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बादशाहत की जंग: अमेजन, रिलायंस व फ्यूचर समूह में एक साल से ज्यादा समय से चल रही कानूनी लड़ाई

बादशाहत की जंग: अमेजन, रिलायंस व फ्यूचर समूह में एक साल से ज्यादा समय से चल रही कानूनी लड़ाई

सार

घरेलू खुदरा बाजार में अपनी धाक जमाने के लिए रिलायंस ने 29 अगस्त, 2020 को फ्यूचर समूह के साथ 24,713 करोड़ का सौदा किया था। इस सौदे के पूरा होने के बाद रिलायंस को बिग बाजार के साथ फ्यूचर समूह के अन्य खुदरा, गोदाम, लॉजिस्टिक और थोक कारोबार का मालिकाना हक मिल जाता। तभी अमेजन ने इस सौदे में अड़ंगा लगा दिया और फ्यूचर समूह के साथ एक साल से ज्यादा समय से काननूी लड़ाई लड़ रही है।

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रिलायंस समूह, फ्यूचर समूह और अमेजन के बीच होने वाली ‘होली मिलन’ अब ‘महाभारत’ में बदल गई है। इस महाभारत के केंद्र में कुछ और नहीं बल्कि भारतीय खुदरा बाजार है, जिसका बादशाह बनने की जंग रिलायंस व अमेजन में चल रही है। इसमें फ्यूचर समूह भी एक साल से ज्यादा समय से पिस रहा है।

दरअसल, घरेलू खुदरा बाजार में अपनी धाक जमाने के लिए रिलायंस ने 29 अगस्त, 2020 को फ्यूचर समूह के साथ 24,713 करोड़ का सौदा किया था। इस सौदे के पूरा होने के बाद रिलायंस को बिग बाजार के साथ फ्यूचर समूह के अन्य खुदरा, गोदाम, लॉजिस्टिक और थोक कारोबार का मालिकाना हक मिल जाता। तभी अमेजन ने इस सौदे में अड़ंगा लगा दिया और फ्यूचर समूह के साथ एक साल से ज्यादा समय से काननूी लड़ाई लड़ रही है। हाल में ऐसी खबरें आई थीं कि अमेजन और फ्यूचर समूह इस लड़ाई को कोर्ट के बाहर सुलझाने के लिए सहमत हो गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए 15 दिन का समय दिया, लेकिन मामला सुलझ नहीं पाया। बादशाहत की लड़ाई जारी है।

संकट से उबरने के लिए फ्यूचर का रिलायंस से सौदा : 2020 में महामारी के दौरान फ्यूचर समूह का कारोबार प्रभावित हुआ। इससे उबरने के लिए उसने रिलायंस को संपत्तियां बेचने का फैसला किया सौदे के विरोध में अमेजन ने सिंगापुर के मध्यस्थों से संपर्क किया और खुदरा संपत्तियों की बिक्री पर रोक लगवा दी। इसके बाद दोनों ने सुप्रीम कोर्ट समेत कई भारतीय अदालतों में एक-दूसरे को चुनौती दी। 

अब अमेजन अपना निवेश मांग रही वापस
रिलायंस ने 2019 तक घरेलू खुदरा बाजार में अपनी धाक जमा ली थी। फ्यूचर समूह दूसरा बड़ा खिलाड़ी था। भारतीय खुदरा बाजार में अपनी निगाहें जमाए बैठे अमेजन ने रिलायंस की बादशाहत खत्म करने के लिए फ्यूचर समूह में 1,523 करोड़ रुपये (20 करोड़ डॉलर) का निवेश किया। अब अमेजन अपना निवेश वापस मांग रहा है। अमेजन ने कहा, जिस अनुबंध पर सौदा किया था, फ्यूचर का अपनी संपत्तियां रिलायंस को बेचना उसका उल्लंघन है।

900 अरब डॉलर मूल्य का है भारतीय खुदरा बाजार
रिलायंस से बड़ी ताकत बन जाता अमेजन : अमेजन ने भारत में 6.5 अरब डॉलर का निवेश किया है। अगर उसकी उपस्थिति पूरी तरह भारत में होती तो वह 900 अरब डॉलर के भारतीय खुदरा बाजार में रिलायंस से बड़ी ताकत बन सकता था।

कंपनियों की अपने-अपने पक्ष में दलीलें…

अमेजन : फ्यूचर की खुदरा संपत्तियों पर विशेष अधिकार
अमेजन का कहना है कि 2019 में किए गए विभिन्न समझौतों ने उसे फ्यूचर समूह की खुदरा संपत्तियों पर उसे विशेष अधिकार दिए हैं। इनमें से कुछ समझौते इस उम्मीद पर किए गए थे कि भारत विदेशी निवेशकों को नियमों में कुछ ढील देगा। लेकिन, यह संभावना भी खत्म हो गई।

