वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, मास्को
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Sun, 06 Mar 2022 10:37 AM IST
सार
बच्चों को समझाया जा रहा है कि, डोनाबास के लोगों को नरसंहार से बचाने के लिए रूस का यूक्रेन पर आक्रमण एक आजादी मिशन है।
यूक्रेन के खिलाफ जंग छेड़ने के बाद व्लादिमिर पुतिन को रूस में ही कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक कि, कई बच्चे भी पुतिन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे है। ऐसे में नई पीढ़ी को समझाने और इस जंग को जायज ठहराने के लिए पुतिन ने स्कूलों में एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम शुरू किया है।
अमेरिकी मीडिया ने एक खुफिया एजेंसी के पूर्व अधिकारी रेबिका कॉफलर के हवाले से लिखा है कि रूस के स्कूलों में यूक्रेन के खिलाफ लड़ाई को एक मुक्ति का मिशन बताया जा रहा है। यहां बच्चों को समझाया जा रहा है कि, डोनाबास के लोगों को नरसंहार से बचाने के लिए रूस का यूक्रेन पर आक्रमण एक आजादी मिशन है।
शिक्षा मंत्रालय की ओर से शुरू हुआ ओपन लेसन
रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि बच्चों को समझाने के लिए रूस के स्कूलों में एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम भी शुरू किया गया है। शिक्षा मंत्रालय ने यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के संबंध में “ओपन लेसन” नामक एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम शुरू किया है। कार्यक्रम के तहत बच्चों को वीडियो के माध्यम से समझाया जा रहा है। रूस के शिक्षा मंत्रालय द्वारा एक फेसबुक पोस्ट में कहा गया है कि स्कूली बच्चों को बताया जाएगा कि यूक्रेन में मुक्ति मिशन की आवश्यकता क्यों है?
रूसी बोलने वालों को नरसंहार से बचा रहे
ओपन लेसन के माध्यम से स्कूलों में बताया जा रहा है कि, रूस का लक्ष्य उन राष्ट्रवादियों को शामिल करना है, जो रूसी बोलते हैं और रूस के हैं। हम डोनाबास के लोगों को नरसंहार से बचाने का प्रयास कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, स्कूलों में एक वीडियो चलाया जा रहा है, जिसका शीर्षक “शांति के रक्षक” है। शिक्षा मंत्रालय की फेसबुक पोस्ट में कहा गया है कि, बच्चों को यह बताने का आवश्यकता है कि हमें नाटो से क्या खतरा है और हम डोनेत्स्क और लुहांस्क के लोगों को क्यों बचा रहे हैं।
विस्तार
यूक्रेन के खिलाफ जंग छेड़ने के बाद व्लादिमिर पुतिन को रूस में ही कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक कि, कई बच्चे भी पुतिन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे है। ऐसे में नई पीढ़ी को समझाने और इस जंग को जायज ठहराने के लिए पुतिन ने स्कूलों में एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम शुरू किया है।
अमेरिकी मीडिया ने एक खुफिया एजेंसी के पूर्व अधिकारी रेबिका कॉफलर के हवाले से लिखा है कि रूस के स्कूलों में यूक्रेन के खिलाफ लड़ाई को एक मुक्ति का मिशन बताया जा रहा है। यहां बच्चों को समझाया जा रहा है कि, डोनाबास के लोगों को नरसंहार से बचाने के लिए रूस का यूक्रेन पर आक्रमण एक आजादी मिशन है।
शिक्षा मंत्रालय की ओर से शुरू हुआ ओपन लेसन
रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि बच्चों को समझाने के लिए रूस के स्कूलों में एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम भी शुरू किया गया है। शिक्षा मंत्रालय ने यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के संबंध में “ओपन लेसन” नामक एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम शुरू किया है। कार्यक्रम के तहत बच्चों को वीडियो के माध्यम से समझाया जा रहा है। रूस के शिक्षा मंत्रालय द्वारा एक फेसबुक पोस्ट में कहा गया है कि स्कूली बच्चों को बताया जाएगा कि यूक्रेन में मुक्ति मिशन की आवश्यकता क्यों है?
रूसी बोलने वालों को नरसंहार से बचा रहे
ओपन लेसन के माध्यम से स्कूलों में बताया जा रहा है कि, रूस का लक्ष्य उन राष्ट्रवादियों को शामिल करना है, जो रूसी बोलते हैं और रूस के हैं। हम डोनाबास के लोगों को नरसंहार से बचाने का प्रयास कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, स्कूलों में एक वीडियो चलाया जा रहा है, जिसका शीर्षक “शांति के रक्षक” है। शिक्षा मंत्रालय की फेसबुक पोस्ट में कहा गया है कि, बच्चों को यह बताने का आवश्यकता है कि हमें नाटो से क्या खतरा है और हम डोनेत्स्क और लुहांस्क के लोगों को क्यों बचा रहे हैं।
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