न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Fri, 04 Feb 2022 08:29 PM IST
सार
टेस्ला के संस्थापक एलन मस्क इसी साल भारत में अपनी इलेक्ट्रिक कार लॉन्च करना चाहते हैं, हालांकि उन्होंने इसमें आयात शुल्क की ऊंची दरों को बड़ी बाधा करार दिया।
टेस्ला के संस्थापक एलन मस्क।
– फोटो : Social Media
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विस्तार
भारत सरकार ने दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क की इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला की देश में एंट्री और मुश्किल कर दी है। बताया गया है कि मोदी सरकार ने मस्क की उस मांग को ठुकरा दिया है, जिसमें टेस्ला को आयात शुल्क में छूट देने या वाहन पर लगने वाले टैक्स को अलग-अलग हिस्सों में बांटने के लिए कहा था। सरकार का कहना है कि हमारे नियम पहले ही इजाजत देते हैं कि उत्पादक आंशिक रूप से बने वाहनों को देश में ला सकते हैं और इन्हें स्थानीय टैक्स चुकाकर असेंबल कर सकती हैं।
टेस्ला को टैक्स छूट न देने के सवाल पर केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBDT) के चेयरमैन विवेक जौहरी ने कहा, “हमने आयात शुल्क को बदलने के मुद्दे पर विचार किया, लेकिन देश में पहले ही घरेलू उत्पादन जारी है और मौजूदा आयात शुल्क के ढांचे के बावजूद देश में निवेश आना जारी है। यानी ये तो साफ है कि आयात शुल्क कोई बाधा नहीं है।”
क्या चाहती है टेस्ला?
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने टेस्ला को भारत में आकर उत्पादन करने का न्योता दिया है। उधर एलन मस्क चाहते हैं कि भारत उनकी कंपनी की बनी इलेक्ट्रिक कारों को बाहर से आयात करने की इजाजत दे, ताकि टेस्ला विदेश में बने अपने पहले कुछ वाहनों को प्रतियोगी कीमतों पर बाजार में बेच सके।
क्या है परेशानी?
हालांकि, सरकार बाहर से आयात किए हुए वाहनों पर भारी आयात शुल्क लगाती है। इसके अलावा अगर कोई कंपनी वाहन के अलग-अलग पार्ट्स में लाकर देश में उनकी असेंबली करना चाहती है, तो भी उस पर 15-30 फीसदी आयात शुल्क लगाया जाता है।