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जहांगीरपुरी हिंसा: पश्चिम बंगाल और बांग्लादेशी कनेक्शन तलाश रही पुलिस, आधार और राशन कार्ड पर मिले अलग-अलग पते 

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Fri, 22 Apr 2022 10:50 AM IST

सार

आरोपी सहजादा के पास दिल्ली पुलिस को आधार कार्ड बरामद हुआ, जिस पर दिल्ली का पता है। वहीं उसके राशन कार्ड में पश्चिम बंगाल का पता है। 

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जहांगीरपुरी हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस पश्चिम बंगाल या बांग्लादेशी कनेक्शन खंगालने में लगी है। इसी क्रम में गुरुवार को दिल्ली पुलिस की एक टीम ने पश्चिम बंगाल के पूर्वी मिदनापुर इलाके में दबिश दी। अधिकारियों ने बताया कि टीम ने यहां के रहने वाले आरोपी असलम की मां से पूछताछ की। इस दौरान चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। दरअसल, आरोपियों के आधार कार्ड पर अलग-अलग पते मिले हैं।  

दंगे के आरोपी असलम की मां असपिया बीबी ने बताया कि, मेरे तीनों बेटे असलम अली, मुख्तार अली और अक्सर अली करीब 1.5 महीने पहले दिल्ली गए थे। वे वहां रहकर राजमिस्त्री का काम करते हैं। लेकिन अब दिल्ली पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। 

आधार दिल्ली का घर बंगाल में 
असलम की मां के पास से दिल्ली पते का आधार कार्ड भी मिला है। वह बताती हैं कि, उनके पास दिल्ली पते का आधार कार्ड है, लेकिन पश्चिम बंगाल के मिदनापुर में घर बनने के बाद से वह यहां ही रहने लगीं। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक, टीम ने नंदकुमार थाने के सतीलपुर ग्राम पंचायत इलाके में भी दबिश दी। यहां आरोपी सहजादा के पास दिल्ली पुलिस को आधार कार्ड बरामद हुआ, जिस पर दिल्ली का पता है। वहीं उसके राशन कार्ड में पश्चिम बंगाल का पता है। 

पहले ही रची गई थी हिंसा की साजिश 
जहांगीरपुरी में हनुमान जन्मोत्सव पर शोभा यात्रा के दौरान हिंसा की साजिश एक सप्ताह पहले ही रच ली गई थी जिसे अंजाम देने के लिए छतों पर पत्थर, रोड़ी व ईंटें एकत्रित कर ली गई थीं। शोभा यात्रा में बहस करने वाला आरोपी अंसार ही मुख्य साजिशकर्ता हैं। वह संगठित आपराधिक गिरोह चलाता था। यह खुलासा दिल्ली पुलिस ने गृहमंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट में किया है। 

दिल्ली पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि जहांगीरपुरी हिंसा के अधिकांश आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। जो भी बचे हुए हैं उनकी धरपकड़ के लिए दबिश दी जा रही हैं। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रामनवमी वाले दिन अंसार की 10 से 12 लोगों के साथ कुशल चौक के पास बैठक हुई थी। इस बैठक में हिंसा की साजिश को रचा गया था जिसमें यह तय हुआ था कि शोभा यात्रा को कुशल चौक से नहीं गुजरने दिया जाएगा। 

यही मुद्दा था जिसके कारण हिंसा हुई थी। तीसरी बार जब यात्रा यहां से गुजर रही थी तो अंसार यात्रा में पीछे शामिल लोगों से बहस करने लग गया था।  उसके बाद पथराव शुरू हो गया था। पुलिस अधिकारी ने खुलासा किया है कि साजिश को अंजाम देने के लिए एक सप्ताह पहले से ही घरों की छतों पर पत्थर, रोड़ी व ईंटें एकत्रित करना शुरू कर दिया गया था। 

विस्तार

जहांगीरपुरी हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस पश्चिम बंगाल या बांग्लादेशी कनेक्शन खंगालने में लगी है। इसी क्रम में गुरुवार को दिल्ली पुलिस की एक टीम ने पश्चिम बंगाल के पूर्वी मिदनापुर इलाके में दबिश दी। अधिकारियों ने बताया कि टीम ने यहां के रहने वाले आरोपी असलम की मां से पूछताछ की। इस दौरान चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। दरअसल, आरोपियों के आधार कार्ड पर अलग-अलग पते मिले हैं।  

दंगे के आरोपी असलम की मां असपिया बीबी ने बताया कि, मेरे तीनों बेटे असलम अली, मुख्तार अली और अक्सर अली करीब 1.5 महीने पहले दिल्ली गए थे। वे वहां रहकर राजमिस्त्री का काम करते हैं। लेकिन अब दिल्ली पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। 

आधार दिल्ली का घर बंगाल में 

असलम की मां के पास से दिल्ली पते का आधार कार्ड भी मिला है। वह बताती हैं कि, उनके पास दिल्ली पते का आधार कार्ड है, लेकिन पश्चिम बंगाल के मिदनापुर में घर बनने के बाद से वह यहां ही रहने लगीं। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक, टीम ने नंदकुमार थाने के सतीलपुर ग्राम पंचायत इलाके में भी दबिश दी। यहां आरोपी सहजादा के पास दिल्ली पुलिस को आधार कार्ड बरामद हुआ, जिस पर दिल्ली का पता है। वहीं उसके राशन कार्ड में पश्चिम बंगाल का पता है। 

पहले ही रची गई थी हिंसा की साजिश 

जहांगीरपुरी में हनुमान जन्मोत्सव पर शोभा यात्रा के दौरान हिंसा की साजिश एक सप्ताह पहले ही रच ली गई थी जिसे अंजाम देने के लिए छतों पर पत्थर, रोड़ी व ईंटें एकत्रित कर ली गई थीं। शोभा यात्रा में बहस करने वाला आरोपी अंसार ही मुख्य साजिशकर्ता हैं। वह संगठित आपराधिक गिरोह चलाता था। यह खुलासा दिल्ली पुलिस ने गृहमंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट में किया है। 

दिल्ली पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि जहांगीरपुरी हिंसा के अधिकांश आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। जो भी बचे हुए हैं उनकी धरपकड़ के लिए दबिश दी जा रही हैं। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रामनवमी वाले दिन अंसार की 10 से 12 लोगों के साथ कुशल चौक के पास बैठक हुई थी। इस बैठक में हिंसा की साजिश को रचा गया था जिसमें यह तय हुआ था कि शोभा यात्रा को कुशल चौक से नहीं गुजरने दिया जाएगा। 

यही मुद्दा था जिसके कारण हिंसा हुई थी। तीसरी बार जब यात्रा यहां से गुजर रही थी तो अंसार यात्रा में पीछे शामिल लोगों से बहस करने लग गया था।  उसके बाद पथराव शुरू हो गया था। पुलिस अधिकारी ने खुलासा किया है कि साजिश को अंजाम देने के लिए एक सप्ताह पहले से ही घरों की छतों पर पत्थर, रोड़ी व ईंटें एकत्रित करना शुरू कर दिया गया था। 

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