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ड्रैगन का बड़बोलापन: चीन ने किया अमेरिकी लोकतंत्र शैली पर हमला, कहा- हमारी शासन प्रणाली सबसे बेहतर

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, बीजिंग
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Tue, 07 Dec 2021 08:13 AM IST

सार

चीन ने जहां अमेरिकी लोकतंत्र शैली को सबसे खराब बताया वहीं खुद की शासन प्रणाली को सबसे बेहतर बताया। चीनी मीडिया भी अमेरिका पर लगातार हमला बोल रहा है।

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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के होने वाले लोकतंत्र शिखर सम्मेलन के पहले चीन ने एक बार फिर से अमेरिका पर हमला बोला है। दरअसल, चीन ने अमेरिकी लोकतंत्र शैली को बदनाम करने के लिए एक अभियान शुरू किया है। इसके तहत चीन दुनिया को बताने की कोशिश कर रहा है कि अमेरिका की राजनीति पैसे पर आधारित है और ‘कई पर कुछ का शासन’ वाली नीति अपनाई जाती है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हाल के दिनों में, आधिकारिक चीनी मीडिया आउटलेट्स और राजनयिकों ने अमेरिकी शासन प्रणाली पर तीखे हमले किए हैं।

उधर रविवार को चीन के विदेश मंत्रालय ने भी अमेरिका में लोकतंत्र की स्थिति पर एक रिपोर्ट जारी की। सरकारी स्वामित्व वाली सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने कार्टूनों की एक श्रृंखला के साथ अमेरिकी प्रणाली का मजाक उड़ाया। ग्लोबल टाइम्स ने ‘अमेरिका में लोकतंत्र की कमी और दुरुपयोग’ शीर्षक के साथ खबर चलाया है। इसके अलावा ग्लोबल टाइम्स ने एक चीनी अकादमिक के हवाले से कहा कि अमेरिका ‘लोकतंत्र के प्रकाशस्तंभ’ से बहुत दूर है और अराजक अमेरिकी समाज को देखते हुए उसके पास दिखाने लायक कुछ भी नहीं है। 

चीन ने खुद की शासन प्रणाली को बताया सबसे बेहतर 
चीन  ने अपने एक-पक्षीय शासन मॉडल का भी हवाला देते हुए कहा कि हमारी शासन प्रणाली समाजवादी है और एक पूरी प्रक्रिया वाला लोकतंत्र है। चार दिसंबर को, बीजिंग ने “चीन: लोकतंत्र जो काम करता है” नाम के शीर्षक से एक लंबा पत्र जारी किया। चीन ने कहा कि हमारा लोकतंत्र ऐसा नहीं है जो मतदान के समय जागता है और बाद में निष्क्रिय हो जाता है। हम हमेशा जनता की भलाई के लिए काम करते हैं।

चीन के सरकारी अखबार का खुद के देश में ही विरोध
वहीं पश्चिमी चीन में रहने वाले लोगों ने लोकतंत्र पर बात करने वाले अखबार को खारिज कर दिया। लोगों ने बताया कि चीन की सरकार की व्यवस्था के तहत, सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के राजनीतिक विरोध की अनुमति नहीं है। नागरिक स्थानीय चुनावों में मतदान कर सकते हैं, लेकिन उम्मीदवारों की जांच अधिकारियों द्वारा की जाती है। निर्दलीय उम्मीदवार जिन्हें सत्ताधारी पार्टी के राजनीतिक एजेंडे के साथ गठबंधन नहीं करने के लिए माना जाता है, उन्हें अक्सर परेशान किया जाता है या गिरफ्तार किया जाता है।  

विस्तार

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के होने वाले लोकतंत्र शिखर सम्मेलन के पहले चीन ने एक बार फिर से अमेरिका पर हमला बोला है। दरअसल, चीन ने अमेरिकी लोकतंत्र शैली को बदनाम करने के लिए एक अभियान शुरू किया है। इसके तहत चीन दुनिया को बताने की कोशिश कर रहा है कि अमेरिका की राजनीति पैसे पर आधारित है और ‘कई पर कुछ का शासन’ वाली नीति अपनाई जाती है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हाल के दिनों में, आधिकारिक चीनी मीडिया आउटलेट्स और राजनयिकों ने अमेरिकी शासन प्रणाली पर तीखे हमले किए हैं।

उधर रविवार को चीन के विदेश मंत्रालय ने भी अमेरिका में लोकतंत्र की स्थिति पर एक रिपोर्ट जारी की। सरकारी स्वामित्व वाली सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने कार्टूनों की एक श्रृंखला के साथ अमेरिकी प्रणाली का मजाक उड़ाया। ग्लोबल टाइम्स ने ‘अमेरिका में लोकतंत्र की कमी और दुरुपयोग’ शीर्षक के साथ खबर चलाया है। इसके अलावा ग्लोबल टाइम्स ने एक चीनी अकादमिक के हवाले से कहा कि अमेरिका ‘लोकतंत्र के प्रकाशस्तंभ’ से बहुत दूर है और अराजक अमेरिकी समाज को देखते हुए उसके पास दिखाने लायक कुछ भी नहीं है। 

चीन ने खुद की शासन प्रणाली को बताया सबसे बेहतर 

चीन  ने अपने एक-पक्षीय शासन मॉडल का भी हवाला देते हुए कहा कि हमारी शासन प्रणाली समाजवादी है और एक पूरी प्रक्रिया वाला लोकतंत्र है। चार दिसंबर को, बीजिंग ने “चीन: लोकतंत्र जो काम करता है” नाम के शीर्षक से एक लंबा पत्र जारी किया। चीन ने कहा कि हमारा लोकतंत्र ऐसा नहीं है जो मतदान के समय जागता है और बाद में निष्क्रिय हो जाता है। हम हमेशा जनता की भलाई के लिए काम करते हैं।

चीन के सरकारी अखबार का खुद के देश में ही विरोध

वहीं पश्चिमी चीन में रहने वाले लोगों ने लोकतंत्र पर बात करने वाले अखबार को खारिज कर दिया। लोगों ने बताया कि चीन की सरकार की व्यवस्था के तहत, सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के राजनीतिक विरोध की अनुमति नहीं है। नागरिक स्थानीय चुनावों में मतदान कर सकते हैं, लेकिन उम्मीदवारों की जांच अधिकारियों द्वारा की जाती है। निर्दलीय उम्मीदवार जिन्हें सत्ताधारी पार्टी के राजनीतिक एजेंडे के साथ गठबंधन नहीं करने के लिए माना जाता है, उन्हें अक्सर परेशान किया जाता है या गिरफ्तार किया जाता है।  

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