वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, उत्तर मैसेडोनिया
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Sat, 12 Feb 2022 01:56 PM IST
सार
गंभीर बीमारी से पीड़ित बच्ची की मदद करने के लिए उत्तरी मैसेडोनिया के राष्ट्रपति स्टीवो पेंडारोव्स्की ने बड़ा कदम उठाते हुए बच्ची को साथ लेकर खुद स्कूल पहुंच गए।
मैसेडोनिया में डाउन सिंड्रोम से पीड़ित एक 11 वर्षीय बच्ची को स्कूल में तंग किए जाने की बात सुनने के बाद राष्ट्रपति ने ऐसा कदम उठाया जिसकी तारीफ पूरी दुनिया में हो रही है। दरअसल, डाउन सिंड्रोम जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित 11 वर्षीय बच्ची एम्बला अडेमी से स्कूल में भेदभाव हो रहा था, जिससे बच्ची परेशान हो गई थी। इस बात की सूचना जब देश के राष्ट्रपति स्टीवो पेंडारोव्स्की को मिली तो वे बच्ची के घर पहुंच गए और मासूम को साथ लेकर खुद स्कूल पहुंच गए। स्कूल पहुंचने के बाद उन्होंने शिक्षकों के साथ छात्र-छात्राओं को व्यवहारिक पाठ पढ़ाया।
राष्ट्रपति ने पढ़ाया पाठ
राष्ट्रपति ने वहां उपस्थित बच्चों और शिक्षकों को पाठ पढ़ाते हुए कहा कि एम्बला का मामला हमें उन पूर्वाग्रहों की याद दिलाता है जिनके साथ हम रहते हैं। दिव्यांग बच्चों के लिए अधिक सुरक्षा और देखभाल की आवश्यकता है। पेंडारोव्स्की ने सामाजिक जिम्मेदारी पर जोर देते हुए शैक्षणिक संस्थानों में शामिल करने के कानूनी प्रावधानों का पालन करने के महत्व पर भी जोर दिया। राष्ट्रपति ने कहा कि बच्चों के अधिकारों को खतरे में डालने वालों का व्यवहार अस्वीकार्य है, खासकर जब यह असामान्य विकास वाले बच्चों की बात आती है तब।
कोई भी बच्चा पीछे नहीं रहना चाहिए: राष्ट्रपति
राष्ट्रपति ने रेखांकित करते हुए कहा कि कोई भी बच्चा पीछे नहीं रहना चाहिए, उन्होंने जोर देकर कहा कि विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को न केवल उन अधिकारों का आनंद लेना चाहिए जिसके वे हकदार हैं, बल्कि अपने सीखने के स्थानों में समान और स्वागत योग्य महसूस करना चाहिए।
क्या है डाउन सिंड्रोम
दरअसल, डाउन सिंड्रोम एक अनुवांशिक बीमारी है। इस बीमारी से पीड़ित बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास ठीक तरह से नहीं होता। उन्हें सीखने में कठिनाई होती है और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है।
विस्तार
मैसेडोनिया में डाउन सिंड्रोम से पीड़ित एक 11 वर्षीय बच्ची को स्कूल में तंग किए जाने की बात सुनने के बाद राष्ट्रपति ने ऐसा कदम उठाया जिसकी तारीफ पूरी दुनिया में हो रही है। दरअसल, डाउन सिंड्रोम जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित 11 वर्षीय बच्ची एम्बला अडेमी से स्कूल में भेदभाव हो रहा था, जिससे बच्ची परेशान हो गई थी। इस बात की सूचना जब देश के राष्ट्रपति स्टीवो पेंडारोव्स्की को मिली तो वे बच्ची के घर पहुंच गए और मासूम को साथ लेकर खुद स्कूल पहुंच गए। स्कूल पहुंचने के बाद उन्होंने शिक्षकों के साथ छात्र-छात्राओं को व्यवहारिक पाठ पढ़ाया।
राष्ट्रपति ने पढ़ाया पाठ
राष्ट्रपति ने वहां उपस्थित बच्चों और शिक्षकों को पाठ पढ़ाते हुए कहा कि एम्बला का मामला हमें उन पूर्वाग्रहों की याद दिलाता है जिनके साथ हम रहते हैं। दिव्यांग बच्चों के लिए अधिक सुरक्षा और देखभाल की आवश्यकता है। पेंडारोव्स्की ने सामाजिक जिम्मेदारी पर जोर देते हुए शैक्षणिक संस्थानों में शामिल करने के कानूनी प्रावधानों का पालन करने के महत्व पर भी जोर दिया। राष्ट्रपति ने कहा कि बच्चों के अधिकारों को खतरे में डालने वालों का व्यवहार अस्वीकार्य है, खासकर जब यह असामान्य विकास वाले बच्चों की बात आती है तब।
कोई भी बच्चा पीछे नहीं रहना चाहिए: राष्ट्रपति
राष्ट्रपति ने रेखांकित करते हुए कहा कि कोई भी बच्चा पीछे नहीं रहना चाहिए, उन्होंने जोर देकर कहा कि विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को न केवल उन अधिकारों का आनंद लेना चाहिए जिसके वे हकदार हैं, बल्कि अपने सीखने के स्थानों में समान और स्वागत योग्य महसूस करना चाहिए।
क्या है डाउन सिंड्रोम
दरअसल, डाउन सिंड्रोम एक अनुवांशिक बीमारी है। इस बीमारी से पीड़ित बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास ठीक तरह से नहीं होता। उन्हें सीखने में कठिनाई होती है और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है।
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