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बांग्लादेशः निर्वाचन आयोग के गठन पर सरकार और विपक्ष आमने-सामने

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, ढाका
Published by: अजय सिंह
Updated Wed, 22 Dec 2021 03:30 PM IST

सार

राष्ट्रपति की तरफ से शुरू की गई बातचीत के दौरान बीएनपी ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रपति को संविधान के तहत आयोग के गठन के लिए कानून बनाने की पहल करनी चाहिए।

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बांग्लादेश में निर्वाचन आयोग के गठन के मुद्दे पर सियासी टकराव जारी है। राष्ट्रपति मोहम्मद अब्दुल हमीद ने सोमवार को अगले निर्वाचन आयोग के गठन के मुद्दे पर राय-मशविरे की शुरुआत की। जबकि विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और सिविल सोसायटी के कई संगठनों की मांग है कि इस तरह से आयोग का गठन के करने के बजाय सरकार इस बारे में एक खास कानून बनाए।

राष्ट्रपति की तरफ से शुरू की गई बातचीत के दौरान बीएनपी ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रपति को संविधान के तहत आयोग के गठन के लिए कानून बनाने की पहल करनी चाहिए। या फिर उन्हें अध्यादेश जारी कर नए मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति कर देनी चाहिए। अपनी राय बताने के लिए बीएनपी का आठ सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति हमीद के निवास स्थान पर गया था। वहां से लौटने के बाद पार्टी अध्यक्ष जीएम कादिर ने राष्ट्रपति से हुई अपनी बातचीत की जानकारी मीडिया को दी। कादिर ने बताया कि सरकार ने कानून बनाने की प्रक्रिया शुरू की, तो बीएनपी उसमें पूरा सहयोग करेगी।

कादिर ने बताया कि अगर सरकार कानून बनाने को तैयार नहीं हुई, तो उस स्थिति के लिए उन्होंने निर्वाचन आयुक्तों की तलाश के लिए एक समिति बनाने का सुझाव दिया। इसमें समिति में शामिल करने के लिए उन्होंने चार नामों के सुझाव भी राष्ट्रपति को दिए हैँ। कादिर के मुताबिक राष्ट्रपति हमीद ने भरोसा दिया है कि वे बीएनपी के सुझावों पर गौर करेंगे और इस दिशा में जरूरी कदम उठाएंगे।

पर्यवेक्षकों के मुताबिक बीएनपी पहले इस बातचीत में शामिल होने को तैयार नहीं थी। लेकिन बाद में पार्टी में राय बनी कि उसे अपना सुझाव राष्ट्रपति के सामने पेश करना चाहिए। राष्ट्रपति ने उन नौ दलों को बातचीत के लिए बुलाया है, जिनके प्रतिनिधि नेशनल असेंबली में हैं। बांग्लादेश में अभी कुल 39 पार्टियां पंजीकृत हैँ। लेकिन पिछले चुनाव में नौ पार्टियों के उम्मीदवार ही नेशनल असंबेली में जगह पा सके थे।

राष्ट्रपति की तरफ शुरू की गई बातचीत 29 दिसंबर तक चलेगी। हालांकि प्रमुख विपक्षी दल बीएनपी ने अपने सुझाव राष्ट्रपति को सौंप दिए हैं, लेकिन पार्टी इस रुख पर कायम है कि ऐसी वार्ताओँ से कुछ फायदा नहीं होगा। पार्टी के प्रमुख नेता खांडकर मोशर्रफ हुसैन ने बांग्लादेश के अखबार न्यू एज कहा- पहले का तजुर्बा यही है कि निर्वाचन आयोग में सत्ताधारी दल के इशारे पर काम करने वाले लोग नियुक्त किए जाते हैँ। पार्टी ने कहा है कि अभी एक रबर स्टांप निर्वाचन आयोग है, और अगला आयोग भी ऐसा ही होगा।

अखबार न्यू एज की एक रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रपति हमीद ने दिसंबर 2016 में भी ऐसा ही विचार-विमर्श किया था। तब सभी पंजीकृत पार्टियों की राय मांगी गई थी। बांग्लादेश के संविधान में लिखा है कि निर्वाचन आयोग के गठन के लिए एक खास कानून बनाया जाएगा। लेकिन आज तक ऐसा कानून नहीं बना है। अगले निर्वाचन आयोग की ही देखरेख में देश में 12वां आम चुनाव होगा। ये चुनाव दिसंबर 2023 से फरवरी 2024 के बीच करवाना होगा। पर्यवेक्षकों का कहना है कि बांग्लादेश में निर्वाचन आयोग का गठन हमेशा से एक विवादित मुद्दा रहा है। 

