videsh

चीन : प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा- दलाई लामा के निजी भविष्य पर वार्ता करने के लिए तैयार हैं हम

एजेंसी, बीजिंग
Published by: Kuldeep Singh
Updated Thu, 11 Nov 2021 12:56 AM IST

सार

टोक्यो से मिली खबरों में कहा गया है कि दलाई लामा ने टोक्यो फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट क्लब की मेजबानी वाले ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, मैं यहां भारत में शांतिपूर्वक रहना चाहूंगा। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलने की उनकी कोई खास योजना नहीं है लेकिन उन्होंने पुराने मित्रों से मिलने के लिए तिब्बत की यात्रा करने की अपनी इच्छा प्रकट की।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन
– फोटो : twitter

ख़बर सुनें

चीन ने बुधवार को कहा है कि वह तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा के ‘निजी भविष्य’ पर वार्ता करने के लिए तैयार है, लेकिन तिब्बत से जुड़े किसी मुद्दे पर नहीं। टोक्यो से मिली खबरों में कहा गया है कि दलाई लामा ने टोक्यो फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट क्लब की मेजबानी वाले ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, मैं यहां भारत में शांतिपूर्वक रहना चाहूंगा।

दलाई लामा ने टोक्यो में धार्मिक सौहार्द के एक केंद्र के रूप में भारत की सराहना भी की। तिब्बती बौद्ध आध्यात्मिक नेता ने कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलने की उनकी कोई खास योजना नहीं है लेकिन उन्होंने पुराने मित्रों से मिलने के लिए तिब्बत की यात्रा करने की अपनी इच्छा प्रकट की। दलाई लामा की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देने के लिए कहे जाने और यह पूछे जाने पर कि क्या बीजिंग उन्हें चीन या तिब्बत की यात्रा करने की अनुमति देगा?

चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा, धर्मगुरु से तिब्बत के किसी भी मुद्दे पर नहीं होगी वार्ता
इस पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने  कहा कि बीजिंग तिब्बती आध्यात्मिक नेता के साथ वार्ता के लिए तैयार है। चीन सरकार, 14 वें दलाई लामा के साथ मुद्दों पर चर्चा करने पर अपना रुख पूर्ववत और स्पष्ट रखे हुए हैं। वार्ता के दरवाजे खुले हुए हैं। मैं कहना चाहूंगा कि सिर्फ दलाई लामा के भविष्य के विषय पर चर्चा हो सकती है और उसमें तिब्बत का विषय नहीं होगा।

चीन सरकार का भरोसा जीतना होगा : वांग
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि दलाई लामा को सिर्फ अलगाववादी गतिविधियों को रोकना है और चीन सरकार व चीनी नागरिकों का भरोसा जीतने के लिए ठोस उपाय करने हैं। उन्होंने निर्वासित तिब्बती सरकार की आलोचना करते हुए कहा, ‘‘यह एक बाहरी अलगाववादी राजनीतिक समूह है। यह चीन के संविधान और कानून के खिलाफ है, यह एक अवैध संगठन है। 

विविधता को नहीं समझते चीन के नेता : दलाई लामा
तिब्बती धर्मगुरु 86 वर्षीय दलाई लामा ने कहा, चीनी कम्युनिस्ट नेता संस्कृतियों की विविधताओं को नहीं समझते हैं। असल में अत्यधिक नियंत्रण लोगों को नुकसान पहुंचाएगा। तिब्बत पर चीन के कब्जा करने के बाद वह 1959 में वहां से पलायन कर गये थे और तब से भारत में निर्वासन में रह रहे हैं।

विस्तार

चीन ने बुधवार को कहा है कि वह तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा के ‘निजी भविष्य’ पर वार्ता करने के लिए तैयार है, लेकिन तिब्बत से जुड़े किसी मुद्दे पर नहीं। टोक्यो से मिली खबरों में कहा गया है कि दलाई लामा ने टोक्यो फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट क्लब की मेजबानी वाले ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, मैं यहां भारत में शांतिपूर्वक रहना चाहूंगा।

दलाई लामा ने टोक्यो में धार्मिक सौहार्द के एक केंद्र के रूप में भारत की सराहना भी की। तिब्बती बौद्ध आध्यात्मिक नेता ने कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलने की उनकी कोई खास योजना नहीं है लेकिन उन्होंने पुराने मित्रों से मिलने के लिए तिब्बत की यात्रा करने की अपनी इच्छा प्रकट की। दलाई लामा की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देने के लिए कहे जाने और यह पूछे जाने पर कि क्या बीजिंग उन्हें चीन या तिब्बत की यात्रा करने की अनुमति देगा?

चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा, धर्मगुरु से तिब्बत के किसी भी मुद्दे पर नहीं होगी वार्ता

इस पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने  कहा कि बीजिंग तिब्बती आध्यात्मिक नेता के साथ वार्ता के लिए तैयार है। चीन सरकार, 14 वें दलाई लामा के साथ मुद्दों पर चर्चा करने पर अपना रुख पूर्ववत और स्पष्ट रखे हुए हैं। वार्ता के दरवाजे खुले हुए हैं। मैं कहना चाहूंगा कि सिर्फ दलाई लामा के भविष्य के विषय पर चर्चा हो सकती है और उसमें तिब्बत का विषय नहीं होगा।

चीन सरकार का भरोसा जीतना होगा : वांग

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि दलाई लामा को सिर्फ अलगाववादी गतिविधियों को रोकना है और चीन सरकार व चीनी नागरिकों का भरोसा जीतने के लिए ठोस उपाय करने हैं। उन्होंने निर्वासित तिब्बती सरकार की आलोचना करते हुए कहा, ‘‘यह एक बाहरी अलगाववादी राजनीतिक समूह है। यह चीन के संविधान और कानून के खिलाफ है, यह एक अवैध संगठन है। 

विविधता को नहीं समझते चीन के नेता : दलाई लामा

तिब्बती धर्मगुरु 86 वर्षीय दलाई लामा ने कहा, चीनी कम्युनिस्ट नेता संस्कृतियों की विविधताओं को नहीं समझते हैं। असल में अत्यधिक नियंत्रण लोगों को नुकसान पहुंचाएगा। तिब्बत पर चीन के कब्जा करने के बाद वह 1959 में वहां से पलायन कर गये थे और तब से भारत में निर्वासन में रह रहे हैं।

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top
%d bloggers like this: