे दिया है।  शेयरधारक लंबे समय से एक्सचेंज की प्रबंध निदेशक लतिका कुंडू  व अन्य अधिकारियों पर आरोप लगा रहे थे। इस संबंध में शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने वित्तमंत्री को पत्र लिखा था। वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने कहा था, सेबी इसकी फॉरेंसिक जांच कर रहा है।

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नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में घोटाले के बाद के अब मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज में भी कुप्रबंधन का मामला सामने आया है। इस कारण मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज के चेयरमैन डीके मेहरोत्रा ने इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले बाजार नियामक सेबी ने मामले की फॉरेंसिक जांच का आदेश दिया था। एलआईसी के भी चेयरमैन रह चुके डीके मेहरोत्रा ने इस्तीफे का कारण नहीं बताया।

दरअसल, शेयरधारक लंबे समय से एक्सचेंज की प्रबंध निदेशक लतिका कुंडू  व अन्य अधिकारियों पर आरोप लगा रहे थे। इस संबंध में शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने वित्तमंत्री को पत्र लिखा था। वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने कहा था, सेबी इसकी फॉरेंसिक जांच कर रहा है। जल्द रिपोर्ट आ जाएगी।

सेबी करा रहा मामले की फॉरेंसिक जांच
शेयरधारकों की शिकायत के बाद बाजार नियामक सेबी ने अर्नेस्ट एंड यंग (ईएंडवाई) के जरिये मामले की फॉरेंसिक जांच शुरू की थी। इससे पहले 2018 में भी ऐसी ही जांच का आदेश दिया गया था। उस समय कुप्रबंधन की शिकायत की गई थी। उस समय वित्त राज्यमंत्री राधाकृष्णन ने कहा था कि इन आरोपों की जांच के लिए एक समिति गठित होगी। उस समय मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज के प्रबंध निदेशक उदय कुमार को छुट्टी पर भेज दिया गया था।

लाइसेंस नवीनीकरण में आएगी मुश्किल
एक्सचेंज का नेटवर्थ लगातार घट रहा है। अभी कुल नेटवर्थ 100 करोड़ रुपये से मामूली ऊपर है। अगर यह 100 करोड़ से नीचे आता है तो इसका लाइसेंस नवीनीकरण भी नहीं होगा। सेबी के नियमों के मुताबिक, किसी भी स्टॉक एक्सचेंज का नेटवर्थ कम-से-कम 100 करोड़ होना चाहिए। इसके पास 45,000 से ज्यादा अल्पसंख्यक शेयरधारक हैं। हालांकि, देश के दो प्रमुख एक्सचेंज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के लाइसेंस का हर साल नवीनीकरण नहीं होता है।

विस्तार

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में घोटाले के बाद के अब मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज में भी कुप्रबंधन का मामला सामने आया है। इस कारण मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज के चेयरमैन डीके मेहरोत्रा ने इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले बाजार नियामक सेबी ने मामले की फॉरेंसिक जांच का आदेश दिया था। एलआईसी के भी चेयरमैन रह चुके डीके मेहरोत्रा ने इस्तीफे का कारण नहीं बताया।

दरअसल, शेयरधारक लंबे समय से एक्सचेंज की प्रबंध निदेशक लतिका कुंडू  व अन्य अधिकारियों पर आरोप लगा रहे थे। इस संबंध में शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने वित्तमंत्री को पत्र लिखा था। वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने कहा था, सेबी इसकी फॉरेंसिक जांच कर रहा है। जल्द रिपोर्ट आ जाएगी।

सेबी करा रहा मामले की फॉरेंसिक जांच

शेयरधारकों की शिकायत के बाद बाजार नियामक सेबी ने अर्नेस्ट एंड यंग (ईएंडवाई) के जरिये मामले की फॉरेंसिक जांच शुरू की थी। इससे पहले 2018 में भी ऐसी ही जांच का आदेश दिया गया था। उस समय कुप्रबंधन की शिकायत की गई थी। उस समय वित्त राज्यमंत्री राधाकृष्णन ने कहा था कि इन आरोपों की जांच के लिए एक समिति गठित होगी। उस समय मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज के प्रबंध निदेशक उदय कुमार को छुट्टी पर भेज दिया गया था।

लाइसेंस नवीनीकरण में आएगी मुश्किल

एक्सचेंज का नेटवर्थ लगातार घट रहा है। अभी कुल नेटवर्थ 100 करोड़ रुपये से मामूली ऊपर है। अगर यह 100 करोड़ से नीचे आता है तो इसका लाइसेंस नवीनीकरण भी नहीं होगा। सेबी के नियमों के मुताबिक, किसी भी स्टॉक एक्सचेंज का नेटवर्थ कम-से-कम 100 करोड़ होना चाहिए। इसके पास 45,000 से ज्यादा अल्पसंख्यक शेयरधारक हैं। हालांकि, देश के दो प्रमुख एक्सचेंज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के लाइसेंस का हर साल नवीनीकरण नहीं होता है।

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