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क्रेडाई का दावा: निर्माण लागत बढ़ने से 15 फीसदी तक महंगे हो सकते हैं मकान, इस्पात व सीमेंट के दाम बढ़े, परिवहन लागत में भी इजाफा

क्रेडाई का दावा: निर्माण लागत बढ़ने से 15 फीसदी तक महंगे हो सकते हैं मकान, इस्पात व सीमेंट के दाम बढ़े, परिवहन लागत में भी इजाफा

एजेंसी, नई दिल्ली।
Published by: देव कश्यप
Updated Tue, 29 Mar 2022 06:41 AM IST

सार

क्रेडाई ने कहा कि इस्पात जैसे कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि के कारण मकान बनाने वाली कंपनियों को अगले महीने से अपनी संपत्तियों के दाम 10 से 15 फीसदी तक बढ़ाने पड़ेंगे। क्रेडाई की महाराष्ट्र इकाई क्रेडाई-एमसीएचआई के अध्यक्ष दीपक गोराडिया ने कहा कि इस्पात के दाम 35 से 40 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 85 से 90 रुपये प्रति किलोग्राम हो गए हैं। सीमेंट में करीब 100 रुपये प्रति बोरी का इजाफा हुआ है। ईंधन और परिवहन लागत भी बढ़ गई है।

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रूस-यूक्रेन संकट के बाद से लगातार बढ़ रही महंगाई ने आम लोगों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है। कच्चे तेल और कमोडिटी की आसमान छू रहीं कीमतों के कारण अब मकानों के दाम भी बढ़ने वाले हैं। रियल्टी कंपनियों के निकाय क्रेडाई ने सोमवार को कहा, करीब 45 दिन में निर्माण लागत 20 से 25 फीसदी बढ़ने के कारण मकान 10-15 फीसदी तक महंगे हो सकते हैं।

क्रेडाई ने कहा कि इस्पात जैसे कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि के कारण मकान बनाने वाली कंपनियों को अगले महीने से अपनी संपत्तियों के दाम 10 से 15 फीसदी तक बढ़ाने पड़ेंगे। क्रेडाई की महाराष्ट्र इकाई क्रेडाई-एमसीएचआई के अध्यक्ष दीपक गोराडिया ने कहा, इस्पात के दाम 35 से 40 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 85 से 90 रुपये प्रति किलोग्राम हो गए हैं। सीमेंट में करीब 100 रुपये प्रति बोरी का इजाफा हुआ है। ईंधन और परिवहन लागत बढ़ भी गई है। इस कारण कुल निर्माण लागत में 20-25 फीसदी की वृद्धि हुई है। 

स्टाम्प शुल्क और जीएसटी दर घटाएं केंद्र और राज्य 
क्रेडाई-एमसीएचआई ने केंद्र व राज्यों से डेवलपर्स को इनपुट टैक्स क्रेडिट की अनुमति देने के अलावा स्टाम्प शुल्क और जीएसटी दरों को कम कर उद्योग को राहत देने पर विचार करने की मांग की है। क्रेडाई ने कहा, वह अपने सदस्यों को अभी निर्माण कार्य बंद करने की सलाह नहीं देगा। हालांकि, यदि मूल्यवृद्धि जारी रहती है तो रियल्टी कंपनियों के पास परियोजनाओं को रोकने और कच्चे माल की खरीद बंद करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं होगा।

घरों की खरीदारी पर छूट चाहते हैं लोग
कीमतों में वृद्धि को देखते हुए 73 फीसदी लोग मकान खरीद पर छूट और लचीली भुगतान (फ्लेक्सी पेमेंट) योजनाएं भी चाहते हैं। हाउसिंग डॉट कॉम एवं नरेडको के सर्वे में कहा गया है कि 47 फीसदी लोग निवेश के अन्य साधनों शेयर, सोना एवं सावधि जमा के बजाय रियल एस्टेट में पैसे लगाना चाहते हैं। 51 फीसदी मानते हैं कि छह महीनों में मकानों के दाम बढ़ सकते हैं। 

