पीटीआई, इस्लामाबाद
Published by: Amit Mandal
Updated Tue, 15 Mar 2022 05:22 PM IST
सार
तत्कालीन पीएमएल-एन सरकार के खिलाफ पीटीआई के धरने के दौरान पीटीवी और संसद पर हमला करने मामले में अल्वी और कई अन्य नेताओं के खिलाफ 2014 में मामला दर्ज किया गया था।
पाकिस्तान में आतंकवाद निरोधी अदालत ने मंगलवार को राष्ट्रपति आरिफ अल्वी, विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और सत्ताधारी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को 2014 के संसद भवन हमले के मामले में बरी कर दिया। मंगलवार को बरी किए गए पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के अन्य नेताओं में योजना और विकास मंत्री असद उमर, रक्षा मंत्री परवेज खट्टक, खैबर पख्तूनख्वा के श्रम और संस्कृति मंत्री शौकत अली यूसुफजई, सीनेटर एजाज अहमद चौधरी और सदस्य जहांगीर तरीन और अलीम खान शामिल हैं।
धरने के दौरान पीटीवी और संसद पर हमला किया था
राष्ट्रपति अल्वी के आवेदन और पीटीआई नेताओं द्वारा दायर बरी करने की याचिकाओं पर जस्टिस मोहम्मद अली वरैच ने फैसला सुनाया। पीटीआई प्रमुख, प्रधानमंत्री इमरान खान को भी अक्टूबर 2020 में मामले में बरी कर दिया गया था। तत्कालीन पीएमएल-एन सरकार के खिलाफ पीटीआई के धरने के दौरान पीटीवी और संसद पर हमला करने मामले में अल्वी और कई अन्य नेताओं के खिलाफ 2014 में मामला दर्ज किया गया था। इससे पहले राष्ट्रपति अल्वी ने मामले में छूट का लाभ लेने से इनकार कर दिया था और एटीसी के सामने पेश होने का विकल्प चुना था।
राष्ट्रपति ने यह कहते हुए एक अपील दायर की थी कि वह छूट का लाभ नहीं उठाएंगे और कहा कि इस्लाम क्षमा की अनुमति नहीं देता है। अल्वी ने कहा, मैंने इस्लामी इतिहास पढ़ने की कोशिश की है। क्षमा के लिए कोई जगह नहीं है। मैं पाकिस्तान के संविधान से बंधा हूं। पवित्र कुरान संविधान से बड़ा कानून है।
31 अगस्त 2014 को पीटीआई और पाकिस्तान अवामी तहरीक (पीएटी) शिविरों के सैकड़ों लोगों और प्रदर्शनकारियों ने पीटीवी और संसद भवन परिसर के कार्यालय में तोड़फोड़ की थी और एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की बेरहमी से पिटाई की थी।
विस्तार
पाकिस्तान में आतंकवाद निरोधी अदालत ने मंगलवार को राष्ट्रपति आरिफ अल्वी, विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और सत्ताधारी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को 2014 के संसद भवन हमले के मामले में बरी कर दिया। मंगलवार को बरी किए गए पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के अन्य नेताओं में योजना और विकास मंत्री असद उमर, रक्षा मंत्री परवेज खट्टक, खैबर पख्तूनख्वा के श्रम और संस्कृति मंत्री शौकत अली यूसुफजई, सीनेटर एजाज अहमद चौधरी और सदस्य जहांगीर तरीन और अलीम खान शामिल हैं।
धरने के दौरान पीटीवी और संसद पर हमला किया था
राष्ट्रपति अल्वी के आवेदन और पीटीआई नेताओं द्वारा दायर बरी करने की याचिकाओं पर जस्टिस मोहम्मद अली वरैच ने फैसला सुनाया। पीटीआई प्रमुख, प्रधानमंत्री इमरान खान को भी अक्टूबर 2020 में मामले में बरी कर दिया गया था। तत्कालीन पीएमएल-एन सरकार के खिलाफ पीटीआई के धरने के दौरान पीटीवी और संसद पर हमला करने मामले में अल्वी और कई अन्य नेताओं के खिलाफ 2014 में मामला दर्ज किया गया था। इससे पहले राष्ट्रपति अल्वी ने मामले में छूट का लाभ लेने से इनकार कर दिया था और एटीसी के सामने पेश होने का विकल्प चुना था।
राष्ट्रपति ने यह कहते हुए एक अपील दायर की थी कि वह छूट का लाभ नहीं उठाएंगे और कहा कि इस्लाम क्षमा की अनुमति नहीं देता है। अल्वी ने कहा, मैंने इस्लामी इतिहास पढ़ने की कोशिश की है। क्षमा के लिए कोई जगह नहीं है। मैं पाकिस्तान के संविधान से बंधा हूं। पवित्र कुरान संविधान से बड़ा कानून है।
31 अगस्त 2014 को पीटीआई और पाकिस्तान अवामी तहरीक (पीएटी) शिविरों के सैकड़ों लोगों और प्रदर्शनकारियों ने पीटीवी और संसद भवन परिसर के कार्यालय में तोड़फोड़ की थी और एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की बेरहमी से पिटाई की थी।
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