न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Sun, 26 Dec 2021 11:35 AM IST
सार
पीएम मोदी ने कहा कि वरुण जब अस्पताल में थे, उस समय मैंने सोशल मीडिया पर कुछ ऐसा देखा, जो मेरे हृदय को छू गया। पीएम मोदी ने कहा कि वरुण की चिट्ठी ने मुझे प्रेरित किया कि आखिर कैसे उन्होंने आने वाली पीढ़ियों की चिंता की।
पीएम मोदी और ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह
– फोटो : Amar ujala
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पढ़ें ग्रुप कैप्टन की चिट्ठी में छात्रों के लिए क्या था संदेश
औसत दर्जे का होना भी ठीक होता है, लेकिन इसका यह मतलब कतई नहीं है कि जीवन में आने वाली चीजें भी ऐसी ही होंगी। यह प्रेरणादायक सीख भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ने दी थी, जो अब इस दुनिया में नहीं रहे।हेलिकॉप्टर हादसे में घायल भारतीय वायुसेना के इस जाबांज ऑफिसर की सांसें भी 15 दिसंबर को आखिरकार थम गईं। वह करीब एक सप्ताह से जिंदगी की जंग लड़ रहे थे। लेकिन, जाते-जाते भी वह ऐसी सीख दे गए, जो किसी भी औसत दर्जे (साधारण) के छात्र को असाधारण बना सकती है।
दरअसल, वरुण सिंह ने शौर्य चक्र से सम्मानित होने के कुछ सप्ताह बाद 18 सितंबर को अपने स्कूल चंडीमंदिर स्थित आर्मी पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य को एक पत्र लिखा था। इस पत्र में उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए प्रेरणा देने वाली कई बातें लिखी थीं। इस पत्र में छात्रों के नाम संदेश में वरुण सिंह ने कहा था कि औसत दर्जे का होने में कोई भी बुराई नहीं है। सभी छात्र 90 प्रतिशत अंक नहीं ला सकते। हां, यह जरूर है कि जो ऐसा कर पाते हैं, उनकी सराहना होनी चाहिए।
वरुण ने पत्र में छात्रों से आगे कहा कि अगर आप औसत दर्जे के हैं तो यह बिल्कुल भी मत समझिए कि आप इसी के लिए बने हैं। आप स्कूल में औसत हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि आप जीवन भर औसत ही रहेंगे। आप अपने मन की सुनिए कि आप क्या करना चाहते हैं। यह कला, संगीत, साहित्य या ग्राफिक डिजाइन कुछ भी हो सकता है। आप जो भी करिए उसे बेहतर ढंग से करें और अपना सर्वश्रेष्ठ दीजिए।
उन्होंने छात्रों को बताया कि वह स्वयं भी एक औसत छात्र ही थे और बहुत मशक्कत से उन्हें 12वीं में प्रथम श्रेणी के अंक मिले थे। उन्हें एविएशन का क्षेत्र पसंद था और आज एक ऐसा समय आया है, जब उन्हें राष्ट्रपति की ओर से शौर्य चक्र से सम्मानित किया जा रहा है। वरुण सिंह ने यह पत्र 18 सितंबर 2021 को लिखा था।