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फ्रांस में सख्ती : टीका नहीं लिया तो कैफे-रेस्तरां में प्रवेश नहीं, ओमिक्रॉन से जंग के लिए नया कानून मंजूर

एजेंसी, पेरिस।
Published by: योगेश साहू
Updated Tue, 18 Jan 2022 02:58 AM IST

सार

राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने पहले भी विधेयक को पारित कराने की कोशिश की थी। लेकिन दक्षिणपंथी और वामपंथी सांसदों के विरोध के चलते और सैकड़ों प्रस्तावित संशोधनों के कारण इसमें थोड़ी देरी हुई।

प्रतीकात्मक तस्वीर।
– फोटो : For Refernce Only

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फ्रांस की संसद ने एक ऐसे कानून को मंजूरी दी है, जिसमें कोविड-19 का टीका नहीं लेने वाले लोगों को रेस्तरां, खेल स्टेडियमों और ऐसे ही अन्य स्थानों पर प्रवेश नहीं मिलेगा। ऐसा कोविड-19 के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के कारण बढ़ते मामलों को रोकने के लिए किया जा रहा है।

जानकारी के मुताबिक, रिकॉर्ड संख्या में दर्ज किए जा रहे संक्रमण के मामलों के बीच अस्पतालों पर भार बढ़ रहा है। इससे बचने के सरकार के प्रयासों के तहत यह नया कानून लाया गया है। नेशनल असेंबली ने विधेयक के पक्ष में 215 मत डालकर कानून को स्वीकार किया। 

राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने पहले भी विधेयक को पारित कराने की कोशिश की थी। लेकिन दक्षिणपंथी और वामपंथी सांसदों के विरोध के चलते और सैकड़ों प्रस्तावित संशोधनों के कारण इसमें थोड़ी देरी हुई। कुछ आलोचकों ने सवाल किया है कि क्या ‘वैक्सीन पास’ से बहुत फर्क पड़ेगा। कुछ लोग वैक्सीन को जरूरी नहीं मान रहे, तो कुछ का कहना है कि वैक्सीन पास बेकार हैं। 

मैक्रों की सरकार उम्मीद कर रही है कि नई पास व्यवस्था, लॉकडाउन लगाए बिना देशभर में पहले से अस्पतालों में मरीजों की संख्या को सीमित करने के लिए पर्याप्त होगी। इससे पहले मैक्रों ने कहा था कि जो लोग अपना टीकाकरण नहीं करवा रहे हैं, उन पर तब तक सख्त प्रतिबंध लगाए जाएंगे, जब तक कि वो कोविड-19 का टीका नहीं ले लेते। 

विस्तार

फ्रांस की संसद ने एक ऐसे कानून को मंजूरी दी है, जिसमें कोविड-19 का टीका नहीं लेने वाले लोगों को रेस्तरां, खेल स्टेडियमों और ऐसे ही अन्य स्थानों पर प्रवेश नहीं मिलेगा। ऐसा कोविड-19 के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के कारण बढ़ते मामलों को रोकने के लिए किया जा रहा है।

जानकारी के मुताबिक, रिकॉर्ड संख्या में दर्ज किए जा रहे संक्रमण के मामलों के बीच अस्पतालों पर भार बढ़ रहा है। इससे बचने के सरकार के प्रयासों के तहत यह नया कानून लाया गया है। नेशनल असेंबली ने विधेयक के पक्ष में 215 मत डालकर कानून को स्वीकार किया। 

राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने पहले भी विधेयक को पारित कराने की कोशिश की थी। लेकिन दक्षिणपंथी और वामपंथी सांसदों के विरोध के चलते और सैकड़ों प्रस्तावित संशोधनों के कारण इसमें थोड़ी देरी हुई। कुछ आलोचकों ने सवाल किया है कि क्या ‘वैक्सीन पास’ से बहुत फर्क पड़ेगा। कुछ लोग वैक्सीन को जरूरी नहीं मान रहे, तो कुछ का कहना है कि वैक्सीन पास बेकार हैं। 

मैक्रों की सरकार उम्मीद कर रही है कि नई पास व्यवस्था, लॉकडाउन लगाए बिना देशभर में पहले से अस्पतालों में मरीजों की संख्या को सीमित करने के लिए पर्याप्त होगी। इससे पहले मैक्रों ने कहा था कि जो लोग अपना टीकाकरण नहीं करवा रहे हैं, उन पर तब तक सख्त प्रतिबंध लगाए जाएंगे, जब तक कि वो कोविड-19 का टीका नहीं ले लेते। 

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