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टीकाकरण: 15 से 18 साल के बच्चों को कोवाक्सिन दिए जाने की संभावना, डॉ. अरोड़ा ने कही बड़ी बात

नए साल में तीन जनवरी से शुरू हो रहे 15 से 18 साल तक की उम्र के बच्चों के कोरोना रोधी टीकाकरण अभियान के तहत फिलहाल भारत बायोटेक की स्वदेशी वैक्सीन कोवाक्सिन दी जा सकती है। आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को यह बात कही। पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार को उक्त उम्र के बच्चों के टीकाकरण कार्यक्रम का एलान किया था। 

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्करों तथा 60 साल से ज्यादा उम्र के गंभीर रोगों के शिकार नागरिकों को बूस्टर डोज या तीसरी खुराक उसी वैक्सीन की दी जाएगी, जिसकी पूर्व में उन्हें दो खुराक दी गई थी। 

कोरोना से दो तिहाई मौतें 12 से 18 वर्ष के बच्चों की
कोविड-19 टास्कफोर्स के चेयरमैन डॉ. एनके अरोड़ा ने कहा कि 12 से 18 साल के बच्चे वयस्कों के जैसे ही होते हैं। देश में कोविड-19 से हुई मौतों में से करीब दो तिहाई मौतें इसी आयु वर्ग की हुई हैं। इसलिए किशोरों को बचाने की जरूरत है। ये बच्चे इधर उधर आवाजाही करते हैं, इसलिए उनमें संक्रमण की जोखिम बहुत ज्यादा है।

बच्चों में परीक्षण के दौरान मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया 
कोविड-19 टास्कफोर्स के चेयरमैन डॉ. एनके अरोड़ा रविवार को कहा कि कोवैक्सिन का परीक्षण के दौरान बच्चों में बहुत अच्छी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया मिलीहै। 15-18 वर्ष की आयु के लाभार्थियों के लिए टीकाकरण शुरू करने के प्रधानमंत्री के निर्णय पर एक विशेष साक्षात्कार में अरोड़ा ने इस बारे में जानकारी दी साथ ही कहा कि टीकाकरण 3 जनवरी से शुरू होने जा रहा है।

बच्चों को चार सप्ताह के अंतराल में दो खुराक दी जाएगी
कोविड टास्कफोर्स के चेयरमैन ने कहा कि बच्चों के टीकाकरण के लिए कोई खास इंतजाम की जरूरत नहीं होगी। बिना किसी विशेष तैयारी के इन बच्चों का टीकाकरण शुरू किया जा सकता है। इन बच्चों को वयस्कों की तरह टीके की दो खुराक दी जाएंगी। पहली व दूसरी खुराक में चार सप्ताह का अंतर रहेगा। 

बच्चों के लिए अभी एकमात्र वैक्सीन उपलब्ध
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अभी भारत बॉयोटेक की एकमात्र वैक्सीन कोवाक्सिन ही है, जिसे 15 से 18 साल तक के बच्चों को दिया जा सकता है। देश में इस आयु वर्ग के बच्चों की अनुमानित संख्या 7 से 8 करोड़ है। 

जॉयकोव-डी टीकाकरण अभियान में शामिल नहीं
सूत्रों ने यह भी कहा कि जायडस कैडिला के जॉयकोव-डी (ZyCoV-D) टीके को अभी राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान में वयस्कों के लिए भी शामिल नहीं किया गया है। हालांकि इसे 20 अगस्त को आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी जा चुकी है। यह देश की एकमात्र वैक्सीन है, जिसे 12 से 18 साल तक की उम्र के बच्चों को दिया जा सकता है। स्वदेश में तैयार जॉयकोव-डी देश की पहली डीएनए आधारित सुई रहित कोविड-19 वैक्सीन है।  

बच्चों को कोवाक्सिन डोज को सशर्त मंजूरी
शुक्रवार को देश के दवा नियंत्रक (DCGI) ने 12 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को स्वदेशी वैक्सीन कोवाक्सिन देने की आपात मंजूर दे दी है। हालांकि इसके लिए कुछ शर्तें रखी गई हैं। देश की 61 फीसदी से ज्यादा वयस्क आबादी को अब तक दोनों खुराक दी जा चुकी है। इसी तरह 90 फीसदी पात्र आबादी को पहली खुराक दी जा चुकी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार रात टेलीविजन पर दिए संदेश में बच्चों के टीकाकरण का बड़ा एलान किया था। उन्होंने क्रिसमस के मौके पर घोषणा की कि तीन जनवरी से देश में 15 से 18 साल की उम्र के बच्चों का कोरोना रोधी टीकाकरण शुरू किया जाएगा। सरकार ने बच्चों के टीकाकरण का फैसला देश में फिर बढ़ते कोविड मामलों व ओमिक्रॉन वैरिएंट के खतरे को देखते हुए लिया है। 

फ्रंटलाइन वर्करों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और गंभीर रोगों के शिकार (comorbidities) बुजुर्गों को 10 जनवरी से तीसरी एहतियाती या बूस्टर खुराक दी जाएगी। बुजुर्गों को उनके डॉक्टर की सलाह पर ही तीसरी खुराक दी जाएगी। 

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