  • हाउसिंग डॉट कॉम सीईओ ध्रुव अग्रवाल ने कहा, अब लोग बड़ा और बेहतर घर चाहते हैं। 2022 में बिक्री कोविड-पूर्व स्तर पर पहुंच जाएगी।
  • नरेडको अध्यक्ष राजन बंदेलकर ने कहा, लोगों को अर्थव्यवस्था के साथ अपनी कमाई बढ़ने की उम्मीद है। इससे मकानों की मांग मजबूत रह सकती है।

विस्तार

रूस-यूक्रेन संकट के बाद से लगातार बढ़ रही महंगाई ने आम लोगों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है। कच्चे तेल और कमोडिटी की आसमान छू रहीं कीमतों के कारण अब मकानों के दाम भी बढ़ने वाले हैं। रियल्टी कंपनियों के निकाय क्रेडाई ने सोमवार को कहा, करीब 45 दिन में निर्माण लागत 20 से 25 फीसदी बढ़ने के कारण मकान 10-15 फीसदी तक महंगे हो सकते हैं।

क्रेडाई ने कहा कि इस्पात जैसे कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि के कारण मकान बनाने वाली कंपनियों को अगले महीने से अपनी संपत्तियों के दाम 10 से 15 फीसदी तक बढ़ाने पड़ेंगे। क्रेडाई की महाराष्ट्र इकाई क्रेडाई-एमसीएचआई के अध्यक्ष दीपक गोराडिया ने कहा, इस्पात के दाम 35 से 40 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 85 से 90 रुपये प्रति किलोग्राम हो गए हैं। सीमेंट में करीब 100 रुपये प्रति बोरी का इजाफा हुआ है। ईंधन और परिवहन लागत बढ़ भी गई है। इस कारण कुल निर्माण लागत में 20-25 फीसदी की वृद्धि हुई है। 

स्टाम्प शुल्क और जीएसटी दर घटाएं केंद्र और राज्य 

क्रेडाई-एमसीएचआई ने केंद्र व राज्यों से डेवलपर्स को इनपुट टैक्स क्रेडिट की अनुमति देने के अलावा स्टाम्प शुल्क और जीएसटी दरों को कम कर उद्योग को राहत देने पर विचार करने की मांग की है। क्रेडाई ने कहा, वह अपने सदस्यों को अभी निर्माण कार्य बंद करने की सलाह नहीं देगा। हालांकि, यदि मूल्यवृद्धि जारी रहती है तो रियल्टी कंपनियों के पास परियोजनाओं को रोकने और कच्चे माल की खरीद बंद करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं होगा।

घरों की खरीदारी पर छूट चाहते हैं लोग

कीमतों में वृद्धि को देखते हुए 73 फीसदी लोग मकान खरीद पर छूट और लचीली भुगतान (फ्लेक्सी पेमेंट) योजनाएं भी चाहते हैं। हाउसिंग डॉट कॉम एवं नरेडको के सर्वे में कहा गया है कि 47 फीसदी लोग निवेश के अन्य साधनों शेयर, सोना एवं सावधि जमा के बजाय रियल एस्टेट में पैसे लगाना चाहते हैं। 51 फीसदी मानते हैं कि छह महीनों में मकानों के दाम बढ़ सकते हैं। 

  • हाउसिंग डॉट कॉम सीईओ ध्रुव अग्रवाल ने कहा, अब लोग बड़ा और बेहतर घर चाहते हैं। 2022 में बिक्री कोविड-पूर्व स्तर पर पहुंच जाएगी।
  • नरेडको अध्यक्ष राजन बंदेलकर ने कहा, लोगों को अर्थव्यवस्था के साथ अपनी कमाई बढ़ने की उम्मीद है। इससे मकानों की मांग मजबूत रह सकती है।

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