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पाकिस्तान को भी लगी मिर्ची : हिजाब विवाद पर हाईकोर्ट के फैसले से पड़ोसी देश नाखुश, बयान में बताया धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ

पीटीआई, इस्लामाबाद
Published by: Jeet Kumar
Updated Wed, 16 Mar 2022 01:43 AM IST

सार

कर्नाटक में उठे हिजाब विवाद पर मंगलवार को आए हाईकोर्ट के फैसले को सुनाने के बाद पाकिस्तान को भी मिर्ची लग गई है। भारतीय राज्य के उच्च न्यायालय की ओर से दिए गए निर्णय से नाखुश पड़ोसी मुल्क ने इसे मुस्लिम विरोधी अभियान का हिस्सा बताया है। खास बात यह है कि पाक शैक्षणिक संस्थानों में मुस्लिम लड़कियों के हिजाब पहनने के समर्थन में पहले भी बार-बार बयान जारी कर चुका है।

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कर्नाटक में उठे हिजाब विवाद पर मंगलवार को आए हाईकोर्ट के फैसले को सुनाने के बाद पाकिस्तान को भी मिर्ची लग गई है। भारतीय राज्य के उच्च न्यायालय की ओर से दिए गए निर्णय से नाखुश पड़ोसी मुल्क ने इसे मुस्लिम विरोधी अभियान का हिस्सा बताया है। खास बात यह है कि पाक शैक्षणिक संस्थानों में मुस्लिम लड़कियों के हिजाब पहनने के समर्थन में पहले भी बार-बार बयान जारी कर चुका है। अब एक बार फिर पाकिस्तान ने बयान जारी कर कहा है कि अदालत का निर्णय धार्मिक प्रथाओं की स्वतंत्रता और मानवाधिकारों के उल्लंघन के सिद्धांत को बनाए रखने में विफल रहा है।

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय (एफओ) ने इस संबंध में कहा है कि यह निर्णय मुस्लिम विरोधी अभियान में एक नया कदम है, जहां मुसलमानों को निशाना बनाने के लिए धर्मनिरपेक्षता के बहाने को भी हथियार बनाया जा रहा है। भारत अल्पसंख्यकों के नुकसान के लिए अपनी धर्मनिरपेक्षता खो रहा है। बयान जारी कर भारत को नसीहत दे रहे पाकिस्तान को स्वयं कई बार अल्पसंख्यकों के मामलों को लेकर दुनिया के सामने कठघरे में खड़ा होना पड़ा है।

बहरहाल, पाक ने भारत सरकार से अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुसलमानों की सुरक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करने और उनके धर्म का पालन करने का अधिकार सुनिश्चित करने का आग्रह किया। साथ ही पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय, संयुक्त राष्ट्र और संबंधित अंतरराष्ट्रीय संगठनों से अल्पसंख्यकों के खिलाफ बहुसंख्यकवाद और भेदभाव को रोकने और मुद्दा उठाने की बात कही है। 

कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला
हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने छात्राओं की याचिका को खारिज करते हुए कहा है कि हिजाब धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। स्कूल-कॉलेज में छात्र यूनिफॉर्म पहनने से मना नहीं कर सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि इस्लाम में हिजाब पहनना अनिवार्य नहीं है। अदालत ने कहा कि स्कूल यूनिफॉर्म को लेकर बाध्यता एक उचित प्रबंधन है। छात्र या छात्रा इसके लिए इंकार नहीं कर सकते हैं। 

ये था विवाद
बता दें कि यह विवाद कर्नाटक के उड्डुपी जिले में एक कालेज में हिजाब पहनकर आने के बाद शुरू हुआ था। कुछ लड़कियां कालेज हिजाब पहनकर आई थी, जिस वजह से उन्हें क्लास में बैठने से रोक दिया गया था। इसके बाद क्लास में पढ़ाई के दौरान हिजाब पहनने से रोके जाने के मुद्दे ने तूल पकड़ लिया। इसके बाद इस मुद्दे को लेकर कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन भी हुए थे।

विस्तार

कर्नाटक में उठे हिजाब विवाद पर मंगलवार को आए हाईकोर्ट के फैसले को सुनाने के बाद पाकिस्तान को भी मिर्ची लग गई है। भारतीय राज्य के उच्च न्यायालय की ओर से दिए गए निर्णय से नाखुश पड़ोसी मुल्क ने इसे मुस्लिम विरोधी अभियान का हिस्सा बताया है। खास बात यह है कि पाक शैक्षणिक संस्थानों में मुस्लिम लड़कियों के हिजाब पहनने के समर्थन में पहले भी बार-बार बयान जारी कर चुका है। अब एक बार फिर पाकिस्तान ने बयान जारी कर कहा है कि अदालत का निर्णय धार्मिक प्रथाओं की स्वतंत्रता और मानवाधिकारों के उल्लंघन के सिद्धांत को बनाए रखने में विफल रहा है।

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय (एफओ) ने इस संबंध में कहा है कि यह निर्णय मुस्लिम विरोधी अभियान में एक नया कदम है, जहां मुसलमानों को निशाना बनाने के लिए धर्मनिरपेक्षता के बहाने को भी हथियार बनाया जा रहा है। भारत अल्पसंख्यकों के नुकसान के लिए अपनी धर्मनिरपेक्षता खो रहा है। बयान जारी कर भारत को नसीहत दे रहे पाकिस्तान को स्वयं कई बार अल्पसंख्यकों के मामलों को लेकर दुनिया के सामने कठघरे में खड़ा होना पड़ा है।

बहरहाल, पाक ने भारत सरकार से अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुसलमानों की सुरक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करने और उनके धर्म का पालन करने का अधिकार सुनिश्चित करने का आग्रह किया। साथ ही पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय, संयुक्त राष्ट्र और संबंधित अंतरराष्ट्रीय संगठनों से अल्पसंख्यकों के खिलाफ बहुसंख्यकवाद और भेदभाव को रोकने और मुद्दा उठाने की बात कही है। 

कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला

हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने छात्राओं की याचिका को खारिज करते हुए कहा है कि हिजाब धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। स्कूल-कॉलेज में छात्र यूनिफॉर्म पहनने से मना नहीं कर सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि इस्लाम में हिजाब पहनना अनिवार्य नहीं है। अदालत ने कहा कि स्कूल यूनिफॉर्म को लेकर बाध्यता एक उचित प्रबंधन है। छात्र या छात्रा इसके लिए इंकार नहीं कर सकते हैं। 

ये था विवाद

बता दें कि यह विवाद कर्नाटक के उड्डुपी जिले में एक कालेज में हिजाब पहनकर आने के बाद शुरू हुआ था। कुछ लड़कियां कालेज हिजाब पहनकर आई थी, जिस वजह से उन्हें क्लास में बैठने से रोक दिया गया था। इसके बाद क्लास में पढ़ाई के दौरान हिजाब पहनने से रोके जाने के मुद्दे ने तूल पकड़ लिया। इसके बाद इस मुद्दे को लेकर कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन भी हुए थे।

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