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चीन में फिर हाहाकार: शंघाई में कोरोना जांच के लिए भेजी सेना, 2.60 करोड़ लोगों का हो रहा टेस्ट

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, बीजिंग
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Mon, 04 Apr 2022 08:03 AM IST

सार

सोमवार को शंघाई महानगर के 2.60 करोड़ लोगों की जांच का सबसे बड़ा अभियान शुरू हुआ। कई लोगों को तो सूर्योदय से पहले उठकर अपने आवासीय परिसरों में ही जांच के लिए कहा गया। 

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चीन के प्रमुख व्यावसायिक शहर शंघाई में मानो कोरोना बम फूटा है। रविवार को यहां 8000 से ज्यादा केस मिले हैं। चीन ने सोमवार से जांच का बड़ा अभियान छेड़ दिया है। जांच के लिए सेना के जवानों व डॉक्टरों को बड़ी संख्या में मैदान में उतारा गया है। 
सोमवार को शंघाई महानगर के 2.60 करोड़ लोगों की जांच का सबसे बड़ा अभियान शुरू हुआ। कई लोगों को तो सूर्योदय से पहले उठकर अपने आवासीय परिसरों में ही जांच के लिए कहा गया। वहीं कई जांच केंद्रों पर लोग सुबह सुबह पजामे में ही पहुंचकर कतार में खड़े दिखे। चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के 2000 से ज्यादा चिकित्साकर्मियों को रविवार को शंघाई भेजा गया, ताकि वहां कोरोना जांच में नागरिक प्रशासन की मदद की जा सके। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि जियांग्सू, जेजियांग और बीजिंग समेत कई प्रांतों से भी डॉक्टरों व चिकित्साकर्मियों को वहां भेजा गया है। इस तरह करीब 10 हजार से ज्यादा लोगों की टीम जांच अभियान में जुटी है। 

वुहान के बाद सबसे बड़ा अभियान 
चीन के वुहान शहर में 2020 के आरंभ में जब पहली बार कोरोना महामारी का पता चला था तो वहां ऐसा ही बड़ा जांच अभियान छेड़ा गया था। वहां पीएलए ने जांच के लिए अपने 4000 चिकित्सा कर्मियों की टीम भेजी थी। शंघाई में भेजी गई टीम उससे भी बड़ी है। इसमें पीएलए की तीनों इकाइयों के डॉक्टर व अन्य चिकित्साकर्मी शामिल हैं। 

दो चरणों में लॉकडाउन
शंघाई में पिछले सोमवार को दो-चरणों में लॉकडाउन किया गया था। इसमें सभी लोगों को घरों में कैद रहने को कहा गया है। यहां रविवार को 8,581 एसिम्टोमैटिक और 425 सिम्टोमैटिक केस मिले थे। जांच अभियान के दौरान शहरवासियों का न्यूक्लिक एसिड टेस्ट किया जा रहा है। वहीं, नागरिकों को अपने स्तर पर एंटीजन टेस्ट के लिए भी कहा गया है। 

वैश्विक मानदंडों के मुताबिक शंघाई में कोराना की लहर ज्यादा तेज नहीं है, लेकिन चीन जिस ढंग से कोराना टेस्टिंग, ट्रैसिंग व क्वारंटाइन के कदम कर महामारी पर काबू पाता है, उस लिहाज से यह अहम है। चीन में सख्त क्वारंटाइन नियम हैं, उसके तहत सभी संक्रमित मरीजों व उनके संपर्क में आए लोगों को अन्य लोगों से अलग कर दिया जाता है। 

क्वारंटाइन केंद्रों पर भीड़, स्वच्छता की कमी व खाने-पीने के सामान व आवश्यक दवाओं की कमी से वहां भेजे गए मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उधर, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने महामारी पर तेजी व सख्ती से काबू पाने का निर्देश दिया है। 

विस्तार

चीन के प्रमुख व्यावसायिक शहर शंघाई में मानो कोरोना बम फूटा है। रविवार को यहां 8000 से ज्यादा केस मिले हैं। चीन ने सोमवार से जांच का बड़ा अभियान छेड़ दिया है। जांच के लिए सेना के जवानों व डॉक्टरों को बड़ी संख्या में मैदान में उतारा गया है। 

सोमवार को शंघाई महानगर के 2.60 करोड़ लोगों की जांच का सबसे बड़ा अभियान शुरू हुआ। कई लोगों को तो सूर्योदय से पहले उठकर अपने आवासीय परिसरों में ही जांच के लिए कहा गया। वहीं कई जांच केंद्रों पर लोग सुबह सुबह पजामे में ही पहुंचकर कतार में खड़े दिखे। चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के 2000 से ज्यादा चिकित्साकर्मियों को रविवार को शंघाई भेजा गया, ताकि वहां कोरोना जांच में नागरिक प्रशासन की मदद की जा सके। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि जियांग्सू, जेजियांग और बीजिंग समेत कई प्रांतों से भी डॉक्टरों व चिकित्साकर्मियों को वहां भेजा गया है। इस तरह करीब 10 हजार से ज्यादा लोगों की टीम जांच अभियान में जुटी है। 

वुहान के बाद सबसे बड़ा अभियान 

चीन के वुहान शहर में 2020 के आरंभ में जब पहली बार कोरोना महामारी का पता चला था तो वहां ऐसा ही बड़ा जांच अभियान छेड़ा गया था। वहां पीएलए ने जांच के लिए अपने 4000 चिकित्सा कर्मियों की टीम भेजी थी। शंघाई में भेजी गई टीम उससे भी बड़ी है। इसमें पीएलए की तीनों इकाइयों के डॉक्टर व अन्य चिकित्साकर्मी शामिल हैं। 

दो चरणों में लॉकडाउन

शंघाई में पिछले सोमवार को दो-चरणों में लॉकडाउन किया गया था। इसमें सभी लोगों को घरों में कैद रहने को कहा गया है। यहां रविवार को 8,581 एसिम्टोमैटिक और 425 सिम्टोमैटिक केस मिले थे। जांच अभियान के दौरान शहरवासियों का न्यूक्लिक एसिड टेस्ट किया जा रहा है। वहीं, नागरिकों को अपने स्तर पर एंटीजन टेस्ट के लिए भी कहा गया है। 

वैश्विक मानदंडों के मुताबिक शंघाई में कोराना की लहर ज्यादा तेज नहीं है, लेकिन चीन जिस ढंग से कोराना टेस्टिंग, ट्रैसिंग व क्वारंटाइन के कदम कर महामारी पर काबू पाता है, उस लिहाज से यह अहम है। चीन में सख्त क्वारंटाइन नियम हैं, उसके तहत सभी संक्रमित मरीजों व उनके संपर्क में आए लोगों को अन्य लोगों से अलग कर दिया जाता है। 

क्वारंटाइन केंद्रों पर भीड़, स्वच्छता की कमी व खाने-पीने के सामान व आवश्यक दवाओं की कमी से वहां भेजे गए मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उधर, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने महामारी पर तेजी व सख्ती से काबू पाने का निर्देश दिया है। 

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