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नेतृत्व: भारत का वो अफसर, जो चीन के सामने रखेगा पीछे हटने की शर्तें, तीन दिन पहले मिली अहम टुकड़ी की जिम्मेदारी

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Sat, 08 Jan 2022 08:47 AM IST

सार

भारत-चीन के बीच 12 जनवरी को होगी कोर कमांडर स्तर की बातचीत, 13वां दौर रहा था बेनतीजा।

लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता (बाएं) ने 5 जनवरी को पीजीके मेनन से फायर एंड फ्यूरी कोर का प्रभार लिया था।
– फोटो : ANI

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विस्तार

भारत और चीन के बीच लद्दाख स्थित एलएसी पर पिछले करीब दो साल से तनाव जारी है। दोनों ही देश अब तक टकराव को खत्म करने के लिए 13 दौर की बातचीत कर चुके हैं, लेकिन इसमें कोई ज्यादा सफलता नहीं मिली है। इस बीच दोनों देशों की सेनाओं ने 14वें दौर की बातचीत के लिए 12 जनवरी की तारीख तय कर ली है। इस बार दोनों ही तरफ से नए कमांडर बैठक का नेतृत्व करेंगे। जहां चीन की तरफ से इस बैठक में दक्षिण शिनजियांग जिले के सेना प्रमुख जनरल यांग लिन शामिल होंगे, वहीं भारत की तरफ से बातचीत में 14 कोर कमांडर के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता चीन के सामने पीछे हटने की शर्तें रखेंगे।

कौन हैं अनिंद्य सेनगुप्ता?

यह पहली बार होगा जब भारतीय सेना के फायर एंड फ्यूरी कोर कमांडर के लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता बातचीत के दौरान देश का प्रतिनिधित्व करेंगे। उन्होंने इसी हफ्ते बुधवार को आधिकारिक रूप से पदभार संभाला था। उनसे पहले पीजीके मेनन फायर एंड फ्यूरी कोर का नेतृत्व कर रहे थे और चीन के साथ बातचीत में देश के प्रतिनिधित्व की जिम्मेदारी भी उन्हीं के पास थी। 

ले. जनरल सेनगुप्ता का भारतीय सेना में एक विशिष्ट करियर रहा है। वे पंजाब रेजिमेंट से हैं। उन्होंने मैदानी इलाकों में एक इन्फैंट्री रेजिमेंट, कश्मीर घाटी में एक इन्फैंट्री ब्रिगेड, संयुक्त राष्ट्र मिशन में एक इन्फैंट्री ब्रिगेड और कश्मीर में विक्टर फोर्स का नेतृत्व किया है। फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स की कमान संभालने से पहले वे नई दिल्ली में डायरेक्टर जनरल स्ट्रैटेजिक प्लानिंग थे।

चीन-पाकिस्तान से लगती सीमा में तैनात है फायर एंड फ्यूरी कोर

लेफ्टिनेंट सेनगुप्ता जिस कोर का नेतृत्व करेंगे वह चीन और पाकिस्तान दोनों की ही सीमा पर निगरानी के लिए जिम्मेदार है। ऐसे में पद संभालने के बाद सेनगुप्ता के पास क्षेत्र की स्थिति और बारीकियां समझने के लिए एक हफ्ते से भी कम का समय है। जहां 5 जनवरी को उन्हें कोर की जिम्मेदारी मिली थी, वहीं 12 जनवरी को वे चीन के साथ बातचीत में देश का नेतृत्व करेंगे।

अक्तूबर में हुई थी 13वें दौर की वार्ता

अक्तूबर में कोर कमांडर स्तर की सैन्य वार्ता का 13वां दौर भारतीय सेना के साथ गतिरोध में समाप्त हुआ था। भारतीय पक्ष के सुझाव चीनी पक्ष को स्वीकार्य नहीं थे। 18 नवंबर को अपनी वर्चुअल राजनयिक वार्ता में भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में बाकी संघर्ष वाली जगहों पर डिसइंगेजमेंट के उद्देश्य को हासिल करने के लिए 14 वें दौर की सैन्य वार्ता को जल्द से जल्द आयोजित करने पर सहमत हुए थे।

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