विस्तार

बांग्लादेश में निर्वाचन आयोग के गठन के मुद्दे पर सियासी टकराव जारी है। राष्ट्रपति मोहम्मद अब्दुल हमीद ने सोमवार को अगले निर्वाचन आयोग के गठन के मुद्दे पर राय-मशविरे की शुरुआत की। जबकि विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और सिविल सोसायटी के कई संगठनों की मांग है कि इस तरह से आयोग का गठन के करने के बजाय सरकार इस बारे में एक खास कानून बनाए।

राष्ट्रपति की तरफ से शुरू की गई बातचीत के दौरान बीएनपी ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रपति को संविधान के तहत आयोग के गठन के लिए कानून बनाने की पहल करनी चाहिए। या फिर उन्हें अध्यादेश जारी कर नए मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति कर देनी चाहिए। अपनी राय बताने के लिए बीएनपी का आठ सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति हमीद के निवास स्थान पर गया था। वहां से लौटने के बाद पार्टी अध्यक्ष जीएम कादिर ने राष्ट्रपति से हुई अपनी बातचीत की जानकारी मीडिया को दी। कादिर ने बताया कि सरकार ने कानून बनाने की प्रक्रिया शुरू की, तो बीएनपी उसमें पूरा सहयोग करेगी।

कादिर ने बताया कि अगर सरकार कानून बनाने को तैयार नहीं हुई, तो उस स्थिति के लिए उन्होंने निर्वाचन आयुक्तों की तलाश के लिए एक समिति बनाने का सुझाव दिया। इसमें समिति में शामिल करने के लिए उन्होंने चार नामों के सुझाव भी राष्ट्रपति को दिए हैँ। कादिर के मुताबिक राष्ट्रपति हमीद ने भरोसा दिया है कि वे बीएनपी के सुझावों पर गौर करेंगे और इस दिशा में जरूरी कदम उठाएंगे।

पर्यवेक्षकों के मुताबिक बीएनपी पहले इस बातचीत में शामिल होने को तैयार नहीं थी। लेकिन बाद में पार्टी में राय बनी कि उसे अपना सुझाव राष्ट्रपति के सामने पेश करना चाहिए। राष्ट्रपति ने उन नौ दलों को बातचीत के लिए बुलाया है, जिनके प्रतिनिधि नेशनल असेंबली में हैं। बांग्लादेश में अभी कुल 39 पार्टियां पंजीकृत हैँ। लेकिन पिछले चुनाव में नौ पार्टियों के उम्मीदवार ही नेशनल असंबेली में जगह पा सके थे।

राष्ट्रपति की तरफ शुरू की गई बातचीत 29 दिसंबर तक चलेगी। हालांकि प्रमुख विपक्षी दल बीएनपी ने अपने सुझाव राष्ट्रपति को सौंप दिए हैं, लेकिन पार्टी इस रुख पर कायम है कि ऐसी वार्ताओँ से कुछ फायदा नहीं होगा। पार्टी के प्रमुख नेता खांडकर मोशर्रफ हुसैन ने बांग्लादेश के अखबार न्यू एज कहा- पहले का तजुर्बा यही है कि निर्वाचन आयोग में सत्ताधारी दल के इशारे पर काम करने वाले लोग नियुक्त किए जाते हैँ। पार्टी ने कहा है कि अभी एक रबर स्टांप निर्वाचन आयोग है, और अगला आयोग भी ऐसा ही होगा।

अखबार न्यू एज की एक रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रपति हमीद ने दिसंबर 2016 में भी ऐसा ही विचार-विमर्श किया था। तब सभी पंजीकृत पार्टियों की राय मांगी गई थी। बांग्लादेश के संविधान में लिखा है कि निर्वाचन आयोग के गठन के लिए एक खास कानून बनाया जाएगा। लेकिन आज तक ऐसा कानून नहीं बना है। अगले निर्वाचन आयोग की ही देखरेख में देश में 12वां आम चुनाव होगा। ये चुनाव दिसंबर 2023 से फरवरी 2024 के बीच करवाना होगा। पर्यवेक्षकों का कहना है कि बांग्लादेश में निर्वाचन आयोग का गठन हमेशा से एक विवादित मुद्दा रहा है। 

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