फ्यूचर : रिलायंस से सौदे में कुछ भी गलत नहीं किया
फ्यूचर समूह ने इस मामले में कुछ भी गलत करने से इनकार कर दिया। कहा, अमेजन अवैध रूप से उसके खुदरा कारोबार पर नियंत्रण करना चाहता है।  फ्यूचर रिटेल का कहना है कि रिलायंस के साथ सौदा नहीं होने पर उसे वित्तीय संकट का सामना करना पड़ता।

विस्तार

रिलायंस समूह, फ्यूचर समूह और अमेजन के बीच होने वाली ‘होली मिलन’ अब ‘महाभारत’ में बदल गई है। इस महाभारत के केंद्र में कुछ और नहीं बल्कि भारतीय खुदरा बाजार है, जिसका बादशाह बनने की जंग रिलायंस व अमेजन में चल रही है। इसमें फ्यूचर समूह भी एक साल से ज्यादा समय से पिस रहा है।

दरअसल, घरेलू खुदरा बाजार में अपनी धाक जमाने के लिए रिलायंस ने 29 अगस्त, 2020 को फ्यूचर समूह के साथ 24,713 करोड़ का सौदा किया था। इस सौदे के पूरा होने के बाद रिलायंस को बिग बाजार के साथ फ्यूचर समूह के अन्य खुदरा, गोदाम, लॉजिस्टिक और थोक कारोबार का मालिकाना हक मिल जाता। तभी अमेजन ने इस सौदे में अड़ंगा लगा दिया और फ्यूचर समूह के साथ एक साल से ज्यादा समय से काननूी लड़ाई लड़ रही है। हाल में ऐसी खबरें आई थीं कि अमेजन और फ्यूचर समूह इस लड़ाई को कोर्ट के बाहर सुलझाने के लिए सहमत हो गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए 15 दिन का समय दिया, लेकिन मामला सुलझ नहीं पाया। बादशाहत की लड़ाई जारी है।

संकट से उबरने के लिए फ्यूचर का रिलायंस से सौदा : 2020 में महामारी के दौरान फ्यूचर समूह का कारोबार प्रभावित हुआ। इससे उबरने के लिए उसने रिलायंस को संपत्तियां बेचने का फैसला किया सौदे के विरोध में अमेजन ने सिंगापुर के मध्यस्थों से संपर्क किया और खुदरा संपत्तियों की बिक्री पर रोक लगवा दी। इसके बाद दोनों ने सुप्रीम कोर्ट समेत कई भारतीय अदालतों में एक-दूसरे को चुनौती दी। 

अब अमेजन अपना निवेश मांग रही वापस

रिलायंस ने 2019 तक घरेलू खुदरा बाजार में अपनी धाक जमा ली थी। फ्यूचर समूह दूसरा बड़ा खिलाड़ी था। भारतीय खुदरा बाजार में अपनी निगाहें जमाए बैठे अमेजन ने रिलायंस की बादशाहत खत्म करने के लिए फ्यूचर समूह में 1,523 करोड़ रुपये (20 करोड़ डॉलर) का निवेश किया। अब अमेजन अपना निवेश वापस मांग रहा है। अमेजन ने कहा, जिस अनुबंध पर सौदा किया था, फ्यूचर का अपनी संपत्तियां रिलायंस को बेचना उसका उल्लंघन है।

900 अरब डॉलर मूल्य का है भारतीय खुदरा बाजार

रिलायंस से बड़ी ताकत बन जाता अमेजन : अमेजन ने भारत में 6.5 अरब डॉलर का निवेश किया है। अगर उसकी उपस्थिति पूरी तरह भारत में होती तो वह 900 अरब डॉलर के भारतीय खुदरा बाजार में रिलायंस से बड़ी ताकत बन सकता था।

कंपनियों की अपने-अपने पक्ष में दलीलें…

अमेजन : फ्यूचर की खुदरा संपत्तियों पर विशेष अधिकार

अमेजन का कहना है कि 2019 में किए गए विभिन्न समझौतों ने उसे फ्यूचर समूह की खुदरा संपत्तियों पर उसे विशेष अधिकार दिए हैं। इनमें से कुछ समझौते इस उम्मीद पर किए गए थे कि भारत विदेशी निवेशकों को नियमों में कुछ ढील देगा। लेकिन, यह संभावना भी खत्म हो गई।

फ्यूचर : रिलायंस से सौदे में कुछ भी गलत नहीं किया

फ्यूचर समूह ने इस मामले में कुछ भी गलत करने से इनकार कर दिया। कहा, अमेजन अवैध रूप से उसके खुदरा कारोबार पर नियंत्रण करना चाहता है।  फ्यूचर रिटेल का कहना है कि रिलायंस के साथ सौदा नहीं होने पर उसे वित्तीय संकट का सामना करना पड़ता।

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