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जलवायु परिवर्तन: मुंबई में ग्रीन हाउस गैस में कमी लाने पर जोर, साल 2050 तक शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Sun, 13 Mar 2022 10:53 AM IST

सार

ग्रीन हाउस गैसें जलवायु में परिवर्तन और अंतत: भूमंडलीय ऊष्मीकरण के लिए उत्तरदायी होती हैं। इनमें सबसे ज्यादा उत्सर्जन कार्बन डाई ऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड, मीथेन, क्लोरो-फ्लोरो कार्बन, वाष्प, ओजोन आदि करती हैं। कार्बन डाई आक्साइड का उत्सर्जन पिछले 10-15 सालों में 40 गुना बढ़ गया है।

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महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में साल 2050 तक शून्य ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन लक्ष्य हासिल करने के लिए बीएमसी आज अपनी जलवायु कार्य योजना का अनावरण करने जा रहा है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई जलवायु कार्य योजना (एमसीएपी) के तहत, बीएमसी ने ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के साथ जल संसाधन प्रबंधन और ऊर्जा दक्षता पर ध्यान केंद्रित करके जलवायु चुनौतियों से निपटने की योजना बनाई है।

एमसीएपी के तहत छह प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित 
एमसीएपी के तहत छह प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा इनमें ऊर्जा दक्षता, स्थायी अपशिष्ट प्रबंधन, वायु गुणवत्ता और टिकाऊ गतिशीलता, शहरी हरियाली और जैव विविधता, शहरी बाढ़ और जल संसाधन प्रबंधन शामिल हैं। इसके अलावा, एमसीएपी में 24 उप-क्षेत्र हैं जिन्हें लागू करने पर विचार किया जाएगा। बीएमसी के अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी।

शून्य उत्सर्जन के लिए बीएमसी का प्लान
महानगर में ग्रीन हाउस गैस में कमी लाने के लिए बीएमसी एक दस्तावेज भी तैयार करेगा जिसमें सार्वजनिक परिवहन, अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने, छोटी दूरी के लिए गैर-मोटर चालित परिवहन (पैदल यात्री और साइकिल चलाने) पर जोर देने, शहर में वन क्षेत्र का दायरा बढ़ाने और ऊर्जा कुशल भवनों के निर्माण पर एक योजना तैयार की जाएगी। इसके अलावा एक जलवायु परिवर्तन सेल होगा। बीएमसी में प्रशासनिक वार्डों और विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए विशेषज्ञों और नागरिक अधिकारियों के साथ योजना को लागू करने  एवं परिणाम प्राप्त करने के लिए पूरी संस्था को तैयार किया जाएगा।

विस्तार

महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में साल 2050 तक शून्य ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन लक्ष्य हासिल करने के लिए बीएमसी आज अपनी जलवायु कार्य योजना का अनावरण करने जा रहा है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई जलवायु कार्य योजना (एमसीएपी) के तहत, बीएमसी ने ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के साथ जल संसाधन प्रबंधन और ऊर्जा दक्षता पर ध्यान केंद्रित करके जलवायु चुनौतियों से निपटने की योजना बनाई है।

एमसीएपी के तहत छह प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित 

एमसीएपी के तहत छह प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा इनमें ऊर्जा दक्षता, स्थायी अपशिष्ट प्रबंधन, वायु गुणवत्ता और टिकाऊ गतिशीलता, शहरी हरियाली और जैव विविधता, शहरी बाढ़ और जल संसाधन प्रबंधन शामिल हैं। इसके अलावा, एमसीएपी में 24 उप-क्षेत्र हैं जिन्हें लागू करने पर विचार किया जाएगा। बीएमसी के अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी।

शून्य उत्सर्जन के लिए बीएमसी का प्लान

महानगर में ग्रीन हाउस गैस में कमी लाने के लिए बीएमसी एक दस्तावेज भी तैयार करेगा जिसमें सार्वजनिक परिवहन, अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने, छोटी दूरी के लिए गैर-मोटर चालित परिवहन (पैदल यात्री और साइकिल चलाने) पर जोर देने, शहर में वन क्षेत्र का दायरा बढ़ाने और ऊर्जा कुशल भवनों के निर्माण पर एक योजना तैयार की जाएगी। इसके अलावा एक जलवायु परिवर्तन सेल होगा। बीएमसी में प्रशासनिक वार्डों और विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए विशेषज्ञों और नागरिक अधिकारियों के साथ योजना को लागू करने  एवं परिणाम प्राप्त करने के लिए पूरी संस्था को तैयार किया जाएगा।

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