वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, काठमांडू
Published by: अभिषेक दीक्षित
Updated Thu, 11 Nov 2021 08:51 PM IST
सार
रैली के प्रतिभागी 13 नवंबर को वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचेंगे और स्वच्छता का संदेश फैलाने के लिए दशाश्वमेघ घाट पर पूजा करेंगे। भारतीय राजदूत क्वात्रा ने युवाओं से इस साझा सांस्कृतिक संपदा को संजोने व संरक्षित करने का आग्रह किया।
नेपाल के संस्कृति, पर्यटन और नागरिक उड्डयन मंत्री प्रेम बहादुर और काठमांडो में भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा ने गुरुवार को यहां पशुपतिनाथ-काशी विश्वनाथ अमृत महोत्सव मोटरसाइकल रैली को हरी झंडी दिखाई। इस रैली का मकसद दो देशों की साझा धार्मिक व सांस्कृतिक विरासत के बारे में युवाओं में जागरूकता बढ़ाना भी है।
नेपाल में भारतीय दूतावास ने कहा कि नई दिल्ली और काठमांडू के बीच गहरे व कालातीत जुड़ाव तथा आपसी सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करने के उद्देश्य से रैली में दोनों देशों के 50 मोटरबाइक उत्साही युवा भाग ले रहे हैं। प्रेम बहादुर ने बाइक रैली के प्रतिभागियों को उनकी यात्रा में सफलता की कामना करते हुए भारत-नेपाल के बीच सदियों पुरानी सांस्कृतिक विरासत के बारे में भी बताया।
मंत्री ने कहा कि भाषा, साहित्य, धर्म, संस्कृति और जीवन शैली ने दोनों देशों के बीच रिश्ते हमेशा मजबूत किए हैं। रैली के प्रतिभागी 13 नवंबर को वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचेंगे और स्वच्छता का संदेश फैलाने के लिए दशाश्वमेघ घाट पर पूजा करेंगे। भारतीय राजदूत क्वात्रा ने युवाओं से इस साझा सांस्कृतिक संपदा को संजोने व संरक्षित करने का आग्रह किया।
विस्तार
नेपाल के संस्कृति, पर्यटन और नागरिक उड्डयन मंत्री प्रेम बहादुर और काठमांडो में भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा ने गुरुवार को यहां पशुपतिनाथ-काशी विश्वनाथ अमृत महोत्सव मोटरसाइकल रैली को हरी झंडी दिखाई। इस रैली का मकसद दो देशों की साझा धार्मिक व सांस्कृतिक विरासत के बारे में युवाओं में जागरूकता बढ़ाना भी है।
नेपाल में भारतीय दूतावास ने कहा कि नई दिल्ली और काठमांडू के बीच गहरे व कालातीत जुड़ाव तथा आपसी सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करने के उद्देश्य से रैली में दोनों देशों के 50 मोटरबाइक उत्साही युवा भाग ले रहे हैं। प्रेम बहादुर ने बाइक रैली के प्रतिभागियों को उनकी यात्रा में सफलता की कामना करते हुए भारत-नेपाल के बीच सदियों पुरानी सांस्कृतिक विरासत के बारे में भी बताया।
मंत्री ने कहा कि भाषा, साहित्य, धर्म, संस्कृति और जीवन शैली ने दोनों देशों के बीच रिश्ते हमेशा मजबूत किए हैं। रैली के प्रतिभागी 13 नवंबर को वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचेंगे और स्वच्छता का संदेश फैलाने के लिए दशाश्वमेघ घाट पर पूजा करेंगे। भारतीय राजदूत क्वात्रा ने युवाओं से इस साझा सांस्कृतिक संपदा को संजोने व संरक्षित करने का आग्रह किया